July 5, 2024
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रुसी एयरक्राफ्ट क्रैश, 65 यूक्रेनी PoW की मौत

यूक्रेन से सटे रुस के बेलगोरोड इलाके में एक मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया है. रुसी मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आईएल-76 में 65 यूक्रेनी युद्धबंदी सवार थे. क्रैश में सभी 65 यूक्रेनी युद्धबंदी सहित छह क्रू सदस्य और तीन रुसी सैनिकों की जान चली गई है. रुस ने आरोप लगाया है कि विमान यूक्रेनी मिसाइल के हमले की वजह से क्रैश हुआ है. 

जानकारी के मुताबिक, ये क्रैश बुधवार सुबह 11 बजे हुआ. रूसी सेना का आईएल-76 ट्रांसपोर्ट विमान यूक्रेन के खारकीव से सटे बेलगोरोड एयरपोर्ट पर लैंड करने जा रहा था. लैंड करने से पहले ये विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. रुस के मुताबिक, इस विमान में यूक्रेन के 65 युद्धबंदी थे. ये वे युद्धबंदी थे जिन्हें यूक्रेन युद्ध के दौरान रुस ने हिरासत में लिया था या फिर जिन्होंने रूसी सेना के सामने सरेंडर किया था. क्रैश से पहले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में विमान साफ धूंधूं जलते हुए दिखाई पड़ रहा है. 

रुस ने आरोप लगाया है कि यूक्रेन को इस विमान के मूवमेंट की जानकारी थी. ऐसे में यूक्रेन ने ही एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल से इस विमान को गिराया है. क्योंकि रुस और यूक्रेन बेलगोरोड-खारकीव बॉर्डर पर युद्धबंदियों की अदला-बदली करने जा रहे थे. जो विमान क्रैश हुआ है उसके पीछे यूक्रेनी युद्धबंदियों से भरा दूसरा विमान भी था. लेकिन जैसे ही पहला आई-एल 76 क्रैश हुआ दूसरा विमान बिना बेलगोरोड में लैंड हुए वापस लौट गया. रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, युद्धबंदियों की अदला-बदली कोलोटिलोवा चेक-पॉइंट पर होने जा रही थी. 

ये पहली बार नहीं था कि दोनों देश युद्धबंदियों की अदला-बदली करने जा रहे थे. इससे पहले भी कई बार इस तरह से दोनों देशों ने एक-दूसरे के सैनिकों को लौटाया है. रुस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अब तक इस तरह की अदला-बदली में करीब 800 रुसी सैनिक यूक्रेन से लौटे हैं. यूक्रेन के भी करीब इतने ही सैनिक लौटाए गए हैं. खास बात ये है कि यूक्रेन के लिए लड़ने वाले दूसरे देशों के सैनिकों को भी रुस ने लौटाया है. समय समय पर यूएई जैसे देशों ने दोनों देशों के बीच युद्धबंदियों को लौटाने में अहम भूमिका निभाई है. हालांकि अभी तक ये साफ नहीं है कि बुधवार की अदला-बदली में किसी तीसरे देश की भूमिका थी.

आईएल-76 एक मिलिट्री कार्गो विमान है जिसे रुस ने 70 के दशक में तैयार किया था. रुस की सेना के साथ-साथ भारत (आईएल-78) और चीन जैसे देशों की वायुसेनाएं भी इसका इस्तेमाल करती हैं. आईएल-76 को रुसी सेनाओं का वर्कहॉर्स माना जाता है. ये विमान 50-60 टन का लोड लेकर 3-4 हजार किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है. 

अगले महीने (फरवरी) की 22 तारीख को रुस और यूक्रेन के बीच युद्ध को पूरे दो साल होने जा रहे हैं. दोनों देशों का दावा है कि युद्ध में कई हजार सैनिक मारे गए हैं और बड़ी संख्या में टैंक, तोप, मिलिट्री व्हीकल, फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर, ड्रोन और युद्धपोत तबाह हो गए हैं. इजरायल-हमास युद्ध के चलते अमेरिका और दूसरे नाटो देशों ने यूक्रेन को मदद थोड़ी कम कर दी है, जिसके चलते यूक्रेन को रुस के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में मुश्किल आ रही है. रुस ने यूक्रेन के डोनबास इलाके को पूरी तरह से अपने देश में मिला लिया है. डोनवास के दोनेत्स्क, लुहांस्क और मारियूपोल जैसे इलाके कभी यूक्रेन का करीब 20 प्रतिशत क्षेत्रफल था. टर्की और साउथ अफ्रीका जैसे देशों ने रुस-यूक्रेन के बीच मध्यस्थता करने की कोशिश की लेकिन सभी प्रयास असफल रहे हैं. 

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