By Nalini Tewari
जल्द भारत आ सकते हैं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन. भारत और रूस दोनों मिलकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे का तारीखें तय कर रहे हैं. माना जा रहा है इस साल पुतिन की भारत यात्रा होगी. पुतिन की जल्द भारत यात्रा की घोषणा ऐसे वक्त में की गई है, जब रूस के साथ तेल खरीदने को लेकर अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है. लेकिन भारत ने अमेरिकी दबाव में झुकने से मना कर दिया है.
भारत-रूस नें अच्छे रिश्ते, हमारी मजबूत साझेदारी:अजीत डोवल
मॉस्को में एनएसए अजीत डोवल ने इस बात की पुष्टि की है कि “पुतिन इस साल के खत्म होने से पहले भारत आएंगे.” मॉस्को में रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू से मुलाकात के बाद अजीत डोवल ने कहा, “अब हमारे बहुत अच्छे रिश्ते बन गए हैं, जिनकी हम कदर करते हैं. हमारे देशों के बीच एक मजबूत साझेदारी है और हम उच्चस्तरीय वार्ता करते हैं.”
डोवल ने कहा, “हमें राष्ट्रपति पुतिन की हमारे देश की यात्रा के बारे में जानकर खुशी हुई. यात्रा की तारीखें लगभग तय हैं.”
आपको बता दें कि अजीत डोवल बुधवार को मॉस्को पहुंचे हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद डोवल की पहली मॉस्को यात्रा है. अजीत डोवल के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर भी रूस की यात्रा करने वाले हैं.
लगातार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूसी तेल खरीदने को लेकर भारत पर बनाए जा रहे दबाव के बीच डोवल की रूसी यात्रा बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. वहीं इस दौरे को सांकेतिक तौर पर अमेरिका के लिए जवाब भी माना जा रहा है कि भारत ने दिखा दिया है कि वो रूस के साथ दोस्ती और गहरी करेगा.
4 साल बाद भारत आएंगे पुतिन, रूस यूक्रेन युद्ध के बाद पहली भारत यात्रा
साल 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरु होने के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने पर सहमति बन सकती है. भारत रूस के बीच तकरीबन 60 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हो रहा है. जिसे लेकर अमेरिका को मिर्ची लग रही है.
इससे पहले साल 2021 में पुतिन ने भारत के एक छोटी यात्रा की थी, उस वक्त कुछ घंटों के लिए पुतिन दिल्ली आए थे. इस दौरान भारत और रूस के बीच कई सैन्य समझौते हुए थे.
हालांकि साल 2024 में पीएम मोदी और पुतिन के बीच दो बार मुलाकात हुई थी. पीएम मोदी ने तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद से दो बार रूस की यात्रा की है.
रणनीतिक तौर पर दुनिया में तेजी से बदल रहे समीकरण, भारत-अमेरिका-रूस-चीन केंद्र
पूरी दुनिया में सामरिक और सैन्य उथलपुथल मची हुई है. अमेरिका को रूस के साथ भारत की दोस्ती चुभ रही है तो भारत ने अमेरिका को जवाब देते हुए राष्ट्रहित की बात की है. अमेरिका को जवाब देते हुए भारत के जेम्स बॉन्ड अजीत डोवल मॉस्को में हैं, सरकार में चाणक्य यानि जयशंकर भी मॉस्को जाएंगे तो रूसी राष्ट्रपति पुतिन गहरी दोस्ती का परिचय देते हुए भारत आएंगे.
हालांकि पुतिन-मोदी की मुलाकात चीन में भी हो सकती है. पीएम मोदी गलवान में हुई झड़प के बाद पहली बार चीन जाने वाले हैं. 31 अगस्त-01 सितंबर को पीएम मोदी की चीन यात्रा प्रस्तावित है, जब शी जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच मुलाकात होगी.
पुतिन-मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात के दौरान त्रिपक्षीय मंच को लेकर घोषणा की जा सकती है, जो अमेरिका के लिए चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है. ब्रिक्स से चिढ़े बैठे ट्रंप को एक और झटका लग सकता है, क्योंकि रूस की कोशिश से भारत और चीन करीब आ रहे हैं और ये तिकड़ी अमेरिका का प्रभुत्व कम कर सकती है.
इस बीच अगले सप्ताह व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच भी मीटिंग तय है. जहां रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने को लेकर फाइनल बातचीत होनी है. दरअसल ट्रंप नोबल पुरस्कार पाने के लिए इस कदर कुलबुला रहे हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करना चाहते हैं. ट्रंप के किसी भी दबाव के आगे जब पुतिन नहीं झुके तो अब ट्रंप खुद पुतिन से बातचीत करके मनाना चाहते हैं.