अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की कोशिश करने वाले हमलावर की पहचान कर ली गई है. 20 वर्ष के हमलावर की पहचान पेंसिलवानिया के ही थॉमस मैथ्यू क्रूकस के तौर पर हुई है. हालांकि, एफबीआई हमले की जांच में जुट गई है लेकिन सवाल ये है कि मैथ्यू एक लोन-वुल्फ था जो यूक्रेन को लेकर ट्रंप की नीतियों से नाराज था या फिर ये डीप स्टेट की साजिश है, जैसा कि अमेरिका की पूर्व सांसद तुलसी गबार्ड ने सनसनीखेज आरोप लगाया है.
ट्रंप पर गोलियां चलाने के साथ ही घटनास्थल पर मौजूद पुलिस पुलिसकर्मियों ने मैथ्यू को मौके पर ही ढेर कर दिया गया था. अमेरिकी के फेडरेल जांच एजेंसी एफबीआई ने हमलावर की पुष्टि मैथ्यू के तौर पर कर दी है.
हमले के वक्त मैथ्यू ने एक मिलिट्री-टॉय कंपनी की टी-शर्ट पहन रखी थी. यानी वो मिलिट्री-गेम्स खेलने में निपुण माना जा सकता है. उसका निशाना लगभग अचूक था. गोली की आवाज सुनकर अगर ट्रंप ने अपनी गर्दन हिलाई नहीं होती तो गोली सर के संवेदनशील हिस्से पर मार कर सकती थी.
कहा तो ये भी जा रहा है कि हमलावर ने एक गोली ट्रंप के सीने पर चलाई थी लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट पहने होने के चलते कोई नुकसान नहीं हुआ.
हमले के बाद मैथ्यू का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वो ट्रंप की रिपल्बिकन पार्टी से घृणा करने की बात कर रही है. वो रिपल्बिकन पार्टी को दोष देते हुए गलत शख्स (ट्रंप) को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज दिखाई पड़ रहा है. हालांकि, अब ये बात निकल कर सामने आ रही है कि ये वीडियो मैथ्यू की तरह ही दिखने वाले शख्स ने मजाकिया अंदाज में बनाया था जो अब वायरल हो गया है.
मैथ्यू के सोशल मीडिया अकाउंट को देखते हैं तो वो यूक्रेन का समर्थक दिखाई पड़ता है. उसने अपने अकाउंट की वॉल पर यूक्रेन का येलो-ब्लू फ्लैग लगाया हुआ है. ऐसे में कयास इस बात के भी लगाए जा सकते हैं कि क्या उसने यूक्रेन युद्ध के चलते ही ट्रंप की जान लेने की कोशिश की.
दरअसल, अपनी चुनावी रैलियों में ट्रंप लगातार दावा कर रहे हैं कि अगर वे अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो रूस-यूक्रेन युद्ध नहीं होने देते. साथ ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की पर जबरदस्त हमला कर अमेरिका जैसे देशों से पैसा और हथियार लूटने का आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में ये माना जा रहा था कि अगर ट्रंप राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतते हैं तो यूक्रेन को मिलने वाली सहायता राशि और हथियारों की सप्लाई बंद कर दी जाएगी.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ट्रंप की नजदीकियां भी दुनिया से छिपी नहीं रही हैं. जब ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए थे (2018-22) तब रुस पर अमेरिकी वोटिंग को प्रभावित करने के आरोप लगे थे. अमेरिका में इस मामले में एक उच्च स्तरीय जांच भी की गई थी. लेकिन जांच कमेटी ने ट्रंप को क्लीन चिट दे दी थी.
इस बीच रिपब्लिकन पार्टी की नेता और 2018 में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रहीं तुलसी गबार्ड ने एक बार फिर ट्रंप पर हुए हमले के लिए डीप-स्टेट को जिम्मेदार ठहराया. हमले के तुरंत बाद तुलसी ने डीप-स्टेट को हमला का जिम्मेदार ठहराया. हालांकि, तुलसी ने बाद में पोस्ट को एडिट कर डीप-स्टेट शब्द हटा दिया.
ये कोई पहली बार नहीं है जब तुलसी ने अमेरिका के डीप-स्टेट का जिक्र किया है. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने जो बाइडेन को राष्ट्रपति बनाए जाने के पीछे भी डीप-स्टेट का हाथ बताया था.
तुलसी के मुताबिक, इस डीप-स्टेट में कुछ गैर-चुने हुए राजनीतिक प्रतिनिधि, मिलिट्री इंड्रस्टियल कॉम्पलेक्स, नेशनल सिक्योरिटी स्टेट और मीडियाकर्मी शामिल हैं. वे चