अमेरिकी विरोध का नजरअंदाज करते हुए और इजरायल को झटका देते हुए ब्रिटेन ने फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दी है. रविवार को खुद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने ये घोषणा की. ब्रिटेन के अलावा कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दे दी है. कनाडा पहला जी7 देश बना है, जिसने फिलिस्तीन को देश के तौर मान्यता दी है.
वहीं फ्रांस भी यूएन में फिलिस्तीन को मान्यता देने वाला है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पहले ही इसकी घोषणा कर चुके हैं. भारत-चीन समेत दुनिया के 140 से ज्यादा देश फिलिस्तीन को स्वतंत्र किए जाने के पक्ष में हैं. ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के इस कदम पर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने नाराजगी जताई है.
इजरायल में स्थाई शांति और टू स्टेट समाधान के लिए दे रहे फिलिस्तीन को मान्यता: कीर स्टार्मर
ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर ने रविवार को अपने फैसले की घोषणा करके हुए कहा, “आज फिलिस्तीन और इजरायली लोगों के लिए स्थायी शांति की उम्मीद और टू-स्टेट समाधान को मजबूत करने के लिए यूके औपचारिक रूप से फिलिस्तीन को देश के तौर पर मान्यता दे रहा है. मध्य पूर्व में बढ़ते हिंसा के बीच हम शांति बनाए रखने और दो देशों के समाधान की कोशिश कर रहे हैं. इसका मतलब है कि एक सुरक्षित इजराइल के साथ-साथ एक स्वतंत्र फिलिस्तीन भी होना चाहिए.”
हालांकि कीर स्टार्मर ने अपने बयान पर हमास के चंगुल में फंसे बंधकों की रिहाई पर जोर देते हुए कहा, “यह फैसला हमास की जीत नहीं है. उसे भविष्य में फिलिस्तीन सरकार में कोई भूमिका नहीं दी जाएगी. शांतिपूर्ण भविष्य जरूरी है कि हमास बंधक बनाए गए सभी लोगों को रिहा करे.”
फिलिस्तीन को मान्यता देना जिहाई संगठन हमास को इनाम देने जैसा: इजरायल
इजरायल के विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. इजरायल की ओर से कहा गया, “फिलिस्तीन को देश के रूप में मान्यता देना जिहादी संगठन हमास को इनाम देने जैसा है. हमास को ब्रिटेन में मौजूद मुस्लिम ब्रदरहुड से हिम्मत मिल रही है.”
संयुक्त राष्ट्र में पेश हो चुका है प्रस्ताव, फिलिस्तीन को मिला भारत का भी साथ
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस और सऊदी अरब, फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने का प्रस्ताव लाया था. प्रस्ताव को भारत समेत 142 देशों ने समर्थन दिया. 10 देशों ने विरोध में वोट दिया और 12 देश मतदान से दूर रहे. अमेरिका, अर्जेंटीना, हंगरी, इजरायल, समेत 10 देशों ने प्रस्ताव के विरोध में वोट दिया था. लेकिन समर्थक देश अधिक होने के कारण प्रस्ताव पारित हो गया था.
यूएन में फिलिस्तीन के पक्ष में भारत, स्वतंत्र राष्ट्र की मांग को सही बताया
संयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को ‘न्यूयॉर्क घोषणा’ पर ऐतिहासिक मतदान हुआ. भारत ने फिलिस्तीन के स्वतंत्र राष्ट्र की मांग के पक्ष में समर्थन दिया है. इस प्रस्ताव के पक्ष में 142 देशों ने वोट दिया, जबकि 10 ने विरोध किया और 12 देशों ने मतदान नहीं किया.
यूएन महासभा में लाए गए एक प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करते हुए भारत ने कहा, वह दो अलग-अलग देशों को मान्यता देकर इस विवाद का शांतिपूर्ण समाधान करने के पक्ष में है और हमेशा से फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र मान्यता दिलाने की कोशिशों के साथ खड़ा रहा है. स्थायी शांति तभी संभव है, जब फिलिस्तीन को स्वतंत्र राज्य का दर्जा मिले.
अमेरिका ने लगाया फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के वीजा पर बैन, ऑनलाइन करेंगे संबोधित
22 सितंबर में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा से पहले अमेरिका ने बड़ा खेल कर दिया है. अमेरिका ने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और 80 अन्य अधिकारियों के वीजा रद्द कर दिए हैं. साथ ही नए वीजा को खारिज कर दिया है.
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास न्यूयॉर्क को होने वाली एक उच्च-स्तरीय बैठक में हिस्सा लेने वाले थे, जिसे फ्रांस और सऊदी अरब की सह-अध्यक्षता में आयोजित किया गया है. यह बैठक इजरायल और एक स्वतंत्र फिलिस्तीन के साथ-साथ रहने वाले दो-राज्य समाधान के लिए बुलाई गई थी.
वीजा रद्द होने के बाद फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास अब 25 सितंबर को ऑनलाइन तरीके से संबोधित करेंगे. 23 सितंबर से यूएन का सत्र शुरु हो रहा है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी हिस्सा ले रहे हैं. इस बार भारत की ओर विदेश मंत्री एस जयशंकर हिस्सा लेंगे.