रूस ने दावा किया है, कि उसने पूरे लुहांस्क पर कब्जा कर लिया है. अगर रूस का दावा सही है तो साढ़े 3 साल से चल रहे युद्ध के दौरान यूक्रेन का लुहांस्क, वो पहला क्षेत्र होगा जिस पर रूस ने पूरी तरह से कब्जा जमाया है. माना जा रहा है कि लुहांस्क पर रूस के कब्जे के बाद युद्ध में और मार-काट मच सकती है. रूस का ये दावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उन कोशिशों के लिए भी झटका होगा, जिसमें वो दोनों देशों में शांति की बात करते हैं.
रूसी सेना के नियंत्रण में है लुहांस्क का 100 प्रतिशत क्षेत्र:लियोनिज पासेचनिक
कब्जे वाले क्षेत्र के लिए मॉस्को की ओर से नियुक्त नेता और राष्ट्रपति लियोनिद पासेचनिक ने सरकारी टीवी पर ये घोषणा की है. पासेचनिक ने कहा कि उन्हें दो दिन पहले ही एक रिपोर्ट मिली थी, जिसमें कहा गया था कि 100 प्रतिशत क्षेत्र अब रूसी सेना के नियंत्रण में है. हालांकि लियोनिज पासेचनिक के दावे को लेकर यूक्रेन की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है.
लुहांस्क को कई देशों ने दी है मान्यता: पासेचनिक
पासेचनिक ने युद्ध के शुरुआत में ही कहा था कि “लुहांस्क को न केवल रूस ने ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों ने मान्यता दी है. हम आतंकवादी नहीं हैं. हम अपनी धरती पर रहने वाले स्वतंत्र लोग हैं, जो रोटी कमाना और बच्चों की परवरिश करना चाहते हैं.”
आपको बता दें, लुहांस्क शहर के नाम पर ही रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के डॉनबास प्रांत के एक बड़े इलाकों को आजाद घोषित कर, लुहांस्क देश की स्थापना का ऐलान किया था. रुस के अलावा बेलारुस और वेनेजुएला जैसे देशों ने भी लुहांस्क को एक राष्ट्र के तौर पर मान्यता दे दी है. आजाद होने के बाद लियोनिद पासेचनिक को पहला राष्ट्रपति चुना गया था.
कीव पहुंचे जर्मनी के शीर्ष राजनयिक, यूक्रेन को और हथियार देने का आश्वासन
लुहांस्क के राष्ट्रपति का दावा ऐसे वक्त में हुआ है, जब यूक्रेन की राजधानी कीव में जर्मनी के शीर्ष राजनयिक दौरे पर पहुंचे थे. जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडेफुल ने जर्मन रक्षा उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ यूक्रेनी राजधानी कीव की यात्रा के दौरान कहा, कि यूक्रेन को और अधिक हथियार मुहैया कराने में मदद करना जर्मनी का लक्ष्य है. हम अपना काम यूक्रेन की मदद करना मानते हैं, ताकि वह अधिक मजबूती से बातचीत कर सके.
वेडफुल ने यूक्रेनी विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा के साथ द्विपक्षीय बैठक की. इस दौरान वेडफुल ने कहा, “जब पुतिन आज शांति की बात करते हैं तो यह मजाक ही लगता है. बातचीत को लेकर पुतिन अब तक दिखावा ही करते आ रहे हैं.”