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पाकिस्तान ने काराकोरम हाईवे उड़ाया, CPEC बना जी का जंजाल

अशांत खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में शिया-सुन्नी दंगों के बाद अब गिलगित-बाल्टिस्तान में भी लोग सड़कों पर उतर आए हैं. गुस्साए लोगों को प्रदर्शन करने से रोकने के लिए पाकिस्तानी सेना ने चीन की मदद से बनाए काराकोरम हाईवे को ही बम से उड़ा दिया है. इस हाईवे को चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी या सीपेक) के तहत हाल ही में बनाया गया था. लेकिन अब डेटोनेटर के जरिए उडा दिया गया है. 

सीपेक हाईवे पर डेटोनेशन का वीडियो भी सामने आया है. इस वीडियो में हाईवे पर गाड़ियों का काफिला रुका हुआ है और बम ब्लास्ट के चलते पहाड़ का मलबा सड़क पर आकर गिर जाता है जिससे मार्ग अवरूद्ध हो जाता है. 

दरअसल, खैबर-पख्तूनख्वा के कुर्रम इलाके में शिया समुदाय के नरसंहार से स्कार्दू में रहने वाले शिया लोग भी आग-बबूला हैं. यही वजह है कि गिलगित-बाल्टिस्तान में भी शिया समुदाय सड़कों पर है. लोगों का आरोप है कि स्कार्दू, कुर्रम, पारचिनार और कराची से लेकर क्वेटा (बलूचिस्तान) में हर जगह शिया समुदाय पर अत्याचार हो रहे हैं और टारगेट किलिंग हो रही है. ऐसे में स्थानीय लोग पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे हैं. 

चीन ने शिंजियांग प्रांत को अरब सागर से जोड़ने के लिए सीपेक के तहत काराकोरम दर्रे से लेकर बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट तक हाईवे बनाया है. इसे हाईवे के जरिए खाड़ी देशों से तेल इत्यादि का एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट में कम समय लगता है. जबित समुद्री मार्ग से एक लंबा वक्त लगता था. लेकिन अब ये हाईवे ही पाकिस्तान की जी का जंजाल बन गया है. (https://x.com/Kashmir_Fact/status/1860658927555244137)

दुनिया के हर मंच पर कश्मीर का रोना रोने वाले पाकिस्तान में हालात बेकाबू हो गए हैं. पिछले तीन दिनों में हिंसा और दंगों में 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. जबकि 150 से ज्यादा लोग गंभीर तौर पर घायल हुए हैं. ये हिंसा खैबर पख्तूनख्वा इलाके में यात्री बस में बैठे 50 लोगों की हत्या के बाद भड़की है. 

कुर्रम में मोबाइल नेटवर्क निलंबित कर दिया गया है और मुख्य राजमार्ग पर ट्रैफिक का आवाजाही को रोका गया है. सुन्नी और शिया समुदाय में भड़की हिंसा में पाकिस्तान पुलिस भी लाचार नजर आ रही है.

सुन्नी-शिया समुदायों के बीच हिंसक संघर्ष
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम इलाके में टेंशन बढ़ गई है. गुरुवार को एक यात्री बस पर कुछ हथियारबंद लोगों ने फायरिंग की थी, जिसमें महिला और बच्चे समेत 50 लोगों की मौत हो गई थी. शुक्रवार को प्रदर्शन के बाद कुर्रम इलाके में कुछ इस कदर हिंसा भड़क गई की पिछले तीन दिनों में हालात बदतर हो गए. शिया-सुन्नी की हिंसक झड़प में तकरीबन 82 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें 16 सुन्नी, जबकि 66 शिया लोग हैं.

आगजनी के चपेट में आया वार्ताकारों का हेलीकॉप्टर
प्रांतीय सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को शिया समुदाय के लोगों से बात की. तो रविवार को सुन्नी समुदाय के लोगों को समझाने की कोशिश की जाएगी.  हिंसा इस कदर फैली हुई है कि वार्ताकारों का हेलीकॉप्टर तक आगजनी की चपेट में आ गया. प्रांतीय कानून मंत्री आफताब आलम अफरीदी ने रविवार को कहा, “हमारी प्राथमिकता दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम कराना है. एक बार यह हासिल हो जाए, तो हम अन्य मुद्दों के समाधान की कोशिश शुरू कर सकते हैं.”

ईरान समर्थित शिया समूह जैनीबियून ने खाई कसम
गुरुवार को शिया यात्रियों की हत्या के बाद शिया समूह जैनीबियून भड़का हुआ है. बैन शिया ऑर्गेनाइजेशन जैनबियून ब्रिगेड ने कहा है कि वो निर्दोष लोगों की हत्या का बदला लेंगे. माना जा रहा है कि हिंसा के पीछे यह ग्रुप हो सकता है. स्थानीय लोग खौफजदा हैं और कुर्रम इलाके से लगातार पलायन जारी है. 

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