अगले 10-12 सप्ताह में इंग्लिश चैनल पार करके ब्रिटेन पहुंचने वाले अवैध शरणार्थियों को ब्रिटेन छोड़ना होगा. ब्रिटेन से अवैध शरणार्थियों को एक एक करके रवांडा भेजना शुरु किया जाएगा. ब्रिटेन सरकार ने शरणार्थियों के लिए कमर्शियल चार्टर प्लेन बुक किए हैं ताकि एक एक करके सभी अवैध शरणार्थियों को रवांडा भेज दिया जाए. मंगलवार को ब्रिटेन की संसद ने विवादित रवांडा डिपोर्टेशन बिल को पास कर दिया है. इस बिल का मकसद ब्रिटेन से शरणार्थियों को वापस भेजना है. हाल के सालों में अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और एशियाई देशों से गरीबी और युद्ध की मार से परेशान होकर हजारों लोग ब्रिटेन पहुंचे हैं. ये लोग अपनी जान जोखिम में डाल छोटी-छोटी नौकाओं से इंग्लिश चैनल पार कर ब्रिटेन पहुंचते हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल जनवरी से लेकर मार्च के बीच इंग्लिश चैनल पार कर ब्रिटेन पहुंचने वालों की संख्या 4600 से अधिक है.
रवांडा बिल से ब्रिटेन का फायदा या सुनक का फायदा?
ब्रिटेन इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहा है. ब्रिटेन की जीडीपी में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. तकनीकी मंदी का डर मंडरा रहा है. ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी देश में बेरोजगारी और महंगाई को अवैध शरणार्थियों से जोड़ती है. ब्रिटेन में 2025 में चुनाव होने वाले हैं. रवांडा पॉलिसी ऋषि सुनक के सबसे बड़े चुनावी वादों में से एक है. रवांडा बिल पास होने और अवैध शरणार्थियों की रवानगी से सुनक की कंजरवेटिव पार्टी को फायदा होगा. साल 2019 में ब्रिटेन में हुए प्रधानमंत्री के चुनाव में ऋषि सुनक की कंजरवेटिव पार्टी ने रवांडा बिल का वादा किया था हालांकि, जून 2022 में रवांडा बिल को यूरोपीय यूनियन की कोर्ट ने गैरकानूनी बताया था. बाद में यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन के अलग होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा था. ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट ने भी यूरोपियन यूनियन के फैसले को बरकरार रखा था. लेकिन, अब बिल को संसद से पास होते ही कानून बन गया है.
रवांडा को बदले में 12 करोड़ पाउंड !
इस विवादित बिल को साल 2022 में उस वक्त के पीएम बोरिस जॉनसन रवांडा के साथ हुए एक समझौता के बाद लाए थे. इस समझौते के मुताबिक, ब्रिटेन की सरकार रवांडा को अवैध शरणार्थियों के लिए 3 हजार करोड़ रुपए देगी. इस रुपए से रवांडा शरणार्थियों के लिए घर और रोजगार की व्यवस्था करेगा. ब्रिटेन ने रवांडा के साथ हुए इस एग्रीमेंट के बदले में उसे 12 करोड़ पाउंड दिए हैं. इन पैसों से रवांडा शरणार्थियों के लिए घर, काम का बंदोबस्त करेगा, जब तक कि उनके ब्रिटेन में शरण लेने का आवेदन स्वीकार न हो जाए. बाकी पैसों को रवांडा अपने वेलफेयर में लगा सकता है.
बिल को किसने बताया अमानवीय ?
यूरोप की मानवाधिकार संगठनों ने ऋषि सुनक के रवांडा बिल की आलोचना की है. संगठन ने बिल को ‘राइट टू लिव’ यानी रहने के अधिकार के खिलाफ बताया है. मानव अधिकार संगठनों का कहना है कि बिल अमीर और गरीब में फर्क करता है. बिल लोगों के बीच भेदभाव बढाएगा. ऐसे में अवैध शरणार्थियों पर सरकार जुर्म करेगी. सुनक की सरकार का फैसला अमानवीय है. ब्रिटिश नेशनलिटी एंड बॉर्डर्स एक्ट के मुताबिक, केवल उन्हीं लोगों को देश में शरण मिल सकती है, जो वैध ढंग से आए हों और यूरोप के किसी देश के रहने वाले हो, लेकिन ज्यादातर लोग युद्ध में घिरे देशों से भागकर क्रिमिनल गैंग के माध्यम से इंग्लिश चैनल पार करके आए हैं. ब्रिटेन उन्हें वापस भेज रहा है. पर मानवाधिकार संगठनों का कहना है- ब्रिटेन ऐसे लोगों को वापस भगाकर खुद को क्रूर नहीं दिखा सकता.
रवांडा के बारे में जानिए
रवांडा मध्य-पूर्व अफ्रीका का एक छोटा सा देश है. क्षेत्र की बात की जाए तो भारत के केरल से भी छोटा देश है रवांडा. रवांडा पहाड़ियों से घिरा हुआ है. रवांडा की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से बारिश पर निर्धारित है. लोग खेती करते हैं. कॉफी और चाय इसका सबसे बड़ा निर्यातक हैं. साल 1994 के गृहयुद्ध ने आर्थिक गतिविधियों और खाद्य उत्पादन को बहुत प्रभावित किया. 1994 के बाद से, रवांडा की अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ी है.
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