तीसरे विश्वयुद्ध के मुहाने पर बैठी दुनिया में ब्रिटेन ने भविष्य में सैनिकों की कमी से ना जूझने का निर्णय लिया है. इजरायल की तर्ज पर ब्रिटेन में भी युवाओं के लिए सैन्य सर्विस अनिवार्य की जा सकती है. ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने घोषणा की है कि अगर उनकी कंजरवेटिव पार्टी चुनाव जीत कर आती है तो युवाओं के लिए मिलिट्री-सर्विस अनिर्वाय की जाएगी.
ब्रिटेन में चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने घोषणा करते हुए कहा कि “आने वाले समय में अगर कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार बनती है तो नेशनल सर्विस रूल वापस लाएंगे. इससे युवाओं में राष्ट्रीय भावना पैदा होगी.” सुनक भले ही युवाओं के राष्ट्रीय भावना पैदा करने की बात कर रहे हों पर सीक्रेट तौर पर तैयार की गई रिपोर्ट में सलाहकारों ने सैनिकों की कमी से जूझने को रोकने के लिए ऐसा प्लान बनाया है. सुनक के सलाहकारों की टीम ने इस मॉडल के पीछे तर्क दिया है कि “रूस और चीन जैसे देशों के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय खतरों का सामना करने के लिए सशस्त्र बलों को बढ़ाने की जरूरत है.”
भविष्य खतरनाक इसलिए ब्रिटेन बनेगा सुरक्षित: सुनक
सुनक ने कहा कि ब्रिटेन को खतरनाक और ज्यादा विभाजित भविष्य का सामना कर रहा है, इसमें कोई शक नहीं है कि लोकतांत्रिक मूल्य खतरे में हैं. यही वजह है कि हम एक साहसिक योजना का ऐलान कर रहे हैं, जिसमें 18 साल के युवा सेना में सेवाएं देंगे या फिर खोजी और राहत अभियान में सेवाएं देंगे. सुनक ने अनिवार्य सैन्य सेवा के पीछे तर्क दिया कि “नेशनल सर्विस रूल का नया मॉडल युवाओं में राष्ट्रीय भावना पैदा करेगी और यह युवाओं को जीवन बदलने वाला अवसर देगी.”
चाहता हूं कि मेरी बेटियां भी नेशनल सर्विस में शामिल हों: सुनक
ब्रिटेन में 4 जुलाई को आम चुनाव कराए जाएंगे. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने अपनी पहली बड़ी चुनावी घोषणा करते हुए कहा कि “यदि कंजर्वेटिव पार्टी चार जुलाई के चुनाव में जीत दर्ज करती है तो वो युवाओं के लिए अनिवार्य राष्ट्रीय सेवा का एक साहसिक नया रूप पेश करेंगे.” अपने चुनावी संबोधन में सुनक ने कहा, “ब्रिटेन एक महान देश है लेकिन नई पीढ़ियों को वो अवसर नहीं मिला है जिसके वो हकदार हैं. कुछ ताकतें हमारे समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रही हैं. मेरे पास हमारे भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक स्पष्ट योजना है. मैं हमारे युवाओं के बीच हमारे देश में नए सिरे से गर्व की भावना पैदा करने के लिए नेशनल सर्विस का एक नया मॉडल लाऊंगा. यह कदम युवाओं को जीवन बदलने वाले अवसर देगा. एक पिता होने के नाते मैं अपनी दोनों बेटियों के नेशनल सर्विस में शामिल होने की उम्मीद करता हूं.”
क्या है सुनक का ‘सैन्य मॉडल’ ?
सुनक की सरकार ने ‘कंस्क्रिप्शन’ (अनिवार्य सैन्य सेवा) का प्लान तैयार कर लिया है. सुनक ने जनता के सामने मॉडल पेश किया है. उनके मुताबिक, 18 साल के युवाओं को 12 महीने के लिए पूर्णकालिक सैन्य सेवा या फिर एक साल के लिए हर महीने के एक सप्ताह के लिए राष्ट्रीय सेवा करने का विकल्प दिया जाएगा. सैन्य नियुक्ति, चयन (सेलेक्शन) के आधार पर होगी और इसके लिए परीक्षण और योग्यता तय की जाएगी. युवाओं को सशस्त्र बल या फिर साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने का मौका दिया जाएगा. आम चुनाव में अगर कंजर्वेटिव पार्टी की जीत होती है तो एक रॉयल कमीशन बनाया जाएगा. यह कमीशन नेशनल सर्विस प्रोग्राम को अंतिम रूप देगा. इसके बाद अगले साल सितंबर तक पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया जाएगा.
कंजर्वेटिव पार्टी की वजह से देश में सैनिकों की कमी: विपक्ष
सुनक की विपक्षी लिबरल पार्टी ने सैन्य सर्विस को अनिवार्य करने को गलत और खर्चीला बताया है. लिबरल पार्टी ने विरोध दर्ज कराते हुए कहा है कि “ये कोई प्लान नहीं बल्कि समीक्षा है, जिसमें अरबों खर्च होंगे. इसकी जरूरत सिर्फ इसलिए है क्योंकि कंजर्वेटिव पार्टी की वजह से सशस्त्र बलों की संख्या कम हुई है. हमारी सशस्त्र सेनाएं एक समय दुनिया के लिए सबसे मजबूत थी. दूसरे देश हमारे सैन्य बलों से चिढ़ते थे. पर इस सरकार ने सैनिकों की संख्या कम कर दी.”
कितनी बड़ी है ब्रिटेन की सेना
द्वितीय विश्वयुद्ध तक ब्रिटेन के शासन का ‘सूर्य कभी अस्त नहीं होता’ था. दुनिया की सबसे बड़ी सेना ब्रिटेन की ही थी. इस सेना में भारत, नेपाल (गोरखा), आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों के सैनिक शामिल होते थे. लेकिन साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद के खत्म होने के चलते इंग्लैंड की सेना बेहद सिकुड़ गई. आज आलम ये है कि यूनाइटेड किंग्डम (यूके) भले ही परमाणु-संपन्न शक्तिशाली देश है लेकिन उसकी थलसेना में महज 75 हजार सैनिक है यानी भारतीय सेना की एक कोर की बराबर. थलसेना, वायुसेना और नौसेना सहित वॉलिंटियर-सैनिकों को मिलाकर यूके के कुल सैनिकों की संख्या करीब 1.80 लाख है. रुस-यूक्रेन युुद्ध की आग कभी भी यूरोप को अपनी जद में ले सकती है. यही वजह है कि सुनक यूके की सेना को बढ़ाने की कोशिश में जुटे हैं. सुनक के मुताबिक, नए कंस्क्रिप्शन प्लान से यूके पर करीब 4.8 बिलियन डॉलर (40 हजार करोड़) का भार पड़ेगा.
इन देशों में सैन्य सेवा अनिवार्य हैं
दुनिया के 20 से ज्यादा देशों युवाओं के लिए सेना की ट्रेनिंग लेना आवश्यक हैं, इन देशों में रूस, इजरायल, सिंगापुर, साउथ कोरिया, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, क्यूबा, ईरान, ब्राजील, बरमूडा, सायप्रस, ताइवान, अल्जीरिया, अंगोला, यूएई, वियतनाम , आर्मेनिया, ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, बेलारूस, ग्रीस, सीरिया, थाईलैंड इरिट्रिया, शामिल हैं. अनिवार्य सैन्य सेवा की वजह से ही इजरायल, रूस जैसे देशों में हर नागरिक जरूरत पड़ने पर देश के खातिर मर मिटने के लिए तैयार रहता है. इसका उदाहरण इजरायल पर हुए अटैक के दौरान देखने को मिला. आतंकी वारदात के फौरन बाद दूसरे दूसरे देशों से भी इजरायली नागरिक आतंकियों से लोहा लेने के लिए देश वापस लौट आए थे.