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सुनक हारे, इंडिया-UK संबंधों पर सस्पेंस

14 साल के लंबे वनवास के बाद ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सरकार बन रही है. भारत के पसंदीदा पीएम ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को चुनाव में करारी पराजय का सामना करना पड़ा है.

लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर ने मौजूदा पीएम ऋषि सुनक को चुनाव में हराकर अच्छी संख्या के साथ बहुमत हासिल किया है. हिंदुस्तान में सबके मन में हालांकि, ये सवाल उठ रहे हैं कि ऋषि सुनक के साथ भारत के संबंध बहुत अच्छे थे लेकिन कीर स्टार्मर के पीएम बनने के बाद भारत और ब्रिटेन के संबंधों पर क्या असर पड़ेगा? 

क्या कीर स्टार्मर और पीएम मोदी के बीच वही केमेस्ट्री देखने को मिलेगी जो पीएम मोदी और ऋषि सुनक के बीच देखने को मिलती थी. कश्मीर पर भारत का विरोध करने वाले कीर स्टार्मर का अब कश्मीर पर क्या होगा रुख? क्या भारत के प्रति ब्रिटेन की विदेश नीति बदल जाएगी?  ब्रिटेन में सत्ता परिवर्तन के बाद ऐसे कई सवाल भारत के नजरिए से लोगों के मन में उठ रहे हैं. 

भारत से लेबर पार्टी के रिश्ते सुधरेंगे!

ब्रिटेन में इस बार लेबर पार्टी के पीएम की वापसी हुई है. लेबर पार्टी से भारत के बहुत अच्छे रिश्ते नहीं रहे हैं. पर पीएम बनने वाले कीर स्टार्मर ने अपने घोषणा पत्र में भारत से संबंधों के सुधारने पर जोर दिया था. चुनाव प्रचार के दौरान कीर स्टार्मर ने भारत की प्रमुखता से बात की थी. भारत के प्रति कीर स्टार्मर ने अपना रुख साफ किया था. 

चुनाव अभियान के दौरान कीर स्टार्मर ने ब्रिटिश भारतीयों के साथ-साथ भारत के लिए अच्छी बातें की थीं. कीर स्टार्मर ने “लेबर और भारत के बीच तनावपूर्ण संबंधों” को सुधारने की बात कही और सरकार बनाने पर “भारत के साथ एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी” पर भी जोर दिया है. 

भारत के साथ संबंध को कीर स्टार्मर ने लेबर पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में शामिल किया था. घोषणा पत्र में लेबर पार्टी ने कहा कि ” भारत के साथ एक नई रणनीतिक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है जिसमें एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट शामिल होगा.  सुरक्षा, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को भी मजबूत किया जाएगा”

कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ लेबर पार्टी, पर स्टार्मर का यू टर्न

लेबर पार्टी हमेशा से पाकिस्तान के साथ कश्मीर पर राग अलापती रही है, साल 2015 में लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने कश्मीर मुद्दे पर ऐसे कई बयान दिए थे जो ब्रिटेन में रह रहे भारतीयों को नागवार गुजरा था. साल 2019 में जब कश्मीर में अनुच्छे 370 को मोदी सरकार ने समाप्त कर दिया था. तो लेबर पार्टी ने भारत सरकार की आलोचना की थी. 

बाकयदा जेरेमी कॉर्बिन एक आपातकालीन प्रस्ताव लेकर आए थे जिसमें कहा गया कि “कश्मीर के लोगों को स्वयं फैसले लेने का अधिकार होना चाहिए.” जिसके बाद भारत के लोगों ने जेरेमी कॉर्बिन और लेबर पार्टी के खिलाफ ब्रिटेन के चुनाव में जमकर कैंपेनिंग की थी. ब्रिटेन में रह रहे भारतीयों ने लेबर पार्टी को एंटी इंडिया और एंटी हिंदू तक बताया. लेबर पार्टी को कश्मीर मुद्दे पर भारत की आलोचना का खामियाजा ब्रिटेन में करारी शिकस्त के साथ भरना पड़ा था. 

साल 2020 में कीर स्टार्मर लेबर पार्टी के नेता बने तो उन्होंने हिंदू वोटर्स की नाराजगी खत्म करने की कोशिश की. कई मंदिरों का दौरा किया और कश्मीर मुद्दे पर लेबर पार्टी का स्टैंड बदला. कीर स्टार्मर ने अपने बयान में कहा- ” आर्टिकल 370 खत्म करना भारतीय संसद का मुद्दा है. कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है जिसे भारत और पाकिस्तान को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए.”

भारत के साथ संबंध सुधारने के पक्षधर हैं कीर स्टार्मर
कीर ने पिछले साल इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) में भारत-यूके संबंधों पर कहा था. “मेरे पास आप सभी के लिए एक स्पष्ट संदेश है  कि यह एक बदली हुई लेबर पार्टी है, मेरी लेबर सरकार भारत के साथ लोकतंत्र के हमारे साझा मूल्यों पर आधारित संबंध स्थापित करेगी. इसमें एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भी शामिल होगा. हम वैश्विक सुरक्षा, जलवायु सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा के लिए एक नई रणनीतिक साझेदारी भी चाहते हैं.” इसके अलावा दुनिया में भारत की मजबूत स्थिति को लेकर पिछले महीने भी कीर स्टार्मर भारत की प्रशंसा की थी. माना जा रहा है कि कीर स्टार्मर के ब्रिटेन के पीएम बनने के बाद भारत के साथ ब्रिटेन के रिश्तों में खटास कम होगी और मिठास बढ़ेगी (https://x.com/RoyalFamily/status/1809187240259526724).

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