लेबनान में आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के खिलाफ पेजर अटैक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रोजमर्रा के उपकरणों और टेक्नोलॉजी के वेपनाइजेशन पर चिंता जताते हुए देश के मिलिट्री कमांडर्स से अप्रत्याशित परिस्थितियों के अनुकूल अपने को ढालने और नवीनतम प्रौद्योगिकी प्रगति का लाभ उठाने का आह्वान किया है.
शनिवार को रक्षा मंत्री राजधानी दिल्ली स्थित नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) में 2022 बैच के एमफिल दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, अधिकारियों से रणनीतिक विचारक बनने का आग्रह किया, जो भविष्य के युद्धों का अनुमान लगाने, वैश्विक राजनीतिक गतिशीलता को समझने तथा बुद्धिमत्ता और समानुभूति दोनों के साथ नेतृत्व करने में सक्षम हों.
रक्षा मंत्री ने कहा कि “वर्तमान समय में युद्ध, पारंपरिक युद्ध-क्षेत्रों से आगे निकल गया है और अब एक बहु-क्षेत्रीय वातावरण में संचालित होता है, जहां साइबर, अंतरिक्ष और सूचना युद्ध, पारंपरिक अभियानों की तरह ही महत्वपूर्ण हैं.
राजनाथ सिंह ने कहा कि साइबर हमले, दुष्प्रचार अभियान और आर्थिक युद्ध ऐसे साधन बन गए हैं, जो बिना एक भी गोली चलाए पूरे देश को अस्थिर कर सकते हैं. ऐसे में, रक्षा मंत्री ने कहा कि, सैन्य नेतृत्व के पास जटिल समस्याओं का विश्लेषण करने और अभिनव समाधान तैयार करने की क्षमता होनी चाहिए.”
राजनाथ सिंह ने आज के समय में तेजी से हो रही प्रौद्योगिकी प्रगति को सबसे महत्वपूर्ण ताकत बताया, जो भविष्य के लिए तैयार सेना के विकास को गति प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि “ड्रोन और स्वायत्त वाहनों से लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और क्वांटम कंप्यूटिंग तक, आधुनिक युद्ध को आकार देने वाली प्रौद्योगिकियां बहुत तेजी से विकसित हो रही हैं. हमारे अधिकारियों को इन तकनीकों को समझना चाहिए और उनका उपयोग करने में सक्षम होना चाहिए.”