July 5, 2024
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पाकिस्तानी सेना के हाथ में चुनाव का रिमोट कंट्रोल !

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में अबतक जो सेना ने चाहा, वही होता आया है. सेना ने चाहा तो तख्तापलट हो गया, सेना ने चाहा तो उनकी पसंद का चेहरा पीएम बन गया. पाकिस्तानी सेना का सरकार पर ऐसा दबदबा है कि उनकी मर्जी से सरकार कोई फैसला नहीं ले सकती. सेना ने चाहा तो नवाज शरीफ पाकिस्तान आ गए. सेना ने चाहा तो नवाज शरीफ को मुल्क से बाहर चले गए. पर चुनाव में अबतक के जो नतीजे आए हैं, वो चौंकाने वाले हैं. 

पहली बार पाकिस्तानी सेना के मन मुताबिक नतीजे नहीं आ रहे हैं. इस बार के चुनाव में सेना चाहती है कि नवाज शरीफ प्रधानमंत्री बनें पर रुझानों में जब नवाज की पार्टी को क्रिकेटर इमरान की पार्टी ने क्लीन बोल्ड करने लगी तो पाकिस्तानी सेना एक्टिव हो गई है.

इमरान खान की पार्टी और उनके समर्थक उम्मीदवार तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. अभी तक 53 सीटों पर नतीजे आ गए हैं जिनमें से 18 पर इमरान के समर्थक जीत गए हैं जबकि नवाज शरीफ की पार्टी 17 सीटों पर जीती है और बिलावल भुट्टो 15 सीटों पर जीत चुके हैं. पाकिस्तान में वोटों की काउंटिंग जारी है. जेल में बंद इमरान खान के समर्थक बड़ी जीत की ओर बढ़ रहे हैं. लेकिन खबर है कि इमरान को नुकसान पहुंचाने के लिए सेना का प्लान तैयार है. 

इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ ने चुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन किया है. जेल में रहने के बावजूद इमरान की पार्टी के नेताओं ने नवाज के उम्मीदवारों को पटखनी दे दी है. इमरान की पार्टी के सभी उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव मैदान में थे. ना सिर्फ इमरान खान बल्कि उनकी पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेता भी अलग-अलग मामलों में जेलों में बंद हैं. चूंकि पाकिस्तानी सेना के पसंद की पार्टी जीत नहीं रही, लिहाजा सेना का प्लान है इमरान समर्थक नेताओं का पाला बदलवाना और जीत के बाद नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ज्वाइन करवाना. 

पाकिस्तानी मीडिया के दावों पर यकीन किया जाए तो पाकिस्तानी सेना दलबदल के लिए कई इमरान समर्थक उम्मीदवारों के संपर्क में भी हैं. जैसे ही वोटों की गिनती शुरु की गई, पाकिस्तान मीडिया में खबरें आईं की इमरान की पार्टी चुनावों में आगे चल रही है, जबकि नवाज शरीफ अपनी दोनों सीटें हार गए. पर थोड़ी ही देर बार बताया गया कि नवाज शरीफ चुनाव जीत गए हैं, क्योंकि यहां शुरु हो गया था पाकिस्तानी आर्मी और आईएसआई का खेल. मीडिया पर भ्रामक खबरे देने का आरोप लगाया गया.

पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने कह दिया कि जीत या हार हम लोग बताएंगे मीडिया नहीं. इसके बाद पाकिस्तान में चुनाव आयोग ने नतीजे जारी करने में देरी की. चुनाव आयोग का दावा है कि इंटरनेट ना होेने के चलते चुनाव नतीजों में देरी हो रही है.  उधर इमरान की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि उनकी पार्टी के उम्मीदवार जीत रहे हैं, इसलिए नतीजों में देरी की जा रही है. समर्थकों ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए कई जगह हंगामा भी किया.  

इमरान समर्थक औऱ पंजाब प्रांत के पूर्व सीएम चौधरी परवेज ने कुछ तस्वीरें शेयर की हैं जिसमें बैलट पेपर जला हुआ दिखाई दे रहा है. चौधरी परवेज का दावा है कि पीटीआई समर्थकों को चुनाव हरवाया जा रहा है. इमरान के समर्थकों ने कहा है कि पाकिस्तान की जनता धांधली स्वीकार नहीं करेगी. पाकिस्तान में सरेआम जनादेश की चोरी हो रही है. लोग दमन बर्दाश्त नहीं करेंगे. ऐसे में एक बार फिर से वैसी ही हिंसा भड़कने का अंदेशा है, जैसे इमरान खान के गिरफ्तार किए जाने पर हुआ था. उस वक्त सेना की गाड़ियां फूंक दी गई थी, कई इमारतों में इमरान समर्थकों ने आग लगा दी थी, राष्ट्रपति भवन तक इमरान के समर्थक घुस गए थे, लाहौर, कराची, रावलपिंडी, इस्लामाबाद कई शहरों में गृहयुद्ध छिड़ गया था.  

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