विदेश मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को ‘काल्पनिक और भ्रामक’ बताया है जिसमें आरोप लगाया गया था कि भारत, यूक्रेन को गोला-बारूद सप्लाई कर रहा है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के प्रति भारत का ट्रैक रिकॉर्ड ‘त्रुटिहीन’ है. विदेश मंत्रालय ने मीडिया रिपोर्ट्स को पूरी तरह से खारिज करते हुए गलत और शरारतपूर्ण करार दिया.
दरअसल, एक अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी ने ये खबर छापी थी कि भारत की सरकारी और प्राईवेट आर्म्स कंपनियां यूरोप के कुछ देशों को गोला-बारूद सप्लाई करती हैं. यूरोप के ये देश इस गोला-बारूद को यूक्रेन भेज रहे हैं.
ऐसे में विदेश मंत्रालय ने साफ तौर से कहा कि भारत के पास “सैन्य और दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात पर अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के अनुपालन का त्रुटिहीन ट्रैक रिकॉर्ड है.” मंत्रालय ने कहा कि भारत अपने रक्षा निर्यात को अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को ध्यान में रखते हुए और अपने स्वयं के मजबूत कानूनी और नियामक ढांचे के आधार पर कर रहा है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स से ऐसा प्रतीत कराने की कोशिश की गई कि भारत अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करता है, जो पूरी तरह से गलत है. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि डिफेंस एक्सपोर्ट के दौरान “अंतिम उपयोगकर्ता दायित्वों और प्रमाण पत्रों सहित प्रासंगिक मानदंडों का समग्र मूल्यांकन शामिल होता है.”
पिछले ढाई साल से चल रहे युद्ध के चलते, यूक्रेन को गोला-बारूद की भारी कम हो रही है. ऐसे में यूक्रेन, यूरोप (नाटो) और अमेरिका पर अपनी सैन्य जरुरतों के लिए निर्भर है. लेकिन भारी मात्रा में टैंक और तोप के गोला-बारूद के इस्तेमाल से यूरोप भी यूक्रेन की जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ है. ऐसे में रिपोर्ट में कहा गया था कि यूरोपीय देश, भारत से गोला-बारूद के खोल इम्पोर्ट कर रहे हैं और उसमें विस्फोटक सामाग्री भरकर यूक्रेन को सप्लाई कर रहे हैं.
फरवरी 2022 में शुरु हुए रूस-यूक्रेन जंग में भारत हमेशा से शांति का पक्षधर रहा है. भले ही भारत ने रूस का खुलकर विरोध नहीं किया है लेकिन हर विवाद का हल बातचीत और डिप्लोमेसी के जरिए करने पर जोर दिया है. हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉस्को और कीव की अपनी यात्राओं के दौरान युद्ध को रुकवाने और दोनों पक्षों को बातचीत की टेबल तक लाने में हर संभव प्रयास का भरोसा दिया है.