रुस-यूक्रेन युद्ध को दो साल से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन आज तक इस बात का सही सही आंकड़ा सामने नहीं आया है कि दोनों देशों के कितने सैनिक इस दौरान हताहत हुए हैं. हालांकि, दोनों देश एक दूसरे के मारे गए सैनिकों की संख्या का झूठा-सच्चा आंकड़ा जरुर रोज पेश करते हैं. ऐसे में रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक ऐसा आंकड़ा जारी किया है जिससे पता चल सकता है कि रुस और यूक्रेन के सैनिकों के मारे जाने का अनुपात क्या हो सकता है.
पुतिन के मुताबिक, इस वक्त रुस के 1348 युद्धबंदी यूक्रेन की कैद में हैं. पुतिन ने ये भी खुलासा किया कि यूक्रेन की कैद में रुस के 6465 सैनिक हैं. रुस के राष्ट्रपति के मुताबिक, दोनों देशों के युद्धबंदियों के आंकड़े से पता लगाया जा सकता है कि मारे गए सैनिकों का अनुपात क्या होगा. यानी रुस की कैद में यूक्रेन से करीब-करीब पांच गुना ज्यादा युद्धबंदी हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है क्या पिछले दो सालों में यूक्रेन के रुस से पांच गुना ज्यादा सैनिक मारे जा चुके हैं या हताहत (मारे गए और घायल) हुए हैं.
कुछ महीने पहले जब पुतिन से जंग के मैदान में मारे गए रुसी सैनिकों के बारे में पूछा गया था तो रूसी राष्ट्रपति ने जवाब दिया था कि ये अनुपात 1-10 का है. यानी अगर रुस का एक सैनिक युद्ध के मैदान में ढेर हुआ है तो यूक्रेन के दस हुए हैं.
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अभी तक रुस के पांच लाख (5,00,00) से ज्यादा सैनिकों को मारा जा चुका है (07 जून 2024 तक). हालांकि, रुस ने कभी भी यूक्रेन के मारे गए कुल सैनिकों का आंकड़ा जारी नहीं किया है लेकिन समय-समय पर मासिक या फिर हफ्ते भर में मारे गए यूक्रेनी सैनिकों का आंकड़ा जरूर सामने आता रहता है.
रुस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पिछले एक हफ्ते में (1-7 जून, 2024)के बीच यूक्रेन के 10 हजार से ज्यादा सैनिकों को जंग के मैदान में ढेर किया गया है. इसके अलावा 27 यूक्रेनी सैनिकों ने रूसी सेना के सामने सरेंडर भी किया. साफ है कि दोनों देशों के रक्षा मंत्रालय एक दूसरे के मारे गए सैनिकों, तबाह किए गए टैंक, तोप, मिसाइल सिस्टम, फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर और ड्रोन इत्यादि की जानकारी तो साझा करते हैं लेकिन अपने खुद के नुकसान के बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं करते हैं. यही वजह है कि सही सही अनुमान लगाना मुश्किल है.
इसी महीने की एक तारीख को दोनों देशों ने 75-75 युद्धबंदियों की अदला-बदली भी की थी. अब तक दोनों देश 52 बार युद्धबंदियों का एक्सचेंज कर चुके हैं. 1 जून की अदला-बदली को यूएई (खाड़ी देश) की पहल पर किया गया था. इसी साल जनवरी के महीने में 65 यूक्रेनी युद्धबंदियों को अदला-बदली के लिए जा रहा है रुस का एक एयरक्राफ्ट रहस्यमय परिस्थितियों में बेलगोरोड में क्रैश हो गया था. इन युद्धबंदियों को बेलगोरोड से सटे यूक्रेन के खारकीव बॉर्डर पर एक्सचेंज किया जाना था.
इस बीच सेंट पीटर्सबर्ग में मीडियाकर्मियों से बातचीत में पुतिन ने गुरुवार को एक बार फिर साफ किया कि नाटो (देशों) पर हमला करने का रुस का कोई इरादा नहीं है. साथ ही ये भी कहा कि अमेरिकी चुनाव में जो बाइडेन जीत कर आए या डोनाल्ड ट्रंप, रुस के साथ संबंधों पर कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है. हालांकि, पुतिन ने ये जरुर कहा कि ट्रंप के कार्यकाल (2016-2020) के दौरान रुस और अमेरिका के संबंधों में काफी सुधार आया था. ट्रंप ने रुस के खिलाफ प्रतिबंधों को खत्म करने में मदद की थी.
हाल ही में रुस के मीडिया सलाहकार दिमित्री पेसकोव ने ये कहकर सनसनी फैला दी थी कि रुस का दुश्मन नंबर वन अमेरिका है.
उधर शुक्रवार को पेरिस में फ्रांस की नेशनल असेंबली (संसद) को संबोधित करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने पुतिन पर हमला करते हुए कहा कि रुस का मौजूदा शासन सीमाओं को नहीं मानता है. ऐसे में पूरे फ्रांस सहित पूरे यूरोप को एकजुट होकर रुस का सामना करना बेहद जरूरी है. जेलेंस्की के मुताबिक, यूक्रेन को हराने के बाद पुतिन का अगला निशाना यूरोप हो सकता है. पेरिस में जेलेंस्की ने बाइडेन से भी मुलाकात की जो इनदिनों द्वितीय विश्वयुद्ध की चर्चित नॉरमैंडी लैंडिंग्स (नॉरमैंडी आक्रमण) की 80वीं वर्षगांठ (6 जून) मनाने के लिए फ्रांस पहुंचे हुए हैं. यूक्रेन को 61 बिलियन डॉलर की सैन्य मदद की घोषणा के बाद बाइडेन और जेलेंस्की की ये पहली मुलाकात थी.
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