झूठ बोलने और बेशर्मी में कोई माहिर है तो वो हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. ट्रंप के लिए नोबल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिका इतना नीचा गिर गया है कि थाईलैंड और कंबोडिया के युद्धविराम का क्रेडिट लेने से पीछे नहीं हट रहा.
अमेरिका ने दावा किया है कि राष्ट्रपति ट्रंप के कारण थाईलैंड-कंबोडिया में युद्ध रुका. लेकिन अमेरिका दावा कोसों दूर है, इसलिए क्योंकि पूरी दुनिया जानती है कि आसियान के अध्यक्ष मलेशिया की मध्यस्थता के कारण थाईलैंड-कंबोडिया में युद्ध रुका है.
थाईलैंड-कंबोडिया के सीजफायर की तरह है ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के सीजफायर का दावा किया था, लेकिन संसद में पीएम मोदी ने ट्रंप के दावों को बुरी तरह से धो डाला था.
थाईलैंड-कंबोडिया में ट्रंप ने करवाया सीजफायर: व्हाइट हाउस
थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष को लेकर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कहा, “शांति के मोर्चे पर राष्ट्रपति ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया के बीच तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम कराने में मदद की. दोनों देश एक घातक संघर्ष में लगे हुए थे, जिसने 300,000 से अधिक लोगों को विस्थापित कर दिया था, जब तक कि राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे समाप्त करने के लिए कदम नहीं उठाया.”
आसियान ने रुकवाया युद्ध, थाईलैंड-कंबोडिया ने अमेरिकी मध्यस्थता को किया था दरकिनार
5 दिनों को भयंकर संघर्ष के बाद पिछले सप्ताह थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्षविराम हुआ. युद्ध के दौरान थाईलैंड और कंबोडिया ने अमेरिका से बिना डरे ये कह दिया था कि उन्हें अमेरिका की मध्यस्थता नहीं चाहिए. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया को युद्ध खत्म करने की धमकी दी थी, ट्रंप ने दोनों देशों के प्रमुख से फोन पर बात करके व्यापार के नाम पर युद्धविराम करने की वॉर्निंग दी थी. लेकिन दोनों ही देशों ने डोनाल्ड ट्रंप की युद्धविराम की धमकी को ठुकरा दिया था.
थाईलैंड औ कंबोडिया ने आसियान के प्लेटफॉर्म पर मलेशिया ने मध्यस्थता करवाने में अहम भूमिका निभाई थी. मलेशिया मौजूदा आसियान अध्यक्ष है. कुआलालंपुर में मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने दोनों देशों की बैठक करवाई और करीब 2 गंटे की बातचीत के बाद थाईलैंड और कंबोडिया दोनों ने बिना शर्त युद्धविराम को मान लिया था.
मलेशियाई पीएम ने दोनों के बीच युद्धविराम की घोषणा की. जिसे लेकर दुनिया के कई देशों ने तारीफ की. एक्सपर्ट्स ने तो यहां तक कहा कि ट्रंप का धमकी भरा फोन और व्यापार की धमकी वाला कॉल काम नहीं आया, आसियान की कूटनीति के चलते युद्धविराम हुआ.
ट्रंप को नोबल पुरस्कार देने के लिए गिड़गिड़ा रहा अमेरिका
लेकिन अमेरिका की बेशर्मी देखिए कि व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने दावा किया है कि “अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के 6 महीने में 6 युद्ध रुकवाए हैं, इसीलिए ट्रंप को नोबल शांति पुरस्कार दिया जाना चाहिए.”
कैरोलिन लेविट ने कहा, “ट्रंप ने दुनिया भर के कई संघर्ष क्षेत्रों में कई शांति समझौते और युद्धविराम की मध्यस्थता की है, ये शांति समझौते औसतन हर महीने एक होते हैं. लेविट ने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने की मांग दोहराई.”
कैरोलिन लेविट ने कहा “राष्ट्रपति ट्रंप ने थाईलैंड-कंबोडिया, इजराइल-ईरान, रवांडा-कांगो भारत-पाकिस्तान, सर्बिया-कोसोवो और मिस्र-इथियोपिया के बीच संघर्ष समाप्त करवाया है. इसका मतलब है कि ट्रंप ने अपने छह महीने के कार्यकाल के दौरान औसतन हर महीने एक शांति समझौता या युद्धविराम करवाया है. अब समय आ गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाए”.