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ट्रेन हाईजैकिंग पर सस्पेंस बरकरार, बलोच लड़ाकों के कब्जे में 150 बंधक?

बलूचिस्तान में हुई ट्रेन हाईजैकिंग का सच क्या है. इतनी बड़ी घटना के बाद पाकिस्तान सेना अपने मित्र चीन की तरह आंकड़े दबाने और छिपाने में लगी हुई है. पाकिस्तानी सेना और सरकार का दावा है कि ऑपरेशन खत्म हो चुका है, लेकिन बीएलए विद्रोहियों का कहना है कि ऑपरेशन चल रहा है, और उनके कब्जे में अभी भी 150 यात्री हैं.

इसके अलावा पाकिस्तान सेना ने बताया है कि ट्रेन हाईजैक की घटना में 21 नागरिक और 4 सैनिक मारे गए हैं लेकिन हाईजैकिंग से बचाए गए लोगों और स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि बोलान की पहाड़ियों पर 100 से ज्यादा शव मिले हैं.

एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें पाकिस्तानी सेना ताबूतों को लेकर क्वेटा रेलवे स्टेशन पहुंची थी, जिनकी संख्या बहुत ज्यादा थी. सारे सवालों और सस्पेंस के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जाफर एक्सप्रेस हाईजैक की घटना के बाद बलूचिस्तान का दौरा किया है और कहा जो कुछ भी हुआ वो बलोच कल्चर के लिए बड़ा धब्बा है. 

ट्रेन हाईजैकिंग ऑपरेशन खत्म, या 150 यात्री अभी भी बंधक?

मंगलवार दोपहर पाकिस्तान में उस वक्त अफरातफरी मच गई जब बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के विद्रोहियों ने पटरी उखाड़ कर एक सुरंग में पूरी ट्रेन को ही हाईजैक कर लिया. जिस वक्त हाईजैकिंग हुई 450 से ज्यादा यात्री ट्रेन में मौजूद थे. इनमें यात्रियों में महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों और बलोच समुदाय के नागरिकों को विद्रोहियों ने रिहा कर दिया था. ट्रेन में सवार पाकिस्तानी सेना और आईएसआई से जुड़े लोगों को बंधक बना लिया गया था. 

पाकिस्तान ने पूरी ताकत लगाकर वायुसेना और थल सेना के जवान बंधकों को छुड़ाने में जुट गए. कई घंटों के ऑपरेशन के बाद पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि हाईजैक ट्रेन के सभी बंधकों को छुड़ा लिया गया है और ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है.

पाकिस्तानी सेना के मुताबिक, इस ऑपरेशन में 33 बीएलए लड़ाके मारे गए हैं और 155 यात्रियों को छुड़ा लिया गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 37 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. लेकिन बीएलए ने पाकिस्तानी सेना के दावों को सरासर गलत बताते हुए कहा है कि 150 बंधक उसके कब्जे में है.

बंधकों और स्थानीय लोगों ने उठाए पाकिस्तानी सेना पर सवाल

पाकिस्तानी सेना भले ही बंधकों को छुड़ाने के लिए अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन ट्रेन से रिहा हुए लोगों के मुताबिक, उन्हें सेना ने बचाया बल्कि बीएलए विद्रोहियों ने खुद ही बंधकों को छोड़ दिया था. मौत के आंकड़ों पर भी सस्पेंस है, पाकिस्तानी सरकार और सेना ने मौत के आंकड़ों को कम करके बताया है. ट्रेन हाईजैक की घटना में 21 नागरिक और 4 सैनिक मारे गए हैं, जबकि बोलान की पहाड़ियों में 100 से अधिक शव मिले हैं, जिनमें से कई पाकिस्तानी सैनिकों के हैं.

हाईजैकिंग के बाद बलूचिस्तान पहुंचे शहबाज शरीफ

घटना के बाद पीएम शहबाज शरीफ ने बलूचिस्तान का दौरा किया है. उनके साथ कई मंत्री भी मौजूद रहे. बलूचिस्तान से प्रेस कॉन्फ्रेंस करके शहबाज शरीफ ने कहा है, “मैं किसी को दोष नहीं दे रहा हूं, मुझे बताएं ये जो 600 अरब खैबर पख्तूनख्वा को गया. आज भी हम होश ना खोएं , जो हो गया वो हो गया, अब हमें आगे बढ़ना है सबक हासिल करके आगे बढ़ना है, जिनको पाकिस्तान से मोहब्बत है वो एक साथ बैठें, आर्म फोर्स को बिठाकर बात करेंगे कि क्या-क्या चैंलेज हैं. इस दहशतगर्दी ने बहुत तबाही मचाई है.”

बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय?

शहबाज शरीफ दुहाई दे रहे हैं कि वो आतंक के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं, खुद को पीड़ित बताने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान पर ये कहावत एकदम सटीक बैठ रही है, कि बोया पेड़ बबूल का, तो आम कहां से होए.

पाकिस्तान ने खुद ही तो आतंकियों की फौज खड़ी की है. पाकिस्तान की आईएसआई ही तो आतंकियों को घुसपैठ कराती है. पाकिस्तान की सेना ही हो आतंकियों को हथियार चलाने से लेकर कमांडो तक की ट्रेनिंग देती है. पाकिस्तान सरकार ही तो आतंकियों को हर मदद मुहैया कराती है. ये वही लोग हैं, जिनके देश में हाल ही में एक मंच पर हमास के आतंकी नजर आए थे. अब जब खुद के पैर पर कुल्हाड़ी गिरी तब पाकिस्तान हाय-हाय कर रहा है. 

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