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Nuclear युद्ध की नहीं आएगी नौबत: पुतिन

रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ तौर से कहा कि अगर हमारी संप्रभुता पर आंच आई तो परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से गुरेज नहीं करेंगे. लेकिन उन्होनें साफ तौर से कहा कि यूक्रेन जंग में न्यूक्लियर हथियारों के इस्तेमाल की नौबत नहीं आएगी. 

रूस में चुनाव से पहले व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को परमाणु हमले की सीधी सीधी वार्निंग दे दी है. अमेरिका को खरी-खरी सुनाते हुए पुतिन ने कहा कि यूक्रेन में अगर अमेरिका सेना भेजेगा तो हम न्यूक्लियर हमले के लिए भी तैयार हैं. पुतिन ने रूसी एजेंसी को इंटरव्यू दिया है जिसमें न्यूक्लियर हथियारों को लेकर खुलकर बात की है. पुतिन के परमाणु हमले के बयान ने यूक्रेन से लेकर अमेरिका तक खलबली मचा दी है.

हमारे परमाणु हथियार इस्तेमाल करने के लिए है: पुतिन
रूसी न्यूज एजेंसी ने एक इंटरव्यू में पुतिन ने सवाल पूछा कि क्या परमाणु जंग के लिए रूस तैयार है ? जवाब में पुतिन ने कहा, “हम परमाणु युद्ध नहीं चाहते क्योंकि हमें अभी तक इसकी जरूरत नहीं पड़ी है. पर अमेरिका अगर यूक्रेन में और सैनिक भेजेगा और रूस की संप्रभुता से खिलवाड़ करेगा तो हम अमेरिकी एक्शन को दखलअंदाजी मानेंगे. अगर रूस के अस्तित्व पर खतरा हुआ तो हम देश की रक्षा जरूर करेंगे. हमारे पास परमाणु हथियार इस्तेमाल करने के लिए ही मौजूद हैं, हालांकि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर रूस का अपना सिद्धांत है. रूस पर परमाणु या दूसरे हथियारों से अटैक हुआ तो हम भी पीछे नहीं रहेंगे, हम भी परमाणु जंग के लिए तैयार हैं,  अगर अमेरिका न्यूक्लियर टेस्ट करेगा तो हो सकता है हम भी न्यूक्लियर टेस्ट करें. पर मुझे ऐसा लगता है कि बात न्यूक्लियर युद्ध तक नहीं पहुंचेगी.”

अमेरिका या रूस, किसके पास ज्यादा परमाणु ताकत ?
दुनिया में रूस और अमेरिका दो शक्तिशाली परमाणु देश है. रूस के पास दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु जखीरा है, जो उसे सोवियत संघ से मिले हैं. रूस के परमाणु हथियार पर कंट्रोल राष्ट्रपति पुतिन का है. ग्लोबल थिंकटैंक ‘स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ (सिपरी-2023) के मुताबिक, रुस के पास कुल 5589 परमाणु हथियार हैं. रूस ने अपने 1674 रणनीतिक हथियार अलग-अलग जगहों पर तैनात किए हैं, इसमें जमीन से मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल, पनडुब्बी से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक मिसाइल और स्ट्रेटेजिक-बॉम्बर (विमान) शामिल हैं. सिपरी के मुताबिक, अमेरिका के पास कुल 5244 परमाणु हथियार हैं. 
रूस में परमाणु हमले का अधिकार राष्ट्रपति पुतिन के पास है. हर समय रूसी राष्ट्रपति के साथ ‘परमाणु ब्रीफकेस’ होता है, जिसे चेगेट के नाम से जाना जाता है. रूस के पास डेड हैंड सिस्टम भी है, जिससे अगर रूस पर परमाणु हमला हो जाता है तो ऑटोमेटिक तरीके से यह मिसाइल लॉन्च करेगा. 
परमाणु हथियारों की दौड़ को लेकर रूस और अमेरिका ने न्यू स्टार्ट ट्रीटी समझौता किया था, जिसे यूक्रेन-रूस की जंग के चलते रूस ने रद्द कर दिया था. न्यू स्टार्ट  ट्रीटी अमेरिका और रूस के बीच इकलौता परमाणु समझौता बचा था, जिससे परमाणु रेस को रोका जा सकता था.

पीएम मोदी ने रोका था परमाणु हमला

अक्टूबर 2022 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दखल के बाद रूस ने यूक्रेन पर परमाणु हमले का प्लान रद्द कर दिया था. पीएम मोदी के दखल के बाद रूस और यूक्रेन के बीच परमाणु युद्ध का खतरा टाला जा सका था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस और यूक्रेन का टकराव रोकने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की थी. 

पुतिन अगर यूक्रेन जीत गए. तो नहीं रुकेंगे: पोलैंड
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच व्हाइट हाउस पहुंचे पोलैंड के राष्ट्रपति के एक बयान ने हलचल मचा दी है. पोलैंड के राष्ट्रपति इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं. राष्ट्रपति डूडा ने यूरोप के भविष्य पर चिंता जाहिर की है. राष्ट्रपति डूडा ने कहा है कि “अगर यूक्रेन से पुतिन जीत गए तो वो इतने से संतुष्ट नहीं होंगे. पुतिन फिर हमला करेंगे और बार बार दूसरे देशों पर हमला करेंगे.” पोलैंड के राष्ट्रपति ने “रूस को रोकने, ब्लॉक करने और सबक सिखाने की” अपील की है. व्हाइट हाउस में पॉलिश नेताओं के साथ मीटिंग के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उन्हें मदद जारी रखने का भरोसा दिया है. हालांकि, पोलैंड का दावा है कि रूस ने नाटो के ईस्टर्न सीमाओं पर बड़े पैमाने पर युद्ध छेड़ दिया है. रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान पोलैंड पर भी रूसी मिसाइल गिराए जाने का दावा किया गया था. आपको बता दें कि पोलैंड वहीं देश है जिस पर हमले के बाद द्वितीय विश्व युद्ध शुरु हुआ था. हिटलर की अगुवाई वाली जर्मन सेना ने पोलैंड पर आक्रमण कर दिया था, जिससे दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हुई. सेकंड वर्ल्ड वॉर करीब 6 साल तक चला था.

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