ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना के शौर्य के पढ़ेंगे स्कूल के बच्चे. एनसीईआईटी की ओर से ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दो स्पेशल मॉड्यूल जारी किए गए हैं, जो कि क्लास 3 से 12 के बच्चों के लिए है. इनमें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बताया गया है. मॉड्यूल में इस बात पर जोर दिया गया है, यह ऑपरेशन सिर्फ एक सैन्य जवाब नहीं था, बल्कि यह भारत की तकनीकी ताकत और राजनीतिक संकल्प का भी प्रतीक है. इसमें बच्चों को समझाने के लिए विस्तार से बताया गया है कि ये भारत की सुरक्षा और शांति के लिए कितना अहम था.
ऑपरेशन सिंदूर, शांति की रक्षा करने और शहीद हुए लोगों के सम्मान की कसम का प्रतीक: एनसीईआरटी
स्कूली बच्चों को पढ़ाए जाने वाले मॉड्यूल में साफ लिखा गया है कि पाकिस्तान ने भले ही पहलगाम आतंकी हमले में अपनी भूमिका से इनकार किया हो, लेकिन ये हमला सीधे पाकिस्तानी सेना और सियासी लीडरशिप के आदेश पर हुआ था. नये मॉड्यूल के अनुसार इसमें न सिर्फ हमले और जवाबी कार्रवाई का जिक्र है, बल्कि बताया गया है कि यह ऑपरेशन भारत के लिए सम्मान और संकल्प का प्रतीक क्यों है.
बच्चों के समझाया गया है कि स्वतंत्रता के बाद से पाकिस्तान ने युद्ध और आतंकवाद के जरिए भारत की शांति भंग करने की कोशिश की है. ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि शांति की रक्षा करने और पहलगाम में मारे गए पर्यटकों के सम्मान की कसम था.
आर्टिकल 370 हटाए जाने, जम्मू-कश्मीर के विकास से लेकर पहलगाम नरसंहार तक का जिक्र
एनसीईआरटी ने अपने मॉड्यूल में बताया है कि साल 2019 में निरस्त किए गए आर्टिकल-370 के बाद कश्मीर में विकास हुआ. रेलवे नेटवर्क बढ़ा. भारी संख्या में पर्यटकों की तादाद बढ़ी. घाटी में शांति थी, यही विकास पाकिस्तान और वहां पल रहे आतंकियों को पसंद नहीं आया. इसलिए पाकिस्तान ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में आतंकवादी हमले को अंजाम दिया. जिसमें निर्दोष पर्यटकों और एक स्थानीय गाइड समेत 26 लोगों की हत्या कर दी गई.
आगे एनसीईआरटी ने बताया, कि द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली. लेकिन चार दिन बाद टीआरएफ ने मना कर दिया, लेकिन भारतीय जांच एजेंसी एनआईए ने ठोस सबूतों के आधार पर बताया कि हमले के पीछे टीआरएफ ही था.
भारतीय एजेंसियों ने गहराई से जांच की, सबूत इकट्ठा किए और पाया कि यह हमला पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा की सोची-समझी साजिश थी. जिसे अंजाम देने का सीधा आदेश पाकिस्तान के सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व ने दिया था.
सेना ने कैसे ठिकाने चुने, हथियार चुने, कैसे प्लानिंग की, मॉड्यूल में बताया गया
मॉड्यूल में बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण हमले का कड़ा और स्पष्ट जवाब था. भारत के इस एक्शन ने पूरी दुनिया को बताया कि अपने लोगों की रक्षा भारत कैसे करता है. इस ऑपरेशन ने भारत के लोगों के विश्वास दिलाया कि हमारी सेना और सुरक्षाबल न्याय देने में देरी नहीं करती है.
मॉड्यूल में यह भी बताया गया कि कैसे तीनों सेनाओं ने आतंकी ठिकानों को चुना, हमलों के लिए सही हथियारों का चुनाव, हमले की तारीख और समय तय किया गया.
छात्र-छात्राओं को ये जानकारी दी गई कि जिन 9 ठिकानों पर हमला किया गया, वे सीधे तौर पर भारत के लिए खतरा थे. इस दौरान पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सीजफायर का उल्लंघन किया और हमारे ठिकानों, र चौकियों और सेना मुख्यालयों पर हमले की कोशिश करके संघर्ष को और बढ़ाया, लेकिन पहले से चौकस सेना ने पाकिस्तान की हर प्लानिंग फेल की.
इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ रखा गया ताकि शहीद सैनिकों की पत्नियों के त्याग और दर्द को सैल्यूट किया जा सके.