सेना और सुरक्षाबलों के लिए आने वाले दिनों में सिक्योरिटी से बड़ी एक समस्या सामने आने वाली है. ये समस्या है इंटरनेट से जुड़ी. पिछले डेढ़ साल से हिंसा से ग्रस्त मणिपुर में सेना और असम राइफल्स के एक ऑपरेशन में अमेरिकी एम-4 राइफल के साथ ही स्टारलिंक इंटरनेट किट भी बरामद हुई है.
सुरक्षा कारणों और सोशल मीडिया पर प्रोपेगेंडा फैलाने और और हिंसात्मक वीडियो और तस्वीरों के प्रचार-प्रसार पर पाबंदी के लिए केंद्र और राज्य सरकारें हिंसा और तनाव-ग्रस्त क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर देती है. लेकिन मणिपुर के इंफाल (ईस्ट) में एलन मस्क की स्पेस-एक्स कंपनी की इंटरनेट किट मिलने से सुरक्षाबलों के कान खड़े हो गए हैं.
रक्षा मंत्रालय का बयान
इम्फाल स्थित रक्षा मंत्रालय के क्षेत्रीय प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल अमित शुक्ला के मुताबिक, पिछले एक हफ्ते से सेना और असम राइफल्स ने मणिपुर पुलिस के साथ मिलकर इंफाल-ईस्ट, चंदेल, चूड़ाचांदपुर और कांगपोकपी जिलों में छापेमारी की.
छापेमारी के दौरान सुरक्षाबलों को 29 अलग-अलग हथियार, गोला-बारूद और युद्धक-सामग्री बरामद हुई.
इसी छापेमारी के दौरान इंफाल-ईस्ट के इरीलबुंग थाना-क्षेत्र के एरिया में एक 5.56एमएम एम-4 असॉल्ट राइफल, एक सिंगल बैरल राइफल, दो पिस्टल, ग्रेनेड और बुलेट के साथ स्टारलिंक इंटरनेट किट बरामद हुई.
रक्षा मंत्रालय ने हथियारों के साथ स्टारलिंक किट की तस्वीर भी जारी की है. साथ ही बताया कि जब्त किए गए हथियार और युद्धक-सामग्री मणिपुर पुलिस को सौंप दी गई है.
क्या है स्टारलिंक इंटरनेट
स्टारलिंक इंटरनेट, दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक अरबपति एलन मस्क की स्पेस-एक्स कंपनी की 1200 प्राइवेट सैटेलाइट के जरिए ऑपरेट किया जा सकता है.
स्टार-लिंक एक पोर्टेबल इंटरनेट किट है जिसे दूर-दराज और जंगल में भी चलाया जा सकता है. उन इलाकों में जहां ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी नहीं है या सरकार द्वारा सुरक्षा कारणों से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है, वहां ये मुश्किल खड़ी कर सकता है. क्योंकि ये अंडरग्राउंड फाइबर केबिल के बजाए सैटेलाइट के जरिए ऑपरेट होता है.
मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से कई बार इंटरनेट सेवाएं सरकार द्वारा बंद कर दी गई थी. यही वजह है कि उग्रवादी संगठन और अलगाववादी स्पेस-एक्स कंपनी के स्टारलिंक का इस्तेमाल कर रहे हैं.
सुरक्षाबलों के लिए क्यों है चिंता
सेना ने जो स्पेस-लिंक किट बरामद की है उस पर आरपीएफ और पीएलए लिखा है. गौरतलब है कि ये दोनों ही मणिपुर के उग्रवादी संगठन है. ऐसे में माना जा सकता है कि ये स्टारलिंक किट इन्हीं दोनों उग्रवादी संगठनों के इस्तेमाल के लिए थी.
कश्मीर में आतंकवाद के चरम पर सरकार ने कई बार इंटरनेट सेवाएं बंद की थी. जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के वक्त (अगस्त 2019) में भी कई महीने तक इंटरनेट बंद कर दिया गया था.
यूक्रेन जंग में हो रहा है इस्तेमाल
जंग के दौरान जब रूस ने यूक्रेन के टेलीकॉम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर को ध्वस्त कर दिया था तो एलन मस्क ने यूक्रेनी सेना को स्टारलिंक मुहैया कराया था. इसके जरिए ही यूक्रेनी सेना जंग के मैदान से कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से कम्युनिकेशन करती है.
भारत में क्या है स्पेसएक्स को लेकर नियम
भारत में हालांकि, स्पेसएक्स को अपनी सेवाएं देने के लिए मंजूरी नहीं मिली है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि ये स्टारलिंक क्या अलगाववादियों ने देश से बाहर से ऑर्डर किया है.
अमेजन ऑनलाइन स्टोर पर स्टारलिंक किट की कीमत करीब 12 हजार बताई गई है.
माना जा रहा है कि स्टारलिंक किट की एक साल की सब्सक्रिप्शन डेढ़ से दो लाख रूपये हो सकती है.