By Nalini Tewari
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच अच्छी मित्रता का परिचय देते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात. चूंकि भारत पर अमेरिका ने 50 प्रतिशत टैरिफ और जुर्माना इसलिए लादा है, क्योंकि भारत-रूस के साथ कच्चा तेल खरीदता है. ऐसे में पुतिन-मोदी की बातचीत की अहमियत बढ़ जाती है.
गुरुवार को ही पीएम मोदी के राइट हैंड एनएसए अजीत डोवल ने मॉस्को में पुतिन से मुलाकात की थी. अजीत डोवल की मॉस्को यात्रा से अमेरिका को संदेश दे दिया गया है कि चाहे कितना ही दबाव क्यों न हो, भारत अपने पारंपरिक और सबसे करीबी मित्र रूस का साथ नहीं छोड़ेगा.
डोवल के रूस दौरे के बाद पुतिन ने भी दोस्ती निभाते हुए पीएम मोदी से फोन पर बात की है. भारत और रूस की यह बातचीत दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने के साथ-साथ आर्थिक चुनौतियों से निपटने की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है.
रूस-यूक्रेन युद्ध के ताजा हालात के बारे में पुतिन ने पीएम मोदी से चर्चा की
राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को यूक्रेन में चल रहे ताजा घटनाक्रमों की विस्तार से जानकारी दी. पीएम मोदी ने पुतिन से एक बार फिर सलाह दी कि युद्ध और टकराव का हल शांति और बातचीत से निकालें. भारत ने हमेशा यही माना है कि जंग से किसी का भला नहीं होता. इसके साथ ही, दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच की खास और मजबूत दोस्ती को और गहरा करने का भरोसा जताया.
मित्र पुतिन ने अच्छी बातचीत हुई, भारत आने का न्योता दिया- पीएम मोदी
पुतिन से बातचीत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन के साथ बहुत अच्छी और विस्तृत बातचीत हुई. मैंने यूक्रेन पर नवीनतम घटनाक्रम साझा करने के लिए उनका धन्यवाद किया. हमने अपने द्विपक्षीय एजेंडे में प्रगति की भी समीक्षा की और भारत-रूस विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई. मैं इस वर्ष के अंत में भारत में राष्ट्रपति पुतिन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हूं.
पीएम मोदी ने यह न्योता 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए दिया है, जो दोनों देशों के बीच हर साल होने वाली एक अहम मुलाकात है. इस सम्मेलन में दोनों देश कई अहम मसलों पर बात करते हैं और आपसी सहयोग को नई दिशा देते हैं.
पुतिन-मोदी की बातचीत, अमेरिका को मिल गया संदेश
पिछले कुछ दिनों ने अमेरिकी राष्ट्रपति रूस के साथ भारत के व्यापार को लेकर नाराज हैं. सच्चाई तो ये है कि भारत-पाकिस्तान के सीजफायर का क्रेडिट ने दिए जाने से ट्रंप भड़के हुए हैं, खैर, ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया है, लेकिन भारत ने भी साफ कर दिया है कि राष्ट्रहित के आगे नहीं झुकेगा. अब पुतिन ने भी पीएम मोदी से बात करके अमेरिका को संकेत दिया है, ही वो भारत के साथ खड़ा हुआ है.
अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ चीन और ब्राजील ने भी दिया भारत का साथ
गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी को ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा का फोन आया था. फोन कॉल से पहले लूला ने ट्रंप को दो टूक जवाब दिया था. लूला ने ट्रंप से बातचीत का प्रस्ताव खारिज करते हुए कहा था कि उन्हें बात करनी हुई तो वो ट्रंप से नहीं पीएम मोदी से करेंगे.
फोन कॉल के दौरान लूला और पीएम मोदी व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और लोगों के बीच संबंधों में सहयोग को मजबूत करने की रूपरेखा पर सहमति जताई थी.
चीन भी भारत के साथ खड़ा है, ट्रंप को बताया बुली
दिल्ली में चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की आलोचना करते हुए उन्हें “बदमाश” कहा. शू फेइहोंगे ने एक्स पर बिना नाम लिए लिखा, ‘बदमाश को अगर एक इंच दिया जाए तो वह एक मील ले लेता है.’
राजदूत ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और ब्राजील के राष्ट्रपति के मुख्य सलाहकार के बीच हालिया फोन कॉल का एक अंश भी साझा किया. इस बातचीत में वांग यी ने कहा कि, ‘अन्य देशों को दबाने के लिए टैरिफ का इस्तेमाल संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है और यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों को कमजोर करता है.’
चीन की ओर से ये भी कहा गया है कि वाशिंगटन भारत की नीतियों में तटस्थता को विश्वसासघात और कूटनीतिक आजादी को धोखा के रूप में देखता है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि चीन हमेशा से टैरिफ के दुरुपयोग का विरोध करता आया है और इस पर हमारा रुख स्पष्ट और स्थायी है.