पाकिस्तान बयानबाजी में संयम बरते, नहीं तो किसी भी तरह के दुस्साहस का नतीजा दर्दनाक होगा. इसी तरह के सख्त शब्दों में भारतीय विदेश मंत्रालय ने फेल्ड मार्शल असीम मुनीर, पीएम शहबाज शरीफ और पाकिस्तानी नेता बिलावल भुट्टो को चेतावनी दी है.
असीम मुनीर ने भारत को न्यूक्लियर हमले की गीदड़भभकी दी थी, तो शहबाज शरीफ ने कहा था कि पाकिस्तान, भारत को उसके हक का एक भी बूंद पानी नहीं छीनने देगा. पाकिस्तान की इन धमकियों का भारत ने करारा जवाब दिया है. भारत ने चेतावनी दी है, सुधर जाओ नहीं तो बख्शेंगे नहीं.
नाकामी छिपाने के लिए पाकिस्तानी नेतृत्व बयानबाजी करता है: रणधीर जायसवाल
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान को जबर्दस्त लताड़ लगाई है. रणधीर जायसवाल ने कहा, “पाकिस्तान के नेतृत्व द्वारा भारत के खिलाफ युद्ध भड़काने वाले बयान उनकी पुरानी आदत है. यह उनकी नाकामियों को छुपाने की कोशिश है. हम पाकिस्तान को सलाह देते हैं कि वह अपनी बयानबाजी में संयम बरते. किसी भी तरह के दुस्साहस का नतीजा दर्दनाक होगा.”
सिंधु जल संधि में मध्यस्थता कोर्ट के फैसले को विदेश मंत्रालय ने किया खारिज
रणधीर जायसवाल ने सिंधु जल संधि के संबंध में मध्यस्थता कोर्ट के उस फैसले पर भी टिप्पणी की है जिसमें कहा गया है कि भारत को पाकिस्तान की तरफ जाने वाली नदियों का पानी नहीं रोकना चाहिए था. विदेश मंत्रालय ने सिंधु जल समझौते को लेकर मध्यस्थता न्यायालय के फैसले को भारत ने पूरी तरह खारिज कर दिया है.
रणधीर जायसवाल ने कहा, “भारत ने इस तथाकथित कोर्ट की वैधता, अधिकारिता या सक्षमता को कभी स्वीकार नहीं किया. इसके फैसले का कोई कानूनी आधार नहीं है और यह भारत के जल उपयोग के अधिकारों पर कोई प्रभाव नहीं डालता. 27 जून 2025 को भारत सरकार ने एक संप्रभु निर्णय के तहत इस संधि को सस्पेंड कर दिया था. यह फैसला पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा-पार आतंकवाद, खासकर पहलगाम हमले के जवाब में लिया गया था.”
भारत और अमेरिका मजबूत साझेदार, पीएम के यूएनजीए की यात्रा पर अभी फैसला नहीं: विदेश मंत्रालय
ऐसी खबरें हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेने के लिए न्यूयॉर्क जा सकते हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा है, कि अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है.
वहीं अमेरिका के साथ चल रहे टैरिफ विवाद पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है, जो साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और मजबूत जन-जन के रिश्तों पर टिकी है. यह रिश्ता कई बदलावों और चुनौतियों से गुजरा है, लेकिन हमारा फोकस आपसी सम्मान और साझा हितों पर आधारित रिश्ते को आगे बढ़ाने पर है.”
अमेरिका के साथ रक्षा सहयोग अहम स्तंभ है: विदेश मंत्रालय
रणधीर जायसवाल ने इस बात की पुष्टि की है भारतीय सेना और अमेरिकी सेना के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास होगा. जायसवाल ने बताया कि “अगस्त के मध्य में अमेरिका की एक डिफेंस पॉलिसी टीम भारत का दौरा करेगी. इसके अलावा, 21वां संयुक्त सैन्य अभ्यास इस महीने अलास्का में होगा. दोनों देश इस महीने के अंत में 2+2 इंटरसेशनल मीटिंग भी आयोजित करने जा रहे हैं. रक्षा सहयोग हमारे द्विपक्षीय रिश्तों का एक अहम स्तंभ है, जो सभी क्षेत्रों में मजबूत हुआ है.”
डी डॉलराइजेशन भारत का एजेंडा नहीं: रणधीर जायसवाल
विदेश मंत्रालय ने बताया कि “भारत ब्रिक्स समूह का सक्रिय सदस्य है और साझा हितों के मुद्दों पर अन्य सदस्य देशों के साथ निरंतर संपर्क में है. वैकल्पिक मुद्रा और डी-डॉलराइजेशन पर भारत का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि यह भारत के वित्तीय एजेंडे का हिस्सा नहीं है.”
आपको बता दें कि पिछले साल हुई ब्रिक्स की बैठक में डॉलर के मुकाबले एक नई मुद्रा लाने की बात कही गई थी. जिसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति भड़के हुए है. ट्रंप ने कहा था, कि डॉलर को खत्म करने का एजेंडा रखने वालों को भुगतना होगा. हालांकि भारत पहले ही कह चुका है, कि डॉलर को रिप्लेस करना एजेंडा नहीं है.