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स्वदेशी एविएशन इंडस्ट्री में पूरा भरोसा, राजनाथ ने एलसीए मार्क-1ए का फ्यूजलेज सौंपा

एक तरफ हमारे साहसी वायु-योद्धा देश के लिए अमूल्य योगदान दे रहे हैं, दूसरी तरफ स्वदेशी रूप से निर्मित किए जा रहे उपकरण उन्हें अतिरिक्त ताकत प्रदान कर रहे हैं, जिसके साथ वे हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं.

—-राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना की बढ़ती ताकत के लिए वायु योद्धाओं की बहादुरी और समर्पण के साथ-साथ भारतीय सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों द्वारा निर्मित किए जा रहे उपकरणों को श्रेय दिया है.

देश में लड़ाकू विमानों की घटती स्क्वाड्रन और एलसीए प्रोजेक्ट में हो रही देरी के बीच राजनाथ सिंह ने भरोसा जताया कि एचएएल और निजी क्षेत्र हर चुनौती को पार करते हुए सशस्त्र बलों को हर तरह से मजबूत करेंगे.

रविवार को बेंगलुरु में राजनाथ सिंह प्राईवेट कंपनी अल्फा टोकोल इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट एमके-1ए का पहला रियर फ्यूजलेज हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को सौंपने के लिए आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.

इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, एचएएल के सीएमडी डॉ. डीके सुनील और अल्फा टॉकोल इंजीनियरिंग सर्विसेज के सीईओ भी मौजूद थे.

अपने संबोधन में, रक्षा मंत्री ने इसे भारत के रक्षा विनिर्माण की ऐतिहासिक यात्रा में एक मील का पत्थर बताया. उन्होंने कहा कि यह समारोह, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की प्रगति और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है.

क्या होता है फ्यूजलेज

फ्यूजलेज, विमान का मुख्य हिस्सा होता है, जिसमें पायलट, यात्री और सामान होता है, जबकि रियर फ्यूजलेज टेल सेक्शन और उससे जुड़े कलपुर्जों को सहारा देता है.

एलसीए मार्क-1ए के निर्माण में प्राईवेट कंपनियों की रहेगी अहम भूमिका

रक्षा मंत्री ने एचएएल को देश के रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र का फ्यूजलेज बताया, जिसके साथ एलएंडटी, अल्फा टोकोल, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और वीईएम टेक्नोलॉजीज जैसी निजी कंपनियां रियर फ्यूजलेज की भूमिका निभा रही हैं और एचएएल को सहयोग दे रही हैं.

एचएएल ने 83 एलसीए एमके-1ए अनुबंध के लिए प्रमुख मॉड्यूल की आपूर्ति हेतु एलएंडटी, अल्फा टोकोल इंजीनियरिंग सर्विसेज, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल), वीईएम टेक्नोलॉजीज और लक्ष्मी मिशन वर्क्स (एलएमडब्ल्यू) जैसी विभिन्न भारतीय निजी कंपनियों को ऑर्डर दिए थे.

एचएएल ने पहले ही 12 एलसीए एमके-1ए रियर फ्यूजलेज का निर्माण कर लिया है, जो विमान पर विनिर्माण लाइन में हैं. इस आपूर्ति के साथ, एक भारतीय निजी भागीदार द्वारा निर्मित एक प्रमुख संरचना मॉड्यूल को एलसीए एमके-1ए विमान में एकीकृत किया जाएगा, जिससे एचएएल 2025-26 से, भारतीय वायुसेना के लिए अतिरिक्त डिलीवरी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सक्षम होगा.

अमेरिका से एविएशन इंजन की सप्लाई में देरी, वायुसेना प्रमुख चिंतित

एलसीए मार्क-1ए के एविएशन इंजन (एफ-404) में अमेरिका से सप्लाई में हो रही देरी के चलते वायुसेना चिंतित है. वायुसेना प्रमुख कई बार सार्वजनिक तौर से एलसीए मार्क-1ए की डिलीवरी को लेकर एचएएल पर निशाना साध चुके हैं. ऐसे में राजनाथ सिंह का स्वदेशी इंडस्ट्री में विश्वास बेहद अहम हो जाता है.