ईरान-इजरायल जंग (13-23 जून) के बाद भारत और तेहरान के बीच खाई खोदने की साजिश का खुलासा हुआ है. ये खाई सोशल मीडिया पर ईरान के नाम से फर्जी अकाउंट्स के जरिए की जा रही है. इसकी पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां की करतूत दिखाई पड़ रही है.
राजधानी दिल्ली में ईरान के दूतावास ने खुद इन फर्जी अकाउंट्स का खुलासा किया है. ईरान के नाम से बने इन दर्जनों अकाउंट्स से भारत-विरोधी बयान पोस्ट किए जा रहे हैं. ‘ईरान-वॉच’, ‘ईरान-वॉयस’, ‘ईरान अपडेट’, ‘ईरान आर्म्ड फोर्सेज’ इत्यादि जैसे अकाउंट से उल्टी-सीधी पोस्ट की जा रही है, जिससे दिल्ली और तेहरान के बीच संबंधों पर असर पड़ सकता है.
इन फर्जी अकाउंट्स के जरिए झूठा प्रचार किया जा रहा है की हालिया ईरान-इजरायल जंग में भारत के रुख से ईरान नाराज है. ऐसे में ईरान ने भारत से चाबहार बंदरगाह का संचालन वापस ले लिया है. ईरान की डिफेंस मिनिस्ट्री के नाम से एक फेक अकाउंट से कहा जा रहा है कि भारत ने अमेरिका को बी 2 बॉम्बर को अपनी एयरस्पेस इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी. ऐसे में ईरान, भारत से नाराज है.
भारत ने की ईरान पर हमले की निंदा
दरअसल, जून के महीने में ईरान और इजरायल के बीच दस (10) दिनों तक युद्ध हुआ था. युद्ध के आखिरी चरण में अमेरिका ने बी2 बॉम्बर्स के जरिए ईरान के तीन (03) न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया था. इसके लिए अमेरिका ने अटलांटिक महासागर और यूरोप के रास्ते अपने एयरक्राफ्ट भेजे थे. लेकिन बॉम्बर्स का एक डिकॉय पैकेज प्रशांत महासागर के जरिए डिएगो गार्सिया भेजा गया था. डिएगो गार्सिया, हिंद महासागर में अमेरिकी मिलिट्री बेस है. ऐसे में मनगढ़ंत कहानियां बनाकर भारत और ईरान के बीच दूरी बनाने की कोशिश की जा रही है.
हाल ही में ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स समिट (6-7 जुलाई) के दौरान भारत सहित सभी सदस्य देशों ने ईरान पर हुए हमलों की कड़ी निंदा की थी. बावजूद इसके कुछ देश ऐसे हैं जो भारत और ईरान के संबंधों में फूट पड़वाना चाहते हैं.
फेक नैरेटिव के पीछे पाकिस्तान
दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास ने सीधे इस बात का खुलासा नहीं किया कि इन फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स के पीछे कौन है, लेकिन इशारा जरूर कर दिया. ईरानी दूतावास ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर कराची से संचालित एक फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट की जरूर जानकारी दी.
साफ है कि भारत और ईरान के करीबी संबंध पाकिस्तान के गले नहीं उतर नहीं है. ऐसे में फेक नैरेटिव के जरिए असीम मुनीर की फौज और खुफिया एजेंसी आईएसआई, ऐसी साजिश रच रही है. जबकि हकीकत ये है कि व्हाइट हाउस में लंच के दौरान पाकिस्तान के फेल्ड (फील्ड) मार्शल असीम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ईरान के खिलाफ हर संभव मदद का भरोसा दिया था.
कहा तो ये भी गया था कि मुनीर ने ट्रंप को पाकिस्तानी की एयर-स्पेस से लेकर एयरबेस तक ईरान के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए खोल दिए थे.