July 5, 2024
XYZ 123, Noida Sector 63, UP-201301
Alert Breaking News Classified Documents Islamic Terrorism Terrorism

Cryptocurrency: द ग्रेट वॉल ऑफ टेरर फाइनेंसिंग (TFA Investigation)

दुनियाभर में अपनी दादागीरी दिखाने वाले चीन ने अब आतंकी संगठनों को भी मदद पहुंचाना शुरु कर दिया है. इसके लिए चीन ने बिटकॉइन की मदद ली है. बिटकॉइन भले ही चीन में गैर-कानूनी है, बावजूद इसके क्रिप्टोकरेंसी की काली दुनिया का बादशाह कोई और नहीं चीन ही है. क्रिप्टोकरेंसी के जरिए चीन की एक बड़ी कंपनी ने हमास, आईएसआईएस, अलकायदा और हिज़्बुल्लाह जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों से एक लाख से भी ज्यादा बार लेन देन किया है. थाईलैंड, म्यांमार, वियतनाम और भारत से लेकर अमेरिका तक चीन की क्रिप्टोकरेंसी के फैले जाल पर टीएफए  ने खास पड़ताल की तो कई हैरतअंगेज सच सामने आए हैं. 

प्राईवेट कंपनी के जरिए चीन की सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी में महज एक महीने में ही 7.50 लाख करोड़ का लेने-देन किया है यानी इतनी जितना की भारत का रक्षा बजट भी नहीं है (भारत का रक्षा बजट 6.20 लाख करोड़ है). आतंकी संगठनों को बिटकॉइन के जरिए कैश मुहैया कराने का काम चीन की एक बड़ी कंपनी ने किया है जिसे चीन की शीन जिनपिंग सरकार मदद करती है. चीन की इस क्राइम सिंडिकेट को इसी लिए टीएफए ने नाम दिया है ‘द ग्रेट वॉल ऑफ धोखाधड़ी’.  

बिनेंस: चीन का स्टेट सीक्रेट

वर्ष 2017 में चीन में बिनेंस कंपनी का गठन किया गया जो क्रिप्टोकरेंसी में डील करती थी. लेकिन महज चार साल बाद ही यानी 2021 में चीन ने क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर दिया था. कंपनी ने कुछ समय के लिए अपना हेडक्वार्टर जापान में शिफ्ट किया और फिर माल्टा. इसके बाद अचानक कंपनी का हेडक्वार्टर दुनिया के नक्शे से गायब हो गया. लेकिन चीनी नागरिकों पर नजर रखने के लिए बिनेंस कंपनी ने बीजिंग की एनफोर्समेंट एजेंसियों से हाथ मिला लिया. 

चीन की सीसीपी सरकार के क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार में हाथ होने का सबूत तब मिला जब महज एक महीने में ही (जुलाई 2023) कंपनी ने 90 बिलियन डॉलर (करीब 7.50 लाख करोड़) का व्यापार बिटकॉइन में किया. चीन में करीब 9 लाख एक्टिव ट्रेडर्स हैं. लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो एक महीने में इतना बड़ा लेन-देन बिना चीनी सरकार की मिलीभगत के असंभव लगता है. चीन में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध के बावजूद बिनेंस कंपनी ने चीनी ट्रेडर्स को वीपीएन और दूसरे माध्यम से भी ग्लोबल एक्सचेंज तक री-रूट करने में मदद की. 

चीनी ‘सीजेड’ का अमेरिका में काला-साम्राज्य

बिनेंस कंपनी और इसके सीईओ के काले साम्राज्य का भंडाफोड़ किया अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट और यूएस ट्रेजरी विभाग ने. कंपनी का सीईओ है चांगपेंग झाओ जो चीनी मूल का कनाडाई (और यूएई) नागरिक है. पूरी दुनिया चांगपेंग को ‘सीजेड’ के नाम से जानती है. फोर्ब्स की लिस्ट में दुनिया के 50 सबसे अमीर लोगों की श्रेणी में शुमार है सीजेड. लेकिन यूएस ट्रेजरी का आरोप है कि बिनेंस एक क्रिप्टोकरेंसी का एक्सचेंज चलाती थी. लेकिन अमेरिका का आरोप है कि ये एक्सचेंज दुनियाभर के आतंकी संगठनों के लिए टेरर-फाइनेंसिंग का एक बड़ा जरिया था. 

यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट के मुताबिक, बिनेंस ने जानबूझकर ये बात छिपाई कि कंपनी टेरर-फाइनेंसिंग में लिप्त है. कंपनी ने हमास, अलकायदा और आईएसआईएस जैसे दुनियाभर के बड़े आतंकी संगठनों से एक लाख संदिग्ध ट्रांजेक्शन किए. गाजा में सक्रिय हमास ने पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल में दुनिया के सबसे बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया था. इस हमले के बाद से इजरायल ने हमास और गाजा के खिलाफ जंग छेड़ रखी है. वहीं आईएस ने पिछले महीने की 22 मार्च को रुस की राजधानी मॉस्को में एक कॉन्सर्ट हॉल में नरसंहार के जरिए 140 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी थी. रुस का आरोप है कि इस आतंकी हमले के लिए आईएस को चेचन विद्रोही और यूक्रेन से मदद मिली थी.

