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राजनीतिक नहीं है टेलीग्राम के CEO की गिरफ्तारी: फ्रांस

 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘टेलीग्राम’ के रूसी मालिक पावेल डूरोव की गिरफ्तारी पर फ्रांस ने सफाई दी है कि ये कोई ‘राजनीतिक निर्णय’ नहीं बल्कि ‘फाइनेंसियल और साइबर’ क्राइम से जुड़ा मामला है. वहीं, टेलीग्राम ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूरोपीय यूनियन (ईयू) के ‘डिजिटल सर्विस एक्ट’ सहित सभी कानूनों का पालन करता है.

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि “मैंने पावेल की गिरफ्तारी से जुड़ी गलत जानकारी देखी है.” मैक्रों ने कहा कि “फ्रांस की धरती पर पावेल की गिरफ्तारी किसी राजनीतिक निर्णय से नहीं की गई है. पावेल की गिरफ्तारी से जुड़ा मामला जज (अदालत) को देखना है.”

फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा कि “फ्रांस पूरी तरह से अभिव्यक्ति की आजादी के साथ-साथ कम्युनिकेशन, इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप की भावनाओं के लिए कटिबद्ध है और आगे भी रहेगा.” मैक्रों ने कहा कि “कानून के राज में आजादी एक कानूनी दायरे में बंधी होती है, फिर चाहे वो असल जिंदगी हो या सोशल मीडिया.”

उधर मालिक की गिरफ्तारी पर टेलीग्राम ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर करीब “100 करोड़ यूजर्स हैं जो जरूरी सूचना के साथ-साथ कम्युनिकेशन के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं.” टेलीग्राम ने आरोप लगाया है कि “ये बेतुका इल्जाम है कि प्लेटफॉर्म के गलत इस्तेमाल के लिए मालिक जिम्मेदार है.”

टेलीग्राम ने कहा कि हम “ईयू के सभी कानूनों का पालन करते हैं और उसमें सुधार लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में टेलीग्राम के सीईओ पावेल डूरोव के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है. हम चाहते हैं कि मामला का जल्द से जल्द निस्तारण हो.”

दरअसल, टेलीग्राम के रूसी संस्थापक (सीईओ) पावेल डूरोव के फ्रांस में गिरफ्तारी से दुनियाभर में हड़कंप मच गया है. ट्विटर (एक्स) के मालिक एलन मस्क ने बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी से जोड़कर पावेल को छोड़ने की मांग की है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनियाभर में बेहद पापुलर हुए टेलीग्राम के मालिक पावेल की गिनती दुनिया के सबसे अमीर लोगों में की जाती है.

फ्रांसीसी पुलिस ने पावेल पर फाइनेंशियल और साइबर क्राइम जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. फ्रांसीसी पुलिस का आरोप है कि पावेल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संगीन अपराधों को रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किए थे. जबकि पावेल पहले आरोप लगा चुके थे कि पश्चिमी देश उनपर टेलीग्राम में ‘बैकडोर’ एक्सेस की मांग कर रहे हैं ताकि वे यूजर्स पर नजर रख सकें.

पावेल को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वो पेरिस के करीब ब्रोगेट एयरपोर्ट पर अपने चार्टर्ड प्लेन से अजरबैजान से फ्रांस पहुंचा था.

फऱवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरु होने के बाद जैसे ही पश्चिमी देशों ने रूस में सोशल मीडिया एप्लीकेशन को बैन किया, टेलीग्राम की प्रसिद्धी बढऩे लगे.

रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान टेलीग्राम ‘वर्चुअल बैटलफील्ड’ बन गया. यहां तक की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दफ्तर क्रेमलिन तक ने अपना अकाउंट उस पर बना लिया. इसके साथ ही रूसी विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय तक ने आधिकारिक जानकारी देने के लिए टेलीग्राम को चुना. इसके साथ ही रूस और पूर्व सोवियत संघ देशों में टेलीग्राम का ग्राफ तेजी से बढ़ा. (Telegram का रूसी मालिक फ्रांस में गिरफ्तार, मस्क ने किया विरोध)

रूस के इंफोर्मेशन वारफेयर का काउंटर करने के लिए यूक्रेन ने भी टेलीग्राम पर युद्ध से जुड़ी जानकारी, तस्वीरें और वीडियो साझा करना शुरु कर दिए. माना जाता है कि इस वक्त टेलीग्राम पर करीब एक बिलियन (करीब सौ करोड़) यूजर्स हैं.

हाल ही में फॉर्च्यून मैगजीन ने पावेल को दुनिया के सबसे अमीर शख्स की श्रेणी में 120वां स्थान दिया था. पावेल की कुल संपत्ति करीब 15.5 बिलियन डॉलर है. उसे आज एलन मस्क की तरह है टेक-मुगल के नाम से जाना जाता है. यही वजह है कि एलन मस्क ने पावेल को रिहा करने की मांग की है.

गिरफ्तार होने से पहले पावेल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि टेलीग्राम एक न्यूट्रल प्लेटफॉर्म है और जियोपॉलिटिक्स में दिलचस्पी नहीं रखता है. माना जा रहा है कि फ्रांसीसी सरकार उससे टेलीग्राम और क्रेमलिन के बीच संबंधों की जानकारी पता करना चाहती है.

पावेल को जल्द ही फ्रांस की अदालत में पेश किया जाएगा. अगर उस पर लगे आरोप सही साबित हुए तो उसे 20 साल की सजा सुनाई जा सकती है.

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