भारत और रूस सैन्य पार्टनर हैं. रूस की मदद से भारत ने ब्रह्मोस जैसी मिसाइल बनाई है. अब मैंगो शेल्स बनाने की बात कही जा रही है. रूस से गोला बारूद भी आयात करता है भारत.लेकिन क्या आप जानते हैं कि यूक्रेन के साथ जंग लड़ रहे रूस को भारत क्या निर्यात कर रहा है? रूसी सेना की पहली पसंद हैं भारत में बने खास बूट्स यानी जूते.
सैनिकों के लिए रूस, भारत से सैन्य जूते आयात करती है. ये खबर चौंकाने वाली जरूर है पर आत्मनिर्भर भारत की कड़ी में रूसी सैनिक भारत में बने जूते पहनते हैं. युद्ध-भूमि हो हो या फिर बर्फीली जमीन, बिहार के हाजीपुर के खास बने जूतों पर रूसी आर्मी आंख बंद करके भरोसा करती है. क्योंकि हर स्थिति में हाजीपुर के बने जूते रूसी सैनिकों के पैर को सुरक्षित करते हैं.
हाजीपुर में बनते हैं रूसी सैनिकों के लिए शू
हाजीपुर की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, कंपीटेंस एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने दावा किया है कि वो रूसी सेना के लिए जूते बना रही है. कंपनी के जनरल मैनेजर शिव कुमार रॉय के मुताबिक उनकी कंपनी का अंतरराष्ट्रीय बाजार में जगह बनाना एक बड़ी कामयाबी है. जनरल मैनेजर ने कहा, “हाजीपुर में हम सेफ्टी जूते बनाते हैं जिन्हें रूस में निर्यात किया जाता है. सेफ्टी जूतों का निर्यात रूस के लिए है, और हम धीरे-धीरे यूरोप पर भी काम कर रहे हैं और जल्द ही घरेलू बाजार में भी लॉन्च करेंगे.”
रूसी सेना को क्यों पसंद हैं भारत के जूते?
दरअसल हाजीपुर की कंपीटेंस एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड बेहद ही खास सेफ्टी शूज बनाती है. इसकी खासियत है कि बर्फ में जहां तापमान माइनस (-) 40 डिग्री तक भी पहुंच जाए, ये सेफ्टी जूते फिसलते नहीं हैं. सैनिकों के पैर की हिफाजत करते हैं. जूते के गुण बताते हुए कंपनी के जनरल मैनेजर शिव कुमार रॉय ने बताया कि “‘रूसी सेना की डिमांड है कि हल्के, फिसलन-रोधी जूते हों, जो (-)40 डिग्री सेल्सियस जैसी चरम मौसम स्थितियों का सामना करने में सक्षम होने चाहिए. उस स्थिति को देखते हुए हम सुरक्षा जूते बनाते हैं. सिर्फ़ हाजीपुर में ही नहीं, हम रूस के लिए भारत के सबसे बड़े निर्यातक हैं और हमें उम्मीद है कि यह संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जाएगी.”
कंपनी में 70% महिलाएं करती हैं काम
इस कंपनी की खास बात ये भी है कि 300 कर्मचारियों वाली कंपनी में 70% महिलाएं हैं, जो रूसी आर्मी समेत दूसरे देशों के लिए जूते बना रही हैं. कंपनी ने फ्रांस, इटली, स्पेन और यूके जैसे देशों मे फैशनेबल जूते एक्सपोर्ट किए हैं. पिछले साल 15 लाख जोड़े जूते निर्यात किए, जिसकी कीमत 100 करोड़ रुपये है. पर कंपनी को इस बात का गर्व है कि रूसी सैनिक उनके बने जूते पहनेंगे. इसके अलावा कंपनी को उम्मीद है कि दूसरे देशों की सेना को भी ऐसे जूते पसंद आ सकते हैं.
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |