मॉस्को में हुए बड़े आतंकी हमले के बाद एक बार फिर टेरर अटैक से दहल गया है रूस. इस बार रूस में रहने वाले इजरायल के यहूदियों को आतंकियों ने निशाना बनाने की कोशिश की है. रूस के दागिस्तान इलाके में आतंकियों ने एक सिनेगॉग (यहूदी धर्मस्थल), दो चर्च और एक पुलिस पोस्ट को निशाना बनाया है. इन हमलों में सात पुलिस-अधिकारियों और एक पादरी समेत कुल 15 लोगों की मौत हो गई है और 25 से ज्यादा लोग घायल हैं.
रूस की सुरक्षा एजेंसियों ने 6 हमलावरों को मार गिराया है और उनकी पहचान की जा रही है. वहीं इस आतंकी हमले के बाद रूस के तमाम शहरों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है.
रूस के दागिस्तान में दहशत, आतंकियों का बड़ा अटैक
दागेस्तान के गृह मंत्रालय के मुताबिक, कुछ हथियारबंद लोगों के एक समूह ने कैस्पियन सागर पर स्थित डर्बेंट शहर में यहूदी धर्मस्थल और एक चर्च पर अंधाधुंध गोलीबारी की. चर्च में मारे गए लोगों में पादरी भी शामिल थे.
रूसी प्रशासन के मुताबिक हमलावरों ने चर्च के पादरी निकोले की गला काट कर हत्या की. 66 साल के पादरी बेहद बीमार थे लेकिन हमलावरों ने पहले पादरी की हत्या की फिर ऑटोमैटिक हथियारों से चर्च में मौजूद लोगों पर हमला कर दिया.
आतंकियों ने एक साथ दो ऑर्थोडॉक्स चर्च पर भी हमला किया. चर्च में रविवार शाम की प्रार्थना के बाद आतंकी अंदर घुसे थे. चर्च के अलावा यहूदी समुदाय के एक प्राचीन सिनेगॉग पर भी हमला हुआ. हमले के सिनेगॉग में आग लग गई. घायल लोगों में से ज्यादातर पुलिस अधिकारी हैं. जिस सिनेगॉग और चर्च पर हमला किया गया वो डर्बेंट में स्थित हैं और मुस्लिम उत्तरी काकेशस क्षेत्र में प्राचीन यहूदी समुदाय का गढ़ है. लगभग उसी समय, दागेस्तान की राजधानी मखांचकला में एक यातायात पुलिस चौकी पर हमला किया गया. अलग अलग जगहों पर हुए आतंकी हमले में करीब 15 लोगों की मौत हो गई जिनमें अधिकतर पुलिसकर्मी हैं.
आतंकी हमले के बाद एक्शन में रूसी कमांडोज़
रूस की सड़कों पर टैंक और स्पेशल फोर्स तैनात कर दिए गए हैं. छह आतंकियों के मारे जाने की खबर है. कुछ के फरार होने की भी आशंका है. लिहाजा रूसी कमांडो ने पूरे शहर में चौकसी बढ़ा दी है. शहरों में नाकाबंदी कर दी गई है. आतंकियों की तलाश की जा रही है. शहर से सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं. बताया ये भी जा रहा है कि हमले के बाद दागिस्तान में आतंकी ने खुद को उड़ा लिया. बताया जा रहा है कि फिदायीन हमलावर कार में बैठा था. अचानक कार में विस्फोट हुआ. आतंकी हमले के बाद सोमवार, मंगलवार और बुधवार को शोक दिवस घोषित किया गया.
दागिस्तान के एक समुद्री-तट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है जिसमें सुरक्षाबल दो आतंकियों को दबोचने की कोशिश कर रहे है. सुरक्षाबलों की कार्रवाई से पूरे बीच पर अफरा-तफरी का माहौल है (https://x.com/RT_com/status/1804925537720144072).
हमलों में बेटों के हाथ होने के कारण एक दागेस्तानी अधिकारी को हिरासत में लिया गया है. अधिकारी से रूसी जांच एजेंसियों ने पूछताछ की है. एक वीडियो में आतंकियों को पुलिस वैन पर कब्जा करते हुए भी देखा जा सकता है. हमलों के दौरान आतंकियों को अल्लाह-ओ-अकबर के नारे लगाते हुए सुना गया है.(https://x.com/Incognito_qfs/status/1805128356918092096)
मारे गए पादरी का क्या है इजरायल से कनेक्शन?
आतंकियों ने जिस फादर निकोले की गला रेत कर हत्या कर दी है, उन्होंने येरुशलम से रूस तक ‘पवित्र अग्नि’ पहुंचाने के समारोह में भी भाग लिया था, पवित्र अग्नि रूढ़िवादी ईसाई परंपरा है जो कि ईस्टर के एक दिन पहले होता है.
हम जानते हैं हमलों के पीछे कौन है: गवर्नर
दागेस्तान प्रांत के गवर्नर सर्गेई मेलिकोव ने कहा, “हम जानते हैं कि आतंकी हमलों के पीछे कौन है और उन्होंने किस मकसद से यह हमला किया गया है. हमलावरों की पहचान की जा रही है.” गवर्नर ने लोगों से शांत रहने की अपील की है. गवर्नर सर्गेई बोले, “आतंकी डर फैलाने ही यहां आए थे. उन्हें जो करना था किया. उनकी तलाश की जा रही है.”
“यूक्रेन-नाटो देशों की खुफिया सेवाओं से जुड़े हैं आतंकी”
रूस ने हमलों के पीछे पीछे यूक्रेन और नाटो देशों को जिम्मेदार ठहराया है. दागिस्तान के नेता अब्दुलखाकिम गडजियेव ने टेलीग्राम पर लिखा, “इसमें कोई शक नहीं है कि ये आतंकी हमले किसी न किसी तरह से यूक्रेन और नाटो देशों की खुफिया सेवाओं से जुड़े हैं.”
इजरायली विदेश मंत्रालय ने भी सिनेगॉग पर हमला करने की निंदा की है. पर सवाल ये है कि आखिर रूस में यहूदियों को क्यों टारगेट किया गया? क्या इजरायल हमास की जंग की आग रूस तक पहुंच गई है? इससे पहले भी मॉस्को में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था जिसमें 150 से ज्यादा लोग मारे गए थे. आतंकी हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस के ने ली थी. रविवार को हुए हमले की जिम्मेदारी अबतक किसी भी संगठन ने नहीं ली है.