दो साल से ज्यादा चल रही रूस-यूक्रेन जंग में धीरे-धीरे अकेले पड़ रहे जेलेंस्की अब भारत से आस लगाए हुए हैं. ऐसे में यूक्रेन के विदेश मंत्री इस महीने के अंत में भारत के आधिकारिक दौरे पर आ रहे हैं. इस बीच बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रुस के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फोन पर यूक्रेन के ताजा हालात को लेकर गहन चर्चा की.
यूकेन को भारत से शांति की आस इसलिए है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की गहरी दोस्ती से पूरी दुनिया वाकिफ है. छठीं बार भारी बहुमत से रुस के राष्ट्राध्यक्ष (पांचवी बार राष्ट्रपति) बनने वाले पुतिन को पीएम ने फोन पर बधाई दी और “यूक्रेन के हालात पर बातचीत की.”दरअसल, पीएम मोदी ही वो वैश्विक नेता हैं जिन्होंने रूस को यूक्रेन में न्यूक्लियर अटैक करने से रोका. मोदी ही वो नेता हैं जो पुतिन को सीधे सीधे कह सके कि ‘ये युग युद्ध का नहीं है’. भारत की कूटनीति और रणनीति इतनी तगड़ी है कि बड़े बड़े देश भी भारत को दमदार मानते हैं. ऐसे में यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा मार्च के अंत में एक आस के साथ भारत आ रहे हैं, इस उम्मीद में कि भारत, रूस और यूक्रेन में शांति का पैरोकार बने.
भारत की शरण में यूक्रेन, लगाई गुहार
28 मार्च के आसपास यूक्रेनी विदेश मंत्री दिमित्रो के भारत आने की संभावना है. इस दौरान दिमित्रो कुलेबा अपने समकक्ष एस जयशंकर के साथ मुलाकात करेंगे और रूस-यूक्रेन जंग पर खास चर्चा करेंगे. एस जयशंकर से बातचीत के दौरान दिमित्रो भारत के सामने स्विट्जरलैंड में होने वाली शांति शिखर सम्मेलन के लिए भारत का समर्थन भी मांगेंगे.
मार्च में स्विटजलैंड में शांति शिखर सम्मेलन है, जिसमें भारत को आमंत्रित किया गया है. यूक्रेन के विदेश मंत्री का दौरा एनएसए अजीत डोवल और जेलेंस्की के कार्यालय प्रमुख एंड्री यरमक में हुई बातचीत के बाद तय किया गया है. 15 मार्च को एनएसए डोवल और एंड्री यरमक में फोन पर बातचीत हुई थी. इस दौरान डोवल और यरमक ने स्विट्जरलैंड में आयोजित होने वाले पहले शांति शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा की. यरमक ने रूस के साथ चल रहे युद्ध की जानकारी भी साझा की. यूक्रेन ने एनएसए डोवल से हुई बातचीत के बाद आधिकारिक बयान जारी किया था. बातचीत के दौरान यरमक ने एनएसए डोवल से कहा कि रूस यूक्रेन पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला कर रहा है. रूस बुनियादी ढांचों को बर्बाद कर रहा है. बयान के मुताबिक, दोनों अधिकारियों ने भारत और यूक्रेन के बीच बातचीत जारी रखने और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई.
पीएम मोदी रुकवाएंगे रूस-यूक्रेन में युद्ध !
यूक्रेन, युद्ध के शुरुआत से ही चाहता है कि भारत मध्यस्थता करे. 24 फरवरी 2022 में जब युद्ध शुरु हुआ तो पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ साथ रूसी राष्ट्रपति व्लामिदिर पुतिन से भी बात की थी. युद्ध के दो साल पूरे होने पर यूक्रेन ने एक बार फिर से भारत से अपील की थी कि भारत युद्ध का हल निकाले. यूक्रेन ने भारत को वैश्विक नेता और वैश्विक आवाज बताते हुए कहा था कि भारत को रूस के खिलाफ जारी युद्ध का शांतिपूर्ण हल खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी.
यूक्रेन के उप विदेश मंत्री इरीना बोरोवेत्स ने कहा था कि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक लीडर की भूमिका में है, इसलिए भारत से यूक्रेन को बहुत उम्मीदें हैं. भारत के रूस और अमेरिका दोनों से अच्छे संबंध हैं. पीएम मोदी ने उज्बेकिस्तान में रूसी राष्ट्रपति को ‘ये युग युद्ध का नहीं है’ कहा था. जिसे पूरी दुनिया में समर्थन मिला. भारत, यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है. यूक्रेन के अलावा रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा था कि पीएम मोदी शांतिपूर्ण तरीकों से रूस-यूक्रेन विवाद को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, हम पीएम मोदी के रुख को समझते हैं.
दो साल से रूस और यूक्रेन दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे के सामने हैं. हर रोज सैनिकों की मौत हो रही है. पर जंग थमने का कोई आसार नहीं है. युद्ध इतना लंबा खिंच गया है कि दोनों ही देश अब युद्ध को खत्म करना चाहती है. पिछले साल जी-7 शिखर सम्मेलन के मौके पर हिरोशिमा में पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की की मुलाकात हुई थी. उस वक्त भी पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच शांति के लिए बातचीत के जरिए रास्ता निकालने पर जोर दिया था.
मोदी और पुतिन में क्या हुई बातचीत
रुस के राष्ट्रपति कार्यालय, क्रेमलिन द्वारा जारी बयान के मुताबिक, पुतिन और पीएम मोदी ने “अंतरराष्ट्रीय एजेंडा के कई मुद्दों पर फोन पर बातचीत की जिसमें प्रमुख तौर से यूक्रेन से जुड़े हालात का मुद्दा था. दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने ब्रिक्स और एससीओ संगठन से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की.” पुतिन ने इस दौरान पीएम मोदी को “संसदीय (लोकसभा) चुनाव में जीत के लिए शुभकामनाएं दीं.”
पीएम मोदी ने पुतिन से फोन पर बधाई देने की जानकारी देेते हुए अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि “हम दोनों आने वाले वर्षों में भारत और रुस के स्पेशल विशेषाधिकार सामरिक साझेदारी को अधिक गहरी और बढ़ाने पर सहमत हैं.”
राजधानी दिल्ली स्थित रूसी दूतावास के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन, रोमन बाबूश्किन ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में बताया था कि मोदी और पुतिन में “कई सालों से मजबूत व्यक्तिगत केमिस्ट्री है.” बाबूश्किन के मुताबिक, “इन संबंधों की झलक भारत और रूस के रिश्तों में झलकती है.” उन्होंने, पीएम मोदी की एक्स अकाउंट पर पुतिन को बधाई संदेश पर धन्यवाद जताते हुए “भारत के पक्ष की सराहना की थी” क्योंकि अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव और नतीजों को खारिज करते हुए फर्जी करार दिया था.
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