रूस ने आधिकारिक तौर से इस बात की पुष्टि कर दी है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दौरान स्टील्थ फाइटर जेट सु-57 की खरीद पर चर्चा होगी. दिल्ली में रूसी दूतावास के डिप्टी चीफ ने इस बात की तसदीक की है कि पांचवीं श्रेणी के लड़ाकू विमान का भारत में ही साझा निर्माण भी किया जा सकता है.
सोमवार को राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम के इतर, रूसी दूतावास के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बाबुश्किन ने एक सवाल में जवाब में कहा कि पिछले तीन वर्षों में यूक्रेन जंग के दौरान रूस ने कई आधुनिक हथियारों को टेस्ट किया. इन हथियारों ने युद्ध में अपनी क्षमताओं का परिचय दिया है. बाबुश्किन ने कहा कि इनमें स्टील्थ फाइटर सु-57 भी शामिल है, जिसे लाइसेंस के जरिए भारत और रूस साझा निर्माण कर सकते हैं.
स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट को लगेगा पूरा एक दशक
दरअसल, भारत के स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट एमका (एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) को बनने में अभी पूरा एक दशक लग सकता है. सरकारी डिफेंस कंपनी, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने खुद कहा है कि एमका की पहली फ्लाइट वर्ष 2034-35 में होगी. वही भारत के प्रतिद्वंदी चीन ने दो-दो स्टील्थ फाइटर जेट (जे-20 और जे-35) तैयार कर लिए हैं.
इस वर्ष पाकिस्तान को चीन से मिलेगा जे-35 एयरक्राफ्ट
चीन ने पाकिस्तान को भी 40 जे-35 पांचवीं श्रेणी के फाइटर जेट देने का करार कर लिया है. ऐसे में निकट भविष्य में भारत की वायु-क्षमताओं को बड़ा झटका लग सकता है. यही वजह है कि वायुसेना, 2034-35 से पहले किसी विदेशी स्टील्थ फाइटर जेट को खरीदने की तैयारी कर सकती है. सु-57 की क्षमताओं को लेकर एचएएल खुद एक स्टडी कर रहा है. ऐसे में मुमकिन है कि भारत, रूस से सु-57(सुखोई-57) की 2-3 स्क्वाड्रन भी सीधे खरीद सकता है.
भारत आ चुका है रुसी पाचंवीं श्रेणी का एयरक्राफ्ट
रुस ने पिछले वर्ष ही सु-57 लड़ाकू विमान को तैयार किया था. इस वर्ष के शुरुआत में बेंगलुरु में आयोजित एयरो-शो में रूस ने अपने इस स्टील्थ फाइटर को प्रदर्शित किया था. दुनिया के दस सबसे खतरनाक लड़ाकू विमानों में सु-57 दूसरे नंबर पर माना जाता है. पहले नंबर पर अमेरिका का एफ-22 रैप्टर माना जाता है.
सोमवार को रूसी डिप्लोमेट ने सु-57 के अलावा एस-400 और एस-5-00 जैसे एयर डिफेंस प्रणाली का भी जिक्र किया जिनके बारे में पुतिन के दौरे के दौरान भारत से चर्चा हो सकती है.
रुस की एस-400 मिसाइल को भारत पहले से ही इस्तेमाल कर रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने एस-400 मिसाइल का इस्तेमाल कर पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया था.