अमेरिका का आरोप है कि बिनेंस ने टेरर फाइनेंसिंग के साथ-साथ रैंसमवेयर, मनी लॉन्ड्रिंग और अपराधियों के साथ भी संदिग्ध लेनदेन किए. बिनेंस कंपनी के सीईओ सीजेड पर यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट ने मुकदमा चलाया है. सीजेड ने अपना आरोप कबूल कर लिया है और इनदिनों 175 मिलियन डॉलर के रिलीज बॉन्ड पर जेल से बाहर है. इस महीने की 30 तारीख (अप्रैल) को सिएटल की एक अदालत सीजेड पर चल रहे आरोपों पर सजा सुनाएगी. माना जा रहा है कि उसे 18 महीने तक जेल में रहना पड़ सकता है. 

ब्रिटेन में भी फैलाया चीनी क्रिप्टोकरेंसी का मकड़जाल

फरवरी के महीने में इंग्लैंड में रिकॉर्ड 3 बिलियन पॉउंड (6.3 बिलियन डॉलर) की  क्रिप्टोकरेंसी (डिजिटल बिटकॉइन) जब्त की गई थी. इस बरामदगी में नाम सामने आया एक चीनी मूल की महिला का जो लंदन की सबसे मंहगी संपत्ति खरीदने की कोशिश कर रही थी. लंदन मेट्रोपोलिटन पुलिस ने जियान वेन नाम की इसी चीनी महिला को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन लंदन पुलिस को शक है कि इस काम में एक अन्य चीनी महिला शामिल है जिसने चीन में रहते हुए धोखाधड़ी के जरिए 5 बिलियन पॉउंड का स्कैम किया था और फिर इस रकम के जरिए लंदन में आलीशान घर खरीदने की फिराक में थी. 

लंदन पुलिस को शक है कि जियान वेन और उसकी दूसरी महिला साथी बिटकॉइन के बदले कैश और दूसरे एसेट में तब्दील करने का गोरखधंधा करती थी. माना जा रहा है कि ये दोनों महिलाएं बिनेंस कंपनी के लिए किसी ना किसी रूप में काम करती थीं. 

लंदन की तरह ही अमेरिका में भी दो चीनी नागरिकों को क्रिप्टोकरेंसी की (मनी) लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इन दोनों पर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को हैक करने का आरोप है. 

चीनी साइबर फ्रॉड ने इंडिया से की हिज़्बुल्लाह  को फंडिंग

पिछले साल जुलाई के महीने में हैदराबाद में भी एक साइबर ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया था. करीब 15 हजार भारतीय नागरिकों से यूट्यूब, इंस्टा जैसे सोशल मीडिया को लाइक करने के एवज में 700 करोड़ की ठगी की गई थी. इस मामले में हैदराबाद पुलिस ने मुंबई, अहमदाबाद और हैदराबाद से नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया था. लेकिन हैदराबाद पुलिस की मानें तो ये इस साइबर ठगी का फ्रंट मात्र थे. इस खेल के असली खिलाड़ी तीन चीनी नागरिक थे जो दुबई के जरिए भोले-भोले भारतीयों का पैसा क्रिप्टोकरेंसी में लगाते थे. हैदराबाद पुलिस को शक है कि धोखाधड़ी का कुछ पैसा लेबनान के आतंकी संगठन हिज़्बुल्लाह  तक पहुंचा गया था. मामले की तह-तक जाने के लिए हैदराबाद पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों और गृह मंत्रालय की साइबर क्राइम यूनिट को अलर्ट किया है. 

दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में चीनी गैंग का क्राइम नेटवर्क

चीन के क्राइम सिंडिकेट का नेटवर्क थाईलैंड, वियतनाम, कंबोडिया, लाओस और म्यांमार तक फैला है. ये गैग क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड, ड्रग्स स्मगलिंग और मानव-तस्करी जैसे गैर-कानूनी अपराधों में शामिल रहते हैं. यहां तक की म्यांमार में आराकन आर्मी जैसे विद्रोही संगठनों को हथियार तक ये गैंग मुहैया कराते हैं. यहां तक की चीनी गैंग इन देशों की पुलिस और साइबर यूनिट के अधिकारियों तक को इनफ्लुएंस करने की कोशिश करते हैं. 

जानकारों की मानें तो इन गैंग्स के जरिए चीन दुनियाभर में अपना प्रभाव जमाने की कोशिश कर रहा है. ये चीन की सीसीपी यानी कम्युनिस्ट पार्टी की ऑपरेशन्स रणनीति का हिस्सा है जिसमें गुपचुप तरीके से दुनियाभर में अपना प्रभाव और दादागिरी स्थापित करना है. 

[टीएफए  की ये इन्वेस्टिगेशन, OSINT पर आधारित है.]

Leave feedback about this

  • Rating