मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग पर लंबी दूरी की मिसाइल हमले की आशंका के बीच रूस ने बड़ा मानवीय कदम उठाया है. रूस ने यूक्रेन के 1000 मृत सैनिकों के शवों को लौटा दिया है.
रूस और यूक्रेन के बीच इस्तांबुल में ये समझौता किया गया था. कीव को 1000 सैनिकों के शव दिए जाने की पुष्टि रूसी वार्ताकार व्लादिमीर मेडिंस्की ने की है. इस इस अदला-बदली के तहत यूक्रेन ने भी रूस को 19 मृत सैनिकों के शव लौटाए हैं.
सैनिक अपने देश की मिट्टी में सम्मानपूर्वक विश्राम कर सकेंगे: मेडिंस्की
रूसी वार्ताकार मेडिंस्की ने बताया कि सैनिकों के शवों की अदला-बदली की प्रक्रिया मानवीय संवेदनाओं को देखते हुए की गई है. मेडिंस्की ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि ये सैनिक अब अपने देश की मिट्टी में सम्मानपूर्वक विश्राम कर सकेंगे, ईश्वर करे वे अपने देश की भूमि में शांति से विश्राम करें.”
यूक्रेन की ओर से अब तक इस शव-वापसी को लेकर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
रूस-यूक्रेन के बीच सबसे बड़ी संख्या में शवों की वापसी, इस्तांबुल में हुआ था समझौता
रूस और यूक्रेन के बीच जंग और आक्रामक हो गई है. पिछले साढ़े 3 साल में रूस-यूक्रेन दोनों पक्षों की ओर से हजारों सैनिक और आम नागरिक मारे जा चुके हैं. जमीनी संघर्ष को लेकर इस्तांबुल में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच कई राउंड की वार्ता की जा चुकी है, जिसमें शांति वार्ता भी शामिल है. सीजफायर को लेकर तो बात नहीं बनी, लेकिन सैनिकों के शवों की अपने-अपने देश भेजने को लेकर मानवीय समझौते पर जरूर मुहर लगाई गई.
उस समझौते का उद्देश्य युद्ध के पीड़ितों के शवों की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी सुनिश्चित करना है. रूस और यूक्रेन के बीच यह सबसे बड़ी शव-वापसी में से एक मानी जा रही है.
ट्रंप ने जेलेंस्की को भड़काया, हथियारों के बदले मॉस्को पर अटैक की बात कही
अमेरिकी धमकी को रूस ने नजरअंदाज कर दिया है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि “हम देख लेंगे. हम रूस की सुरक्षा और संप्रभुता से खिलवाड़ नहीं होने देंगे.”
आपको बता दें कि जुलाई के पहले सप्ताह में जब ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति से बात की थी तो ट्रंप ने जेलेंस्की से कहा था कि “अगर हथियार दे दिए जाएं तो क्या यूक्रेन, मॉस्को या सेंट पीटर्सबर्ग पर हमला कर सकता है?” ट्रंप के इस सवाल पर जेलेंस्की ने कहा था कि “हां, बिल्कुल, यूक्रेन हमला कर सकता है.”