अरब सागर में सोमालियाई समुद्री-दस्यु की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. पिछले 24 घंटे में दो ऐसी बड़ी घटनाएं सामने आई हैं जिनसे लड़ने के लिए भारतीय नौसेना तैयार है. पहली घटना में समुद्री लुटेरों ने नौसेना के सर्विलांस ड्रोन को फायरिंग के जरिए मार गिराने की कोशिश की. हाईजैक किए जहाज को समुद्री-लुटेरों ने ‘पायरेट-शिप’ में तब्दील कर समंदर में लूटपाट के लिए निकल गए हैं. लेकिन दोनों ही घटनाओं में इंडियन नेवी ने घेराबंदी शुरु कर रखी है.
भारतीय नौसेना के मुताबिक, 14 दिसंबर (2023) को समुद्री लुटेरों ने जिस ‘एमवी-रियून’ को क्रू-सदस्यों के साथ हाईजैक कर लिया था अब उसे पायरेट-शिप में तब्दील कर दिया है. उस वक्त भी नौसेना के ‘आईएनएस कोच्चि’ युद्धपोत और लॉन्ग रेंज मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट ‘पी8आई’ ने उसका पीछा किया था. लेकिन सोमालियाई-समुद्री सीमा में दाखिल होने के बाद नौसेना ने मिशन को समाप्त कर दिया था. तीन महीने बाद हथियारबंद समुद्री-डकैत इस जहाज के साथ अरब सागर में लूटपाट के इरादे से उतर आए हैं.
शुक्रवार (15 मार्च) को भारतीय नौसेना के एक युद्धपोत ने एमवी-रियून को इंटरसेप्ट किया और सरेंडर करने के लिए कहा गया. लेकिन लुटेरों ने युद्धपोत और आसमान से निगरानी रख रहे एक ड्रोन पर फायरिंग शुरु कर दी. नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, “बेहद ही कम फोर्स के इस्तेमाल के पायरेट्स के खतरों को ‘न्यूट्रिलाइज’ करने की कोशिश की जा रही है. साथ ही कोशिश की जा रही है कि अगर एमवी रियून के किसी क्रू-सदस्य को लुटेरों ने बंधक बना रखा है तो उसे भी छोड़ा लिया जाए. “
कमांडर मधवाल के मुताबिक, “अंतर्राष्ट्रीय कानूनी के मुताबिक अपने डिफेंस और पायरेसी की घटना का मुकाबला किया जा रहा है ताकि शिपिंग और समुद्री-आवाजाही को कोई खतरा पैदा न हो.”
भारतीय नौसेना के मुताबिक, एक अन्य घटना में समुद्री लुटेरों ने 12 मार्च को बांग्लादेश के एक जहाज ‘एमवी अब्दुल्ला’ को अगवा कर लिया था. ये जहाज अफ्रीकी देश मोजाम्बिक से संयुक्त अरब अमीरात जा रहा था. जैसे ही नौसेना को इस घटना की जानकारी मिली तुरंत एक युद्धपोत और टोही विमान को इस जहाज को इंटरसेप्ट करने के लिए तैनात किया गया. 14 मार्च यानी गुरुवार को एमवी अब्दुल्ला को लोकेट किया गया.
कमांडर मधवाल के मुताबिक, जहाज के क्रू से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन दूसरी तरह से कोई कम्युनिकेशन नहीं आया है. जहाज के डेक पर समुद्री-लुटेरे जरुर दिखाई पड़ रहे हैं. नौसेना के मुताबिक, समुद्री लुटेरों ने क्रू को बंधक बनाया हुआ है. भारतीय युद्धपोत इस जहाज से करीबी बनाए रखा जब तक की वो सोमालियाई समुद्री-सीमा में दाखिल नहीं हो गया.
(अपडेट—शनिवार देर शाम भारतीय नौसेना ने बताया कि जिस एमवी रियून जहाज को सोमालियाई लुटेरों ने पायरेट-शिप में तब्दील कर दिया था उसे सुरक्षित छुड़ा लिया गया है. इसके साथ ही 35 समुद्री-लुटेरों ने भारतीय नौसेना के सामने सरेंडर कर दिया और सभी 17 क्रू-सदस्य को रिहा करा लिया गया. इस मिशन को भारतीय नौसेना के आईएनएस कोलकता युद्धपोत ने अंजाम दिया. इसमें आईएनएस सुभद्रा युद्धपोत, एमक्यू-9बी ड्रोन और पी8आई एयरक्राफ्ट ने आईएनएस कोलकता की मदद की. इसके साथ ही भारतीय वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टरर एयरक्राफ्ट ने मार्कोस (मरीन कमांडो) के प्रहार दस्ते को समंदर में एयर-ड्रॉप किया).
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