ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी के कीव दौरे के फौरन बाद रूस ने ब्रिटेन पर लिया है बड़ा एक्शन. रूस ने ब्रिटेन के छह राजनयिकों को जासूसी के आरोप में मॉस्को से निष्कासित कर दिया है.
हालांकि ये कोई पहला मामला नहीं हैं. रूस पहले भी ब्रिटेन के राजनयिकों पर जासूसी का आरोप लगा चुका है. लेकिन इस बार निष्कासन अहम इसलिए है क्योंकि ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर वाशिंगटन यात्रा पर हैं. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी 48 घंटे पहले ही अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ यूक्रेन पहुंचे थे और रूस के खिलाफ जेलेंस्की को मदद का भरोसा दिया था. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल कर चर्चा की थी.
ब्रिटेन और अमेरिका ने यूक्रेन के राष्ट्रपति को 1.5 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त सहायता की घोषणा की है. साथ ही ब्रिटेन पीएम कीर स्टार्मर और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध में जेलेंस्की की लंबी दूरी वाली मिसाइल की मांग पर अहम चर्चा हुई है. (UK US ने दी परमिशन, रुस-यूक्रेन बैटल फील्ड से आएगी बड़ी खबर)
हम पर रणनीतिक तौर पर हार सौंपना चाहते थे जासूस: एफएसबी
रूस ने ब्रिटेन के 6 राजनयिकों की मान्यता रद्द कर दी है, इस आरोप में कि वो ब्रिटेन में रहते हुए जासूसी कर रहे थे. रूस की फेडरल इंटेलिजेंस और सिक्योरिटी एजेंसी एफएसबी (फेडरेल सिक्योरिटी ब्यूरो) ने ब्रिटेन के छह राजनयिकों के खिलाफ पुख्ता दस्तावेज मिलने का दावा किया है. एफएसबी के मुताबिक, “राजनयिकों को ब्रिटेन के खुफिया विभाग ने मॉस्को भेजा था. जिनका मुख्य काम रूस पर रणनीतिक तौर पर हार थोपना था. इसलिए ये राजनयिक, विध्वंसकारी गतिविधियों में शामिल थे और रूस के खुफिया दस्तावेज हासिल करने की कोशिश में थे.”
रूस के आरोप निराधार और झूठे: ब्रिटेन
ब्रिटेन के विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय (एफसीडीओ) ने बयान जारी कर रूस के आरोपों को खारिज कर दिया है. एफसीडीओ ने कहा है कि “हमारे कर्मचारियों पर लगाए गए आरोप निराधार हैं. ब्रिटेन अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा मामले में दृढ़ है. रूस ने पिछले महीने छह राजनयिकों की मान्यता रद्द की थी, वो भी तब जब यूरोप और ब्रिटेन ने रूस पर एक्शन लिया था. पर अब जासूसी के आरोप झूठे हैं.”
पुतिन की धमकी
रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने धमकी दी है कि अगर पश्चिमी देशों (यूएस, यूके इत्यादि) की लंबी दूरी की मिसाइलों से यूक्रेन हमला करता है तो ऐसे में मॉस्को इसे नाटो के युद्ध में शामिल होने के तौर पर लेगा. यानी रूस और मॉस्को का सीधा टकराव. ऐसे में यूक्रेन जंग के तीसरे विश्वयुद्ध में तब्दील होने की पूरी संभावना है. (https://x.com/FinalAssault23/status/1834501769939882151)