दक्षिण चीन सागर क्या विश्वयुद्ध के मुहाने पर पहुंच गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि चीन के साथ लगातार हो रही टकराव की घटनाओं के बाद फिलीपींस ने कहा है कि साउथ चायना सी एक ‘फ्लैश-पॉइंट’ है और यहां अगर कुछ होता है तो वो ‘विश्वयुद्ध का रूप’ ले सकता है. फिलीपींस के इस बयान पर चीन भड़क गया है. इस सबके बीच भारत का एक युद्धपोत फिलीपींस की राजधानी मनीला पहुंच गया है ताकि फिलीपींस के साथ साउथ चायना सी में युद्धाभ्यास किया जा सके.
दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागिरी पूरी दुनिया देख रही है. ऐसे में फिलीपींस को मदद करने के लिए भारत ने अपना हाथ बढ़ाया है. संकट के वक्त भारत अपने मित्र फिलीपींस के साथ मजबूती से खड़ा है. भारत ने फिलीपींस की मदद के लिए नौसेना का एंटी-सबमरीन वॉरफेयर कॉर्वेट (युद्धपोत) आईएनएस कदमत फिलीपींस की राजधानी मनीला भेजा है. आईएनएस कदमत की ये दूसरी फिलीपींस यात्रा है. इससे पहले साल 2017 में आईएनएस कदमत फिलीपींस पहुंचा था. पर इस बार साउथ चाइना सी में बढ़ रही टेंशन के बीच फिलीपींस की राजधानी मनीला में भारतीय युद्धपोत की मौजूदगी को बेहद अहम माना जा रहा है. भारत और फिलीपींस के बीच रणनीतिक रूप से काफी मजबूत संबंध है, और दोस्तों के साथ हमेशा भारत तन कर खड़ा रहता है. भारत ने हाल में ही फिलीपींस को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस दी हैं तो जल्द ही स्वदेशी तोप और हेलीकॉप्टर भी दे सकता है.
फिलीपींस में भारतीय युद्धपोत का युद्धाभ्यास
फिलीपींस और चीन में दक्षिण चीन सागर में स्थित द्वीपों को लेकर तनाव है. सितंबर के महीने में ही फिलीपींस कोस्ट गार्ड ने चीनी कोस्ट गार्ड की ओर से लगाए गए कुछ फ्लोटिंग बैरियर को हटा दिया था. ये बैरियर दक्षिण चीन सागर में मछली पकड़ने वाली फिलीपींस की नावों को विवादित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए चीन ने लगाए थे. चीनी फ्लोटिंग बैरियर हटाने के बाद चीन-फिलीपींस में संघर्ष बढ़ गया. रविवार को चीनी तटरक्षक बल के युद्धपोतों ने फिलीपीन नौसेना के पोत पर वाटर कैनन से हमला किया था. ऐसे तनाव के बीच भारतीय नौसेना का कामोर्टा क्लास का पनडुब्बी रोधी कॉर्वेट आईएनएस कदमत मनीला पहुंचा है. आईएनएस कदमत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में गश्त लगा रहा है. दक्षिण चीन सागर में आईएनएस कदमत और फ़िलिपींस नौसेना के गश्ती जहाज बीआरपी रेमन अलकराज के बीच समंदर में युद्धाभ्यास और ड्रिल करने जा रहे हैं. आईएनएस कदमत भारतीय नौसेना का दूसरा जहाज है जो स्टील्थ एंटी-सबमरीन वेपन सूट तकनीक से लैस है. इसे भारत की पूर्वी नौसेना कमान को सौंपा गया है. आईएनएस कदमत स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित पनडुब्बी रोधी समुद्री युद्धपोत है. इंडियन नेवी के मुताबिक, इस यात्रा का उद्देश्य भारत और फिलीपींस के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ावा देना है.
दक्षिण सागर में फिलीपींस का सैन्य अड्डा
चीन पर नजर रखने के लिए फिलीपींस ने इसी महीने विवादित द्वीप थिटू पर एक नए कोस्टगार्ड स्टेशन का निर्माण किया है. इस स्टेशन से दक्षिण चीन सागर के विवादित जलमार्ग में चीनी जहाजों और विमानों पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी. इस सैन्य अड्डे की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि कुछ महीने पहले फिलीपींस ने थिटू के चारों ओर एक चीनी नौसेना जहाज और दर्जनों मिलिशिया जहाजों को देखा था. फिलीपींस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) एडुआर्डो एनो ने थिटू द्वीप की यात्रा के दौरान कहा था कि चीनी कोस्टगार्ड और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी, नौसेना अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन नहीं करते है. चीन सिर्फ अवैध कब्जा करना चाहता है जो बिल्कुल स्वीकार नहीं है.
क्या है दक्षिण सागर विवाद?
दक्षिण चीन सागर में ब्रुनेई, चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम जैसे देशों की समुद्री सीमा लगती है. दक्षिण चीन सागर, चीन की मुख्य जमीन के ठीक दक्षिण में स्थित है. समंदर में क्षेत्रीय नियंत्रण को लेकर कई वर्षों से लड़ाई जारी है. पर चीन की विस्तारवाद नीति के चलते तनाव और बढ़ गया है. चीन खुद को सबसे शक्तिशाली बता कर क्षेत्र पर नियंत्रण चाहता है पर फिलीपींस, ताइवान, वियतनाम अपनी सीमा की रक्षा के लिए समय समय पर चीन को जवाब देते रहते हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो दक्षिण चीन सागर के नीचे 11 अरब बैरल तेल और 190 ट्रिलियन क्यूबिक फीट प्राकृतिक गैस जमा है. साथ ही समुद्री मछलियों पूरे क्षेत्र के लाखों लोगों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत है. ये समंदर में एक व्यापार मार्ग भी है.
अमेरिका में फिलीपींस के राजदूत के बयान से भड़का चीन
अमेरिका में फिलीपींस के राजदूत जोस मैन्युल रोमलडेज़ के इस बयान पर कि ताइवान नहीं साउथ चायना सी है फ्लैश-पॉइंट, चीन भड़क गया है. रोमलडेज़ ने कहा कि “अगर इस क्षेत्र में कुछ होता है तो वो एक विश्वयुद्ध की शुरुआत होगी.” चीन और फिलीपींस के संबंध कितने नाजुक मोड़ पर पहुंच गए हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में दोनों देशों के राष्ट्रपति अमेरिका के कैलिफोर्निया में मौजूद थे, बावजूद इसके दोनों ने कोई मुलाकात नहीं की. इस घटना के बाद से साउथ चायना सी में दोनों देशों की नौसेनाओं में टकराव की घटनाएं बढ़ गई हैं.
फिलीपींस के राजदूत के बयान के बाद चीन भड़क गया है और दो टूक कह दिया है कि उनका (फिलीपींस के राजदूत का) “दिमाग खराब हो गया है.” चीन ने कहा कि फिलीपींस “अगर उकसावे की कार्रवाई छोड़ दे तो साउथ चायना सी कोई फ्लैश-पॉइंट नहीं बनेगा.” चीन के माउथ-पीस ग्लोबल टाइम्स ने अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर एक ग्राफिक्स-इमेज जारी की है जिसमें साउथ चायना सी को एक भंवर के तौर पर दिखाया है जिसमें फिलीपींस की एक छोटी सी बोट को अमेरिका धक्का देकर गिराना चाह रहा है.