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यूक्रेन के खिलाफ पुतिन को चाहिए नॉर्थ कोरिया का साथ

प्योंगयांग पहुंचने से पहले रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग (स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन) में मदद करने के लिए नॉर्थ कोरिया की जमकर तारीफ की है. हाल ही में दक्षिण कोरिया ने दावा किया था कि यूक्रेन के खिलाफ जंग में उत्तर कोरिया ने रुस को ’10 हजार कंटेनर भरकर हथियार’ भेजे हैं. मंगलवार को पुतिन दो दिवसीय दौरे पर (18-19 जून) उत्तर कोरिया पहुंच रहे हैं. 

प्योंगयांग (उत्तर कोरिया की राजधानी) की यात्रा शुरु करने से पहले पुतिन ने नॉर्थ कोरिया के एक अखबार में लेख लिखकर दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से लिखा है. हालांकि, पुतिन ने ये नहीं लिखा कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में नॉर्थ कोरिया ने किस तरह की मदद की है लेकिन ये जरुर लिखा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर उत्तर कोरिया ने हमेशा मॉस्को का साथ दिया है.

दरअसल, यूक्रेन जंग में रुस को बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद की आवश्यकता पड़ रही है. इतनी आवश्यकता की रुस का मिलिट्री इंड्रेस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स भी जरूरत को पूरा नहीं कर पा रहा है. ऐसे में रुस ने उत्तर कोरिया और ईरान जैसे देशों से मदद ली है. क्योंकि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगा रखे हैं, इसलिए रुस खुल कर इस बात को स्वीकार नहीं करता है. 

हाल ही में यूक्रेन के खारकीव और दूसरे इलाकों में रूस की तरफ से कुछ ऐसी मिसाइल दागी गई थी जिन पर उत्तर कोरिया की मार्किंग थी. मिसाइल के मलबे में उत्तर कोरिया की ‘ह्वासोंग-11’ शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल के होने के सबूत मिले थे. माना जा रहा है कि मिसाइलों के अलावा उत्तर कोरिया से रूस को टैंक और तोप के गोले, राइफल और ड्रोन तक हासिल हुए हैं. 

यही वजह है कि पुतिन ने अखबार में लिखे लेख में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की तारीफ करते हुए लिखा कि रक्षा, तकनीक, साइंस और इंडस्ट्री के क्षेत्रों में नॉर्थ कोरिया ने जबरदस्त तरीके से प्रगति की है. 

पिछले 24 सालों में पुतिन की उत्तर कोरिया की ये पहली यात्रा है. हालांकि, दोनों देशों की सीमाएं जुड़ी हुई है. वर्ष 2000 में पुतिन ने उत्तर कोरिया का दौरा किया था. उस वक्त, किम जोंग के पिता किम जोंग इल (1994-2011) उत्तर कोरिया के शासक थे. हालांकि, पिछले साल सितंबर के महीने में किम जोंग ने पूर्वी रूस का दौरा जरूर किया था. उस दौरान पुतिन ने किम जोंग को एक लिमोजिन कार गिफ्ट की थी. यूक्रेन युद्ध के कारण पश्चिमी देशों ने रूस पर भी बड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं. ऐसे में दोनों आईसोलेटेड देश एक दूसरे से संबंध मजबूत करने में जुटे हैं (https://x.com/neeraj_rajput/status/1803002024704741746).

क्रेमलिन के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया के दौरे के बाद पुतिन दो दिवसीय वियतनाम (19-20 जून) की यात्रा पर भी जाएंगे. वियतनाम ने हाल ही में स्विट्जरलैंड में आयोजित यूक्रेन पीस समिट में हिस्सा लेने से साफ इंकार कर दिया था.  

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