रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को भारतीय नौसेना के जंगी जहाज आईएनएस तबर पर तैनात नौसैनिकों को शुभकामनाएं दी. मौका था रुस के 328वें ‘नेवी डे’ का जिसके मौके पर रुस के सेंट पीटर्सबर्ग में एक भव्य नेवल परेड का आयोजन किया गया था. भारतीय नौसेना का स्टील्थ फ्रिगेट (युद्धपोत) रुस के नौसेना दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए इनदिनों सेंट पीटर्सबर्ग में मौजूद है.
रूसी मीडिया द्वारा जारी वीडियो में दिखाई पड़ रहा है कि आईएनएस तबर सेंट पीटर्सबर्ग की नेवा नदी में खड़ा है और उसपर भारतीय नौसैनिक तैनात हैं. रुसी राष्ट्रपति एक छोटी बोट में अपने रक्षा मंत्री और एडमिरल के साथ आईएनएस तबर पर तैनात भारतीय नौसैनिकों से परेड की सलामी लेते हैं. इस दौरान पुतिन ने माइक पर जोरदार आवाज में भारतीय नौसैनिकों को रूसी भाषा में शुभकामनाएं दी.
पुतिन की शुभकामनाओं का जवाब, भारतीय नौसैनिकों ने अपने एक हाथ को तीन बार सीने पर लगाकर सम्मान दिया और लॉन्ग लिव द रशियन नेवी के उद्घोष से किया.
रुसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, रशियन नेवी डे के मौके पर नेवल परेड में 20 युद्धपोत और पनडुब्बियों ने हिस्सा लिया. इनमें भारत के आईएनएस तबर के साथ ही चीन और अल्जीरिया के जंगी जहाज भी शामिल थे.
भारतीय नौसेना के मुताबिक, भारत सरकार की वसुधैव कुटुम्बकम नीति के तहत रुसी नेवी डे के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के साथ ही आईएनएस तबर को सेंट पीटर्सबर्ग भेजा गया है. इस दौरान आईएनएस तबर रूसी नौसेना के साथ पास-एक्स (इंद्रा एक्सरसाइज) में भी हिस्सा लेगा. तबर की इस यात्रा से दोनों देशों की नौसेनाओं में मेरीटाइम सहयोग बढ़ेगा और एक दूसरे को समझने का मौका मिलेगा.
आईएनएस तबर के साथ ही भारतीय नौसेना के डिप्टी चीफ वाइस एडमिरल तरुण सोबती भी रुस की आधिकारिक यात्रा पर हैं.
खास बात ये है कि आईएनएस तबर का निर्माण रुस में ही हुआ है. सेंट पीटर्सबर्ग के करीब कालिनिंग्राड में ही आईएनएस तबर को तैयार किया गया था. वर्ष 2004 में आईएनएस तबर को भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े का हिस्सा बनाया गया था.
स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस तबर की कमान इनदिनों कैप्टन एम आर हरीश के हाथ में है. यह जहाज कई तरह के हथियारों और सेंसर से लैस है और भारतीय नौसेना के सबसे शुरुआती स्टील्थ फ्रिगेट में से एक है. यह युद्धपोत भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े (वेस्टर्न नेवल कमांड) का हिस्सा है जो पश्चिमी नौसेना कमान के तहत मुंबई में स्थित है.
फिलहाल, भारतीय नौसेना के दो तलवार क्लास युद्धपोत रुस में चल रहा है. इनमें से एक तूशील सितंबर के महीने तक बनकर तैयार हो जाएगा., जबकि दूसरा (तमल) अगले साल (2025) के शुरुआती महीनों में भारत को मिल सकता है.
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