भारत की तर्ज पर स्वतंत्र विदेश नीति बनाने के चक्कर में पाकिस्तान एक बार फिर छब्बे बन गया है. इस्लामाबाद के दौरे पर गए ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात के दौरान कश्मीर पर एक शब्द नहीं कहा है. वहीं, अमेरिका ने भी चेतावनी दे दी है कि अगर ईरान के साथ तेल के लिए पाइप लाइन बनाने की सोची तो पाकिस्तान प्रतिबंधों के लिए तैयार रहे.
सोमवार को ईरान के राष्ट्रपति रईसी तीन दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान पहुंचे. रईसी ऐसे समय इस्लामाबाद पहुंचे जब मिडिल ईस्ट में ईरान का इजरायल से जबरदस्त विवाद चल रहा है. 13 अप्रैल को ईरान के हवाई हमले के बाद इजरायल बदला लेने की तैयारी कर रहा है. इस्लामाबाद में रईसी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से मुलाकात की तो शरीफ ने एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापना शुरु कर दिया. लेकिन रईसी ने अपने वक्तव्य में कश्मीर का एक बार भी जिक्र नहीं किया. ऐसे में शरीफ को जरूर झटका लगा होगा. हालांकि, रईसी ने फिलिस्तीन और गाजा के बारे में जरूर बात की.
रईसी का दौरा इसलिए भी दोनों देशों के लिए बेहद अहम है क्योंकि जनवरी के महीने में ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकी संगठन जैश ए अदल के ठिकानों पर हवाई हमले किए थे. उसके बाद से दोनों देशों के संबंधों में जबरदस्त तनाव आ गया था. गुस्साए पाकिस्तान ने भी ईरान के सीमावर्ती इलाकों में बिना वार-हेड की मिसाइलों से हमला किया था. दोनों देशों के बीच करीब 900 किलोमीटर लंबा बॉर्डर है. ऐसे में ईरान अपने पड़ोसी देशों से सीमा-संबंध सुधारना चाहता है ताकि इजरायल के हमले की चुनौती से निपटा जा सके. पाकिस्तान इसलिए संबंध सुधारना चाहता है क्योंकि दूसरे पड़ोसी देश अफगानिस्तान से सीमा पर विवाद चल रहा है.
शरीफ से मुलाकात के बाद रईसी ने विज्ञान, तकनीक और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में पाकिस्तान की मदद का वादा किया. दोनों देशों के बीच कृषि, संस्कृति, स्वास्थ्य, विज्ञान और तकनीक जैसे क्षेत्रों में कई समझौते हुए. पाकिस्तान को एक बड़ा झटका गैस पाइप लाइन को लेकर लगा. पाकिस्तान चाहता था कि ईरान से गैस लेने के लिए पाइप लाइन का निर्माण किया जाए. लेकिन रईसी की यात्रा से पहले ही अमेरिका ने दो टूक कह दिया कि अगर पाकिस्तान ने इस पाइपलाइन को लेकर कोई प्लान बनाया तो प्रतिबंध के लिए तैयार रहे.
रईसी की यात्रा से पहले अमेरिका पहले ही पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोजेक्ट को एक बड़ा झटका दे चुका है. अमेरिका ने पाकिस्तान के इस प्रोजेक्ट में मदद करने वाली चीन की तीन और बेलारुस की एक कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. साफ है कि भारत की तर्ज पर पाकिस्तान अपनी विदेश नीति बनाने की तैयारी कर रहा था लेकिन साफ है कि इस्लामाबाद के लिए ये डगर इतनी आसान नहीं होगी (रईसी का पाकिस्तान दौरा, यूएस से मिला शॉक).