पांचवी बार रूस की सत्ता संभालने जा रहे व्लादिमीर पुतिन के एक फैसले ने पश्चिमी देशों को टेंशन में डाल दिया है. पश्चिमी देशों की तल्ख टिप्पणियों के बीच रूस ने परमाणु हथियारों के साथ सैन्य अभ्यास की योजना बनाई है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा कि पुतिन के आदेश पर टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन के साथ यूक्रेन की सीमा पर ये युद्धाभ्यास किया जाएगा.
रूस में पहली बार परमाणु हथियारों से सैन्य अभ्यास
रूस के पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं. रूस के बाद दूसरे स्थान पर अमेरिका है, यह पहली बार है कि रूस ने सार्वजनिक रूप से परमाणु हथियारों से जुड़े अभ्यास की घोषणा की है. रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा, “सैन्य अभ्यास में गैर-रणनीतिक परमाणु हथियारों के उपयोग की तैयारी और तैनाती का अभ्यास शामिल होगा. दक्षिणी सैन्य जिले में मिसाइल कॉलम और रूसी नौसेना भी हिस्सा लेगी.” मंत्रालय के मुताबिक, इस अभ्यास का उद्देश्य “रूसी संघ के खिलाफ कुछ पश्चिमी अधिकारियों के भड़काऊ बयानों और धमकियों के जवाब में, रूस की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता सुनिश्चित करना है.” मंत्रालय ने कहा कि “अभ्यास का आदेश रशियन फेडरेशन के सुप्रीम कमांडर इन चीफ (राष्ट्रपति पुतिन) ने दिया है और इसमें लड़ाकू अभियानों को अंजाम देने के लिए गैर-सामरिक परमाणु बलों की तैयारी का परीक्षण किया जाएगा.”
रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों का भड़काऊ एक्शन: रूस
फ्रांस के यूक्रेन की मदद के लिए भेजे गए सैनिकों और हथियारों की मदद से भड़का हुआ है रूस. रूस ने बार-बार कहा है कि यूक्रेन में संभावित फ्रांसीसी हस्तक्षेप के बारे में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की टिप्पणी बेहद खतरनाक है. हाल ही में इमैनुएल मैक्रों ने कहा था कि यूक्रेन में सेना भेजने के विचार से इनकार नहीं कर रहे हैं. वहीं, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरन ने भी कहा है कि “कीव की सेना रूस के अंदर लक्ष्यों पर हमला करने के लिए ब्रिटेन के लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग कर सकेगी.” अमेरिका ने भी रूसी सेनाओं के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए यूक्रेन को 61 बिलियन डॉलर की मदद जारी की है जिनमें लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल भी शामि हैं. पश्चिमी देशों के इन्हीं बयानों और यूक्रेन को हथियार सप्लाई को लेकर पुतिन अक्सर ये बयान देते हैं कि “नाटो देश यूक्रेन को सैन्य मदद पहुंचाकर भड़का रहे हैं.”
क्या होते हैं ‘गैर-सामरिक परमाणु’ हथियार, जिनसे रूस करेगा अभ्यास
ये ऐसे परमाणु हथियार है जिसे सैन्य स्थितियों में युद्ध के मैदान पर इस्तेमाल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. स्ट्रटेजिक न्यूक्लिर वेपन अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस होते हैं और एक बड़े इलाकों को तबाह कर सकते हैं. जबकि टेक्टिकल न्यूक्लिर वेपन (गैर-सामरिक परमाणु हथियारों) कम दूरी की मिसाइल होती हैं जिनके जरिए अमूमन
सैन्य अड्डों, शहरों, कस्बों, हथियार उद्योगों या युद्ध के मोर्चे से दूर दुश्मन के अंदरूनी हिस्सों पर टारगेट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. हाल ही में किम जोंग उन के आदेश पर उत्तर कोरिया ने भी न्यूक्लियर फोर्स की एक्सरसाइज को अंजाम दिया था.
पुतिन के फैसले ने नाटो देशों की चिंता बढ़ा दी है. मंगलवार को ही पुतिन पांचवी बार रूस के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं. माना जा रहा है कि परमाणु हथियारों के युद्धाभ्यास से नाटो और रूस के बीच तनातनी बढ़ सकती है.
गौरतलब है कि इनदिनों चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग फ्रांस सहित तीन यूरोपीय देशों की यात्रा पर हैं. पेरिस में जिनपिंग ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से रुस-यूक्रेन युद्ध को रोकने को लेकर खास बातचीत की. यही वजह है कि मुलाकात के बाद मैक्रों ने सार्वजनिक तौर से कहा कि “न तो रुस से और न ही रुसी लोगों से हमारा कोई युद्ध चल रहा है.” फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा कि “हम मॉस्को में सत्ता परिवर्तन की इच्छा नहीं रखते हैं.” (शी जिनपिंग पेरिस में, यूक्रेन उत्सुक भारत अलर्ट)
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