भारत के हाथों बुरी तरह से परास्त पाकिस्तान ने लगाया है भारत के परममित्र देश रूस पर दांव. पाकिस्तान ने भारत के साथ सैन्य टकराव में पुतिन की मध्यस्थता की मांग की है. पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ के विशेष सहायक सैयद तारिक फातमी ने रूस में चल रहे वालदाई इंटरनेशनल डिस्कशन क्लब में एक मीटिंग के दौरान बड़ा बयान दिया है. सैयद तारिक फातमी ने कहा है कि शहबाज शरीफ चाहते हैं कि भारत के साथ चल रहे संघर्ष में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान की मदद करें
पुतिन की मध्यस्थता चाहते हैं शहबाज, रूस भेजा दूत
पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ के विशेष सहायक सैयद तारिक फातमी प्रतिनिधिमंड के साथ रूस पहुंचे. सैयद फातमी ने मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की. इस दौरान फातमी ने राष्ट्रपति पुतिन को शहबाज शरीफ का एक लेटर सौंपा है.
दरअसल पाकिस्तान चाहता है, कि पुतिन भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करें. ये जगजाहिर है कि पीएम नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच गहरी मित्रता है. दोनों की बॉन्डिंग बेहद खास है. पाकिस्तान को ऐसा लगता है कि अगर पुतिन, पाकिस्तान की ओर से पीएम मोदी को समझाए तो शायद पाकिस्तान को सिंधु जल समझौते पर राहत मिल सकती है.
सर्गेई लावरोव से मीटिंग के बाद क्या बोले फातमी
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षत कर रहे शहबाज के करीबी फातमी ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से बात करने के बाद कहा, कि , “हमने रूस से भारत और पाकिस्तान को शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत की मेज पर लाने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग करने के लिए कहा है.” इसके अलावा फातमी ने रूस के साथ ऊर्जा, व्यापार, परिवहन संपर्क और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की पाकिस्तान की इच्छा भी जताई.
पुतिन की मध्यस्थता पर पाकिस्तान को मिली निराशा
भारत की नकल करते हुए पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल रूस पहुंचा था. लेकिन सर्गेई लावरोव ने मध्यस्थता करने से कन्नी काट ली है. लावरोव ने
कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बनाने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच सीधी बातचीत की जरूरत है.
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही भारत का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल रूस का दौरा कर चुका है. जहां पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा मजबूती से उठाया गया. रूस ने तब भारत की आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति का समर्थन किया था.