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बांग्लादेश में सेना के खिलाफ प्रदर्शन, यूनुस की हिंदुओं को सुरक्षित रखने की अपील

बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों की पसंदीदा सरकार बनने के बावजूद भी हिंसा जारी है. ताजा हमला बांग्लादेशी सेना के जवानों पर किया गया है. सेना के जवानों और अवामी लीग के समर्थकों के बीच हुई तीखी झड़प के बाद भीड़ ने सेना के वाहन को आग के हवाले कर दिया. घटना में सेना के जवानों, पत्रकारों और स्थानीय लोगों सहित करीब 15 लोग घायल हो गए हैं, वहीं 4 लोगों को गोली भी लगी है. 

अब बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने हिंदुओं और बाकी अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले पर बड़ा बयान दिया है. मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि “हिंदुओं पर हो रहा हमला जघन्य अपराध है.”

बांग्लादेश में आर्मी पर अटैक, शेख हसीना की वापसी की मांग

भारत में रह रहीं बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की देश में वापसी की मांग करते हुए, हजारों अवामी लीग के नेता, कार्यकर्ता और स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन किया. उग्र प्रदर्शन को रोकने के लिए जब सेना के जवानों ने लोगों को तितर बितर करने की कोशिश की तो भीड़ ने जवानों पर हमला कर दिया. गुस्साई भीड़ ने ईट फेकीं और सेना के वाहन को आग की हवाले कर दिया. जिसके बाद सेना ने फायरिंग की. गोलीबारी में बच्चे समेत 4 लोग घायल हुए हैं. झड़प में जवानों समेत तकरीबन 15 लोग घायल हुए हैं.

क्या हिंदू अल्पसंख्यक हमारे नहीं हैं, उन्हें बचाएं: मोहम्मद यूनुस

मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की सत्ता संभालने के बाद देश में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की कड़ी निंदा की है. प्रदर्शनकारियों और युवाओं को चेतावनी देते हुए मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि ” क्या वो इस देश के लोग नहीं हैं? आप देश को बचाने में सक्षम हैं, क्या आप कुछ परिवारों को नहीं बचा सकते? युवाओं को ये कहना होगा – कोई उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता. वो मेरे भाई हैं; हम एक साथ लड़े, और हम एक साथ रहेंगे.”

अपने प्रयासों को असफल ना होने दें युवा: मोहम्मद यूनुस

बांग्लादेश के रंगपुर शहर में बेगम रोकेया विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए मोहम्मद यूनुस ने कहा “यह बांग्लादेश, अब आपके हाथों में है. आप इसे जहां चाहें वहां ले जाने की शक्ति रखते हैं. आपके प्रयासों को व्यर्थ करने के लिए कई लोग खड़े हैं. इस बार असफल न हों.”

यूनुस ने रंगपुर में छात्र नेता अबू सईद के परिवार से मुलाकात की. अबू सईद बांग्लादेश में गोलीबारी में मारे गए थे. अबू सईद ने ही शेख हसीना सरकार के खिलाफ सबसे पहले आंदोलन की शुरुआत की थी. अबू सईद के परिवार से मुलाकात के बाद अबू सईद के नाम से प्रदर्शनकारियों और छात्रों को सलाह दी. मोहम्मद यूनुस ने कहा, “हमें उसी तरह खड़ा होना होगा जैसे अबू सईद खड़े थे, अबू सईद की मां हर किसी की मां है. हमें उसकी रक्षा करनी है, उसकी बहनों की रक्षा करनी है, उसके भाइयों की रक्षा करनी है. सभी को इसे मिलकर करना होगा, अबू सईद अब घर-घर में है.”

बांग्लादेश में हिंदुओं का प्रदर्शन तेज हुआ

हजारों हिंदू आंदोलनकारियों ने देश के विभिन्न हिस्सों में अपने घरों, दुकानों और मंदिरों पर हमलों के विरोध में  लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. शाहबाग चौराहे पर हिंदू संगठनों ने ‘हिंदुओं को बचाओ’,” ‘मेरे मंदिरों और घरों को क्यों लूटा जा रहा है? हम जवाब चाहते हैं’, ‘स्वतंत्र बांग्लादेश में हिंदू उत्पीड़न जारी नहीं रहेगा’, ‘धर्म व्यक्तियों के लिए है, राज्य सभी के लिए है’, ‘हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें’, जैसे नारे लगाए.

हिंदुओं पर हमले के खिलाफ अमेरिका में आक्रोश
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले के खिलाफ अब अमेरिका में भी प्रदर्शन हुआ है. वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के बाहर बड़ी तादाद में लोगों ने हिंदुओं पर हो रहे हमलों के विरोध में प्रदर्शन किया. वहीं भारतीय मूल के दो प्रमुख अमेरिकी सांसदों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हो रहे हमलों को रोकने के लिए अमेरिका के सीधे हस्तक्षेप की मांग की है. विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को लिखी चिट्टी में अमेरिकी सांसद श्री थानेदार और सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि “मोहम्मद यूनुस के बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालने के साथ, अमेरिका का यह दायित्व है कि वह 

 हिंसा और अशांति समाप्त करने में इस नयी सरकार की सहायता करे. मैं बाइडन प्रशासन से आग्रह करता हूं कि सताये गए बांग्लादेशी हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को शरणार्थी के रूप में अस्थायी संरक्षित दर्जा दिया जाए.” 

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