गोवा के करीब कारवार में बन रहा एशिया के सबसे बड़े मेरीटाइम बेस का बंदरगाह करीब छह किलोमीटर लंबा होगा जहां एक साथ 50 से ज्यादा युद्धपोत, पनडुब्बियां और यार्डक्राफ्ट (छोटे शिप) डॉक कर सकेंगे. खास बात ये है कि इस बेस का ड्राई-बर्थ कुतुबमीनार से ऊंचा होगा.
प्रोजेक्ट सीबर्ड के तहत उत्तरी कर्नाटक के कारवार में तैयार किए जा रहा ये नेवल बेस 25 किलोमीटर एरिया में फैला होगा. मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बेस में नौसैनिकों के रिहायशी टॉवर का उद्घाटन करेंगे. नौसेना के मुताबिक, कारवार के प्रोजेक्ट सीबर्ड का मुख्य आकर्षण होगा 75 मीटर कवर ड्राई-बर्थ, जो कुतुबमीनार से ऊंचा होगा. ये ड्राई-बर्थ 33 हजार स्क्वायर मीटर एरिया में फैला होगा. इस बर्थ में युद्धपोत के डॉक करने के साथ-साथ चार जहाज का मेंटेनेंस भी हो सकता है. प्रधानमंंत्री के नेतृत्व वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) प्रोजेक्ट सीबर्ड के दूसरे फेज के लिए मंजूरी दे चुकी है.
सीबर्ड प्रोजेक्ट के तहत कारवार में नेवी और कॉमर्शियल ग्रीन-फील्ड नेवल एयर स्टेशन होगा जिसका 2700 मीटर लंबा रनवे होगा. इस एयर स्टेशन से भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात होने वाले फाइटर जेट इत्यादि को मदद तो मिलेगी ही साथ ही सिविल एन्कलेव भी होगा जहां कॉमर्शियल फ्लाइट के ऑपरेशन्स हो सकेंगे.
प्रोजेक्ट सीबर्ड के फेज-2ए में चार अलग-अलग टाउनशिप होंगे जिसमें 10 हजार नौसैनिक, नेवल ऑफिसर्स और डिफेंस सिविलियन स्टाफ के रहने के लिए आवासीय परिसर होंगे. इंडियन नेवी के मुताबिक, कारवार स्थित नेवल बेस के निर्माण से 7000 लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा और देशभर में करीब 20 हजार जॉब पैदा होंगी. जब कारवार में एशिया का सबसे बड़ा नेवल बेस पूरी तरह ऑपरेशन्ल हो जाएगा तो यहां 50 हजार लोग रह पाएंगे.
दरअसल, प्रोजेक्ट सीबर्ड दो चरणों में तैयार किया गया है. पहले चरण में कारवार बेस पर 10 जहाज के डॉक करने के लिए तैयार किया गया है जो वर्ष 2011 में पूरा हो गया था. इसके अलावा यहां पर 10 हजार टन का शिप-लिफ्ट, ड्राई-बर्थ, नेवल शिप रिपेयर यार्ड और हथियारों के रख-रखाव की फैसिलिटी शामिल है. पहले फेज में एक हजार नौसैनिकों और सिविल डिफेंस कर्मियों के रहने का इंतजाम किया गया है.
मंगलवार को कारवार में रक्षा मंत्री दो पियर्स और सात रेजीडेंशल टॉवर का उद्धघाटन करेंगे जिसमें 320 घर सहित 149 सिंगल ऑफिसर्स रेसीडेंस हैं.
मंगलवार को ही रक्षा मंत्री की मौजूदगी में भारतीय नौसेना का अर्द्ध-वार्षिक नेवल कमांडर्स कॉन्फ्रेंस आयोजित किया जाएगा. ये सम्मलेन हाईब्रीड फॉर्मेट में होने जा रहा है जिसमें पहला चरण समंदर में होगा. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सशस्त्र सेनाओं के सभी टॉप कमांडर नौसेना के दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य के एक साथ टूइन कैरियर ऑपरेशन देखेंगे.
ये सम्मलेन ऐसे समय में हो रहा है जब पिछले छह महीने से इजरायल-हमास युद्ध के चलते हिंद महासागर में जियो-पॉलिटिक समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं. इस दौरान लाल सागर में व्यापारिक जहाज पर ड्रोन और मिसाइल अटैक, हाईजैकिंग और पायरेसी की घटनाओं में बड़ा इजाफा हुआ है. हिंद महासागर में सुरक्षा की दृष्टि से फर्स्ट-रेस्पोंडर होने के नाते देश की ट्राइ-सर्विस (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के लिए ये सम्मलेन बेहद अहम हो जाता है.
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