रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुताबिक, वे अच्छी तरह वाकिफ हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन समस्या को शांतिपूर्वक सुलझाने के हमेशा से पक्षधर रहे हैं. ये बात पुतिन ने मास्को के दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर से कही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रुस आने का निमंत्रण देने के साथ ही पुतिन ने कहा कि “हमें अपने मित्र (पीएम मोदी) को रशिया में देखकर खुशी होगी.” पुतिन के मुताबिक, “इस दौरान हमारे पास मौका होगा कि सम-सामयिक विषयों पर बात करें और दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा करें.”
जयशंकर इनदिनों पांच दिवसीय रुस यात्रा पर हैं. यात्रा के तीसरे दिन उन्होंने रुस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की. इस दौरान रुस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और मास्को में भारत के राजदूत पवन कपूर भी मौजूद थे. जयशंकर ने पुतिन से रूसी राष्ट्रपति के क्रेमलिन फोर्ट में मुलाकात की. अपनी यात्रा की शुरुआत में जयशंकर ने क्रेमलिन के बाहर खड़े होकर अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली थी जो बहुत वायरल हुई थी.
पुतिन ने जयशंकर से कहा कि “मैनें पीएम मोदी को लगातार यूक्रेन संघर्ष (युद्ध) की स्थिति के बारे अवगत कराया है.” पुतिन ने कहा कि मुझे पीएम मोदी की यूक्रेन पर स्थिति की जानकारी है जिस पर हम कई बार बात कर चुके हैं “मैं शांतिपूर्ण तरीके से इस समस्या को सुलझाने के बारे में उनके प्रयासों को जानता हूं.”
दरअसल, वर्ष 2022 में जब पुतिन और पीएम मोदी की मुलाकात हुई थी तो प्रधानमंत्री ने यूक्रेन जंग को लेकर रूसी राष्ट्रपति के मुंह पर कह दिया था कि “ये युग युद्ध का नहीं है.” पुतिन की दमदार छवि के चलते किसी भी देश का राष्ट्राध्यक्ष उनके मुंह पर कुछ भी बोलने से कतराता है. लेकिन पुतिन से दोस्ताना संबंधों के चलते पीएम मोदी ने ये बात बोल दी थी. बाद में पीएम के बयान को फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र और दूसरे वैश्विक मंचों पर दोहराई थी. फ्रांस, अमेरिका और यूक्रेन तक को ये लगता है कि पुतिन को अगर कोई समझा सकता है तो वो पीएम मोदी ही हैं.
पुतिन ने कहा कि हमें ये जानकार बहुत खुशी हो रही है कि “दुनिया में मौजूदा उथल-पुथल के बावजूद, एशिया में हमारे पारंपरिक मित्रों, भारत और भारत के लोगों के साथ संबंध लगातार आगे बढ़ रहे हैं.” रूसी राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच ऊर्जा संसाधनों से जुड़े व्यापार और हाई-टेक क्षेत्रों में मिलकर काम करने को सराहा. पुतिन ने कहा कि उन्हें पता है कि अगले साल भारत में चुनाव हैं लेकिन उसका असर रुस के साथ पारंपरिक मैत्रीपूर्ण संबंधों पर नहीं पड़ेगा. उन्होंने भारत में अपने “मित्रों को सफलता की शुभकामनाएं दी.”
रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से हार्दिक अभिनंदन किया और उनका एक निजी संदेश भी सौंपा. जयशंकर ने अपने पांच दिवसीय रुस यात्रा के दौरान व्यापार, रक्षा और परमाणु क्षेत्रों में हुए संबंधों से अवगत कराया (भारत की विदेश नीति दुनिया के लिए उदाहरण: Russia).
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