साउथ चायना सी में चीन और फिलीपींस के बीच चल रही तनातनी के बीच रूस की एंट्री हो गई है. फिलीपींस ने आरोप लगाया है कि रूस की एक अटैक सबमरीन दक्षिण चीन सागर में देखी गई है.
रूसी सबमरीन के खिलाफ फिलीपींस ने अपना एक युद्धपोत और एयरक्राफ्ट दक्षिण चीन सागर में उतार दिया. फिलीपींस का आरोप है कि रूसी पनडुब्बी सतह से ऊपर थी और समुद्री तट से महज 80 नॉटिकल मील दूर थी.
रूस ने सफाई दी है कि पनडुब्बी मलेशिया से लौटते हुए तकनीकी कारणों से समंदर से बाहर आई थी. मलेशिया में एक साझा युद्धाभ्यास के बाद पनडुब्बी रूस के सुदूर-पूर्वी पोर्ट-सिटी व्लादिवोस्तोक लौट रही थी. घटना पिछले हफ्ते सामने आई थी.
चीन ने रूस की पनडुब्बी के विवादित साउथ चायना सी में आने पर चुटकी ली है. चीन ने कहा कि रूसी पनडुब्बी फ्रीडम ऑफ नेविगेशन के तहत यहां आई थी.
रूस और चीन के करीबी संबंध दुनिया से छिपे नहीं रहे हैं. चीन का आरोप है कि अमेरिका, फिलीपींस को उकसा रहा है, जिसके कारण साउथ चायना सी के विवादित क्षेत्र बन गया है.
दरअसल, पिछले डेढ़ साल से साउथ चायना सी में चीन और फिलीपींस के बीच टकराव चल रहा है. फिलीपींस का आरोप है कि चीनी नौसेना साउथ चायना सी में दाखिल नहीं होने देती है. ऐसे में कई बार दोनों देशों के जहाज और बोट में टक्कर से लेकर वाटर-कैनन से हमला करते हुए भी देखा जा सकता है.
अमेरिका और फिलीपींस का कहना है कि दक्षिण चीन सागर में फ्रीडम ऑफ नेविगेशन है यानी किसी भी देश का जंगी जहाज यहां आ सकता है. ऐसे में चीन को कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए.
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South China Sea में रूस की एंट्री, फिलीपींस ने जताया ऐतराज
- by Neeraj Rajput
- December 3, 2024
- Less than a minute
- 3 weeks ago