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यूक्रेन युद्ध के बेतहाशा खर्च से पुतिन चिंतित, अर्थशास्त्री को बनाया नया रक्षा मंत्री

पांचवी बार रुस की कमान संभालने के साथ ही पुतिन ने कैबिनेट में बड़ा फेरबदल कर एक सिविलियन-अर्थशास्त्री आंद्रेई बेलौसोव के रक्षा मंत्री बनाने का ऐलान किया है. मौजूदा रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु को सुरक्षा परिषद का सेक्रेटेरी (एनएसए) नियुक्त किया गया है. पुतिन ने ये फैसला ऐसे समय में लिया है जब यूक्रेन के खिलाफ जंग को दो साल से ज्यादा बीत चुके हैं और रुस का रक्षा बजट लगभग सोवियत संघ के समय पर पहुंच गया है. 

बेलौसोव फिलहाल रुस के उप-प्रधानमंत्री के पद पर तैनात थे. रुस के वित्त मंत्री (2012-13) के साथ-साथ वे लंबे समय तक पुतिन के आर्थिक-सलाहकार (2013-2020) के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी देशों के तमाम प्रतिबंधों के बावजूद अगर रुस की अर्थव्यवस्था पटरी पर है तो उसमें बेलौसोव का एक बड़ा हाथ माना जाता है. यही वजह है कि पुतिन ने रक्षा मंत्रालय जैसे अहम विभाग की जिम्मेदारी बेलौसोव के कंधों पर डाली है. 

नए रक्षा मंत्री की घोषणा करते हुए पुतिन के मीडिया सलाहकार दिमित्री पेसकोव ने खुद ये बात स्वीकार की. रुस का लगातार बढ़ता रक्षा बजट पुतिन के लिए चिंता का विषय है. पेसकोव के मुताबिक, रुस का रक्षा बजट अब जीडीपी का 6.7 प्रतिशत हो गया है. ये रक्षा बजट अब सोवियत काल के बराबर पहुंचने वाला है जब ये 7.4 प्रतिशत हुआ करता था.

दरअसल, यूक्रेन युद्ध (स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन) के चलते रुस की सेना पर बेतहाशा खर्च किया जा रहा है. ग्लोबल थिंक-टैंक, ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ (सिपरी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में तीसरे नंबर पर मिलिट्री पर खर्च करने वाला देश रशिया है (अमेरिका और चीन के बाद). पिछले साल यानी 2023 में रुस का सालाना रक्षा खर्च था 109 बिलियन डॉलर यानी करीब 9 लाख करोड़, जो 2022 के मुकाबले 24 प्रतिशत ज्यादा है. साफ है कि यूक्रेन युद्ध के चलते रुस अपना रक्षा खर्च काफी ज्यादा बढ़ा रहा है. वर्ष 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद रुस के रक्षा बजट में 57 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. रुस का रक्षा बजट सरकार के कुल खर्च का 16 प्रतिशत है. ऐसे में रुस को अपने रक्षा बजट को बेहद संभल कर इस्तेमाल तो करना ही है, उसे देश की अर्थव्यवस्था के अनुरूप भी बनाना है. 

पिछले 12 सालों से रक्षा मंत्रालय की कमान संभाल रहे शोइगु को हटाने के फैसले ने सभी को चौंका दिया है. यूक्रेन युद्ध के दौरान कई बार ऐसे मौके आए जब लगा कि शोइगु को पद से हटाया जा सकता है लेकिन पुतिन ने ऐसा नहीं किया. यहां तक की पिछले साल जब प्राईवेट वैगनर आर्मी के चीफ प्रिगोझन ने पुतिन के खिलाफ सैन्य-विद्रोह किया था तो उसका एक बड़ा कारण शोइगु को ही माना गया था. बाद में प्रिगोझिन की एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी. कई बार पश्चिमी मीडिया ने शोइगु के बीमार होने और दिल का दौरा पड़ने की अपुष्ट खबरें भी चलाई थी. वर्ष 2022 के शुरुआती हफ्तों में रुस की सेना को यूक्रेन के खिलाफ कई बार पांव पीछे भी खिंचने पड़े थे लेकिन पुतिन ने शोइगु पर दांव बरकरार रखा. 

पेसकोव के मुताबिक, बैटलफील्ड यानी जंग के मैदान में इनोवेशन के चलते ही विजय हासिल होती है. ऐसे में माना जा सकता है कि यूक्रेन के खिलाफ रुस को निर्णायक जीत इसलिए नहीं मिल पा रही है कि शोइगु के नेतृत्व में सेना पारंपरिक तरीके से लड़ रही है. जबकि यूक्रेनी सेना शुरुआत से ही ड्रोन और डेस्ट्रेक्टिव टेक्नोलॉजी से लैस है और रुस को बड़ी क्षति पहुंचा रही है. यही वजह है कि शोइगु को 12 साल रक्षा मंत्री के पद से हटा दिया गया है (https://x.com/neeraj_rajput/status/1789844595104170276).

हाल ही में शोइगु के नंबर 2 यानी उप-रक्षा मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे थे. बढ़ते रक्षा बजट के बीच रक्षा मंत्रालय में भ्रष्टाचार की खबरों से भी पुतिन खिन्न हो सकते हैं, जिसके चलते शोइगु पर गाज गिरी है. यही वजह है कि एक सधे हुए अर्थशास्त्री बेलौसोव को उनकी जगह पर बिठाया गया है. 

पिछले कई दशक में ये पहली बार हुआ है कि रुस के रक्षा मंत्री के तौर पर किसी सिविलियन को बिठाया गया है. चीन और रुस जैसे पूर्व कम्युनिस्ट और सोशलिस्ट देशों में अमूमन मिलिट्री कमांडर को ही रक्षा मंत्री बनाने का चलन है. यहां तक की अमेरिका के मौजूदा रक्षा सचिव (मंत्री) लॉयड ऑस्टिन भी एक पूर्व मिलिट्री कमांडर है. भारत में भी एक पूर्व सैन्य अधिकारी रह चुके ( अब स्वर्गीय) जसवंत सिंह को भी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कुछ समय के लिए रक्षा मंत्रालय का प्रभार दिया गया था (मार्च-अक्टूबर 2001). लेकिन भारत में सिविलियन को ही रक्षा मंत्री का पद दिए जाने की परंपरा है. 

शोइगु को हालांकि, पुतिन ने अब सिक्योरिटी काउंसिल के सचिव के पद पर तैनात किया है जो एक तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसएस) के तुल्य होता है. अभी तक निकोलोए पात्रोशेव इस पद पर तैनात थे. इसके अलावा शोइगु को डिफेंस-इंडस्ट्रियल कॉम्पलेक्स का उप-मंत्री भी बनाया गया है जहां वे हथियारों के निर्माण की जिम्मेदारी संभालेंगे. 

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