यूक्रेन को लंबी दूरी वाली मिसाइल के अटैक की मंजूरी के बीच रूस ने घातक एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की खेप तानाशाह किम जोंग उन को पहुंचाई है. दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने इस बात का दावा किया है.
अचानक से नॉर्थ कोरिया को इस मिसाइल सिस्टम की जरूरत क्यों पड़ गई है. क्या तानाशाह वाकई में साउथ कोरिया और पश्चिमी देशों के खिलाफ कोई खतरनाक प्लान तैयार कर रहा है, और पलटवार के बाद अपने देश की सुरक्षा एस-400 से करने वाला है?
नॉर्थ कोरिया को अचानक एस-400 की जरूरत क्यों पड़ी?
दक्षिण कोरिया के खुफिया विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि रूस ने आनन फानन में किम जोंग उन को एस-400 डिफेंस सिस्टम की सप्लाई की है. एस 400 डिफेंस सिस्टम की डील प्योंगयांग और मॉस्को के बीच हुई थी. इस डिफेंस सिस्टम के बदले में ही नॉर्थ कोरिया ने अपने 10 हजार से ज्यादा सैनिकों रूस भेजा है.
दुनिया के सबसे बेहतरीन एयर डिफेंस सिस्टम में से एक है, एस 400. इस डिफेंस सिस्टम की डिमांड पूरी दुनिया में है. इस सिस्टम को हासिल करने के लिए युद्ध के पहले ही कई देशों से रूस को ऑर्डर मिल चुके हैं. ये वही एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसने अमेरिका को न्यूक्लियर वेपन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत परेशान किया था.
भारत ने भी रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम की पांच यूनिट खरीदी हैं. इनमें से तीन यूनिट (बैटरी) की सप्लाई रूस से हो चुकी है. बाकी दो अगले साल तक आने की उम्मीद है.
जाते-जाते बाइडेन क्या तानाशाह के खिलाफ भी लेंगे एक्शन
सवाल ये है कि अचानक से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खेप क्यों नॉर्थ कोरिया पहुंचाई गई है. क्या बाइडेन प्रशासन ने ट्रंप की ताजपोशी से पहले बड़ी सामरिक तैयारी की है? कहीं यूक्रेन के बाद बाइडेन, किम जोंग के खिलाफ बड़ा सैन्य एक्शन तो नहीं लेने वाला है. इसी भनक के बाद किम जोंग ने अपनी तैयारी करनी शुरु कर दी है कि कहीं अगर अमेरिका ने कुछ सैन्य एक्शन लिया तो रूसी डिफेंस सिस्टम से उस हमले को नाकाम कर सके.
जिस तरह से रूस और नॉर्थ कोरिया के बीच समझौता हुआ था कि अगर किसी देश पर हमला हुआ तो वो हमला दोनों देशों के खिलाफ माना जाएगा और फिर कोई भी देश पलटवार कर सकता है. ऐसे में यूक्रेन ने जब लंबी दूरी की मिसाइल से रूस पर अटैक किया है, तो क्या नॉर्थ कोरिया अपनी घातक मिसाइल से किसी नाटो देश पर अटैक करने की प्लानिंग कर रहा है?
बाइडेन प्रशासन ने दी नॉर्थ कोरिया को वॉर्निंग
दावा किया गया है कि 22 नवंबर को खारकीव में नॉर्थ कोरियाई सैनिक पहुंचे थे. नॉर्थ कोरिया के सैनिक दोनेत्स्क ओब्लास्ट में रूसी सेना की वर्दी पहनकर युद्ध में उतरे हैं. रूस की वर्दी में सैनिकों को देखते ही यूक्रेनी फोर्स ने उन पर हमला कर दिया. ये हमला यूक्रेन की 153वीं सेपरेट मैकेनाइज्ड ब्रिगेड ने अंजाम दिया था और इसी हमले में नॉर्थ कोरिया का एक बड़ा सैन्य अधिकारी घायल हो गया था.
इस घटना के बाद अमेरिका के रक्षा डिपार्टमेंट पेंटागन ने उत्तर कोरिया को वॉर्निंग दी है कि “नॉर्थ कोरियाई सैनिक जहां भी हैं, वो टारगेट पर हैं.” ऐसे में माना जा रहा है कि ट्रंप की ताजपोशी से पहले अमेरिका, नॉर्थ कोरिया के खिलाफ एक बड़ा ऑपरेशन शुरु कर सकता है. इसी ऑपरेशन से निपटने के लिए नॉर्थ कोरिया ने एस-400 को तैनात किया है ताकि हवाई हमलों को नाकाम किया जा सके.