भारतीय सेना ने उन खबरों का पुरजोर खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि पूर्वी लद्दाख के बुर्तसे में चीनी सेना के साथ झड़प हुई है. भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान जारी कर ऐसी खबरों को फर्जी करार दिया है.
सोशल मीडिया पर इस तरह की खबर सामने आई थी कि बुर्तसे में भारत और चीन की सेनाओं के बीच झड़प हुई है. खबरों में बाकायदा जिस पैट्रोलिंग पॉइंट पर झड़प हुई है उसके साथ-साथ भारतीय सेना की रेजिमेंट तक की जानकारी दी गई थी.
जिस बुर्तसे इलाके के बारे में झड़प की जानकारी साझा की गई थी वो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के विवादित डेप्संग प्लेन का हिस्सा है. वर्ष 2013 से भारत और चीन की सेनाओं के बीच इस इलाके को लेकर तनाव चल रहा है.
हाल ही में चीन ने वर्ष 2020 से पहले के विवादित इलाकों को लेकर बातचीत शुरु करने पर सहमति जताई थी. पिछले चार सालों से चीन लीगेसी विवादों को सुलझाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा था. ऐसे में दोनों देशों के बीच तनातनी चल रही थी.
पिछले चार सालों से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर दोनों देशों के 50-50 हजार सैनिक, टैंक, तोप और मिसाइल तरफ तैनात हैं. इसके कारण एलएसी पर स्थिति तनावपूर्ण बनी रहती है.
चीन का मानना था कि मई-जून 2020 में गलवान घाटी की झड़प के दौरान जिन पांच
इलाकों में विवाद हुआ था, उन्हें मिलिट्री कमांडर्स स्तर की बातचीत के जरिए सुलझा लिया गया है. ऐसे में एलएसी पर विवाद समाप्त हो चुका है.
भारत ने चीन को दो टूक कह दिया है कि एलएसी पर शांति तभी आ सकती है जब लीगेसी विवादों को भी सुलझाया जाए. ऐसे में अब चीन भी इन विवादित इलाकों को लेकर राजी हो गया है.
करीब 10 दिन पहले ही भारत और चीन के बीच डब्लूएमसीसी यानी वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कन्सलटेशन एंड कॉर्डिनेशन पर मीटिंग हुई थी.