गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि को लेकर सस्पेंस खत्म हो गया है. 75 वें गणतंत्र दिवस परेड के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भारत आ रहे हैं. खुद मैक्रों ने इस बात का ऐलान किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वे मैक्रों का स्वागत करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
26 जनवरी को होने वाले सालाना गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के लिए पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को भारत आना था. लेकिन खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश मामले से भारत और अमेरिका के संबंधों में थोड़ी खटास आ गई हैं. माना जा रहा है कि बाइडेन ने इसी के चलते गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने से मना कर दिया है. ऐसे में गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के लिए रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जियो मेलोनी और जापान के प्रधानमंत्री किशिदा के नामों की चर्चा थी. लेकिन मैक्रो ने खुद अपने एक्स अकाउंट पर गणतंत्र दिवस में शामिल होने की घोषणा की.
मैक्रो ने लिखा, निमंत्रण के लिए धन्यवाद मेरे प्रिय मित्र (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी. भारत, गणतंत्र दिवस मनाने के लिए मैं आपके साथ रहूंगा. मैक्रो का ट्वीट पर पीएम मोदी ने लिखा कि मेरे प्रिय मित्र इमैनुएल मैक्रों, 75 वें गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के तौर पर आपका स्वागत करने के लिए ब्रेसबी से इंतजार कर रहे हैं. हम भारत और फ्रांस की स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप और लोकतांत्रिक मूल्यों में आपसी विश्वास का भी जश्न मनाएंगे.
दरअसल, अगले साल भारत और फ्रांस के सामरिक संबंधों के भी 25 साल पूरे हो रहे हैं. यही वजह है कि बाइडेन के ना आने पर भारत ने फ्रांस के राष्ट्रपति को न्योता भेजा था. जिसे मैक्रों ने स्वीकार कर लिया है.
ये खबर ऐसे समय में आई है जब बुधवार को ही फ्रांस ने भारतीय नौसेना के लिए 26 रफाल (राफेल) लड़ाकू विमान के मेरीटाइम वर्जन, रफाल (एम) को देने के लिए रक्षा मंत्रालय को स्वीकृति-पत्र भेजा है. स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर तैनात करने के लिए भारत ने फ्रांस से 26 रफाल (मरीन) फाइटर जेट खरीदने की पेशकश की थी. फ्रांस ने उसे स्वीकार कर लिया है. करीब 50 हजार करोड़ में दोनों देशों में इंटरगर्वमेंटल करार होने जा रहा है.
ये छठी बार होगा जब फ्रांस का कोई राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेने आ रहा है. वर्ष 2016 में भी फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रैंक होलांडे मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे. 2016 में फ्रांसीसी सेना की एक टुकड़ी भी गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में शामिल हुई थी. गणतंत्र दिवस के इतिहास में पहली बार किसी विदेशी सेना की टुकड़ी ने हिस्सा लिया था.
इससे पहले 2008 में निकोलस सरकोजी और 1996, 1980 और 1976 में भी फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए हैं. फ्रांस अकेला ऐसा देश है जिसके राष्ट्रपति सबसे ज्यादा (06) बार गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए हैं.
खास बात ये है कि इसी साल जुलाई के महीने में पीएम मोदी भी फ्रांस के राष्ट्रीय-दिवस, बेस्टिल-डे परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर पेरिस गए थे. उनके साथ भारत की सशस्त्र सेनाओं की टुकड़ियां और फ्रांस से ही लिए गए रफाल लड़ाकू विमान भी परेड और एरियल-शो का हिस्सा बने थे.
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