कुर्स्क में चल रही लड़ाई के बीच अमेरिका के 24 पत्रकारों के रूस में आने पर बैन लगा दिया गया है. इन जर्नलिस्ट में 14 वॉल स्ट्रीट जनरल के हैं, पांच न्यूयॉर्क टाइम्स के हैं और चार वाशिंगटन पोस्ट के हैं.
हाल ही में रूस ने कुर्स्क में यूक्रेनी सेना के साथ एंबेडेड होकर रिपोर्टिंग करने के आरोप में एक यूक्रेनी और एक अमेरिका पत्रकार के खिलाफ आपराधिक मामला तक दर्ज किया था.
6 अगस्त को यूक्रेनी सेना ने रूस के कुर्स्क प्रांत में घुसकर 1200 वर्ग किलोमीटर के इलाके पर कब्जा कर लिया था. यूक्रेन ने रूस के कई रिहायशी इलाकों पर कब्जा कर लिया है. इसके हमले के चलते रूस के करीब दो लाख नागरिकों को विस्थापित होना पड़ा है.
कुर्स्क के जिस इलाके पर यूक्रेनी सेना का कब्जा हैं, वहां यूक्रेनी और अमेरिका पत्रकार वार-रिपोर्टिंग के लिए पहुंच रहे हैं. उनके वीडियो भी वायरल हो रहे हैं. यही वजह है कि रूस ने ऐसे जर्नलिस्ट के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए हैं.
रूस-यूक्रेन युद्ध शुरु होने के बाद से बड़ी संख्या में अमेरिकी और पश्चिमी देशों के पत्रकार यूक्रेन की राजधानी कीव में डेरा डाले हुए हैं. कीव से ही यूक्रेनी सेना के साथ एंबेडेड होकर ये पत्रकार फ्रंटलाइन पर जाकर रिपोर्टिंग करते हैं. हाल ही में ही रायटर्स के दो पत्रकार इस दौरान फ्रंटलाइन के एक होटल में मिसाइल हमले का शिकार हो गए थे.
ऐसे में संभव है कि रूस को इस बात का अंदेशा था कि जिन 23 पत्रकारों का रूस में आने बैन किया गया है वे कुर्स्क में रिपोर्टिंग के लिए आ सकते हैं. कुछ इंटरनेशनल जर्नलिस्ट कुर्स्क से रिपोर्टिंग कर भी रहे हैं.
हाल ही में रूस और अमेरिका ने जिन 26 कैदियों की अदला-बदली की थी, उनमें वॉल स्ट्रीट जनरल का रिपोर्टर इवान गेर्शकोविच भी शामिल था. इवान रूस में ही रहकर रिपोर्टिंग करता था. रूस का आरोप था कि पत्रकारिता की आड़ में वॉल स्ट्रीट जनरल का पत्रकार अमेरिका के लिए जासूसी करता है.
23 अमेरिकी पत्रकारों के अलावा रूस ने 92 यूएस नागरिकों को भी अपने देश (रूस) आने पर प्रतिबंध लगा दिया है. रूसी विदेश मंत्रालय के मुताबिक, जो भी लोग एंटी-रशियन गतिविधियों में लिप्त हैं उनके खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी.
गौरतलब है कि पिछले साल जब रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र महासभा अधिवेशन में जाने के दौरान अमेरिका ने रूसी पत्रकारों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया था.