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Kursk में तैनात होंगे पुतिन के चेचन लड़ाके ?

कुर्स्क में यूक्रेन के बड़े हमले के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेचन लड़ाकों से मुलाकात की है. करीब 13 साल बाद पुतिन ने चेचन्या का दौर कर राज्य के प्रमुख रमजान कादिरोव से मुलाकात की है. इस दौरान पुतिन ने चेचन लड़ाकों द्वारा यूक्रेन युद्ध में दुश्मन सैनिकों से कब्जा किए हथियारों की प्रदर्शनी का निरीक्षण किया.

सोवियत संघ के टूटने के बाद कभी रूस के खिलाफ विद्रोह करने वाला चेचन्या आज रशियन फेडरेशन का अहम हिस्सा है. चेचन्या की दो अलग रेजिमेंट है जिन्हें अखमत और कादिरोव के नाम से जाना जाता है. ये दोनों ही रेजीमेंट रूसी सेना के तले लड़ती है. अखमत रेजीमेंट एक स्पेशल फोर्स यूनिट है जो रमजान के पिता अखमत कादिरोव के नाम से जानी जाती है. अखमत की वर्ष 2004 में एक बम धमाके में मौत हो गई थी. पिता की मौत के बाद रमजान ने अपने पिता की जगह चेचेन्या की कमान संभाल ली.

रमजान न केवल चेचेन्या बल्कि पूरे रूस में बेहद चर्चित है और पुतिन का करीबी माना जाता है. हाल ही में कादिरोव ने दावा किया था कि ‘एक्स’ के मालिक एलन मस्क ने उसे एक टेस्ला कार गिफ्ट के तौर पर दी थी. कादिरोव ने इस कार पर एक मशीनगन लगा दी थी और कहा था कि इसे यूक्रेन के खिलाफ जंग के मैदान में भेजा जाएगा.

चेचन्या के प्रमुख रमजान को पुतिन ने सेना के कर्नल-जनरल रैंक से नवाजा हुआ है. यूक्रेन के खिलाफ जंग के शुरुआती हफ्तों में चेचन लड़ाकों को मारियूपोल में लड़ते हुए देखा गया था. रमजान का दावा था कि वो खुद डोनबान वॉर-जोन में मौजूद थे.

चेचन लड़ाकों को काफी खूंखार माना जाता है. यही वजह है कि मारियूपोल में यूक्रेन की तरफ से लड़ रहे विदेशी लड़ाकों के खिलाफ चेचन रेजीमेंट को ही तैनात किया गया था. ऐसे में माना जा रहा है कि जब यूक्रेन की सेना रूस के कुर्स्क प्रांत में घुसकर एक बड़े हिस्से पर काबिज हो गई है तो पुतिन, रमजान कादिरोव से मदद लेने गए हैं.

पुतिन ने चेचन्या में कादिरोव की मौजूदगी में चेचन रेजीमेंट के सीनियर कमांडर्स से मुलाकात की और उन्हें संबोधित भी किया. इसी दौरान पुतिन ने चेचन लड़ाकों के शस्त्रागार में यूक्रेन सहित अमेरिका और ब्रिटेन के लड़ाकों से छीने गए हथियारों की प्रदर्शनी को देखा. यही वजह है कि ऐसा लगता है कि कुर्स्क में यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए एक बार फिर चेचन रेजीमेंट को भेजा जा सकता है. क्योंकि कुर्स्क में यूक्रेनी सैनिकों के अलावा विदेशी लड़ाके भी दिखाई पड़े हैं.

इस बीच रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन के सबसे बड़े ड्रोन अटैक को विफल कर दिया गया है. रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यूक्रेन ने एक साथ 45 ड्रोन के साथ मॉस्को, कुर्स्क, बेलगोरोड, ब्रयंस्क और कलुगा में अटैक किया था. रूस का दावा है कि सभी ड्रोन को मार गिराया गया. रूस का दावा है कि अकेले 11 ड्रोन से राजधानी मॉस्को और उसके आस-पास के इलाकों पर हमला करने की कोशिश की गई थी. 

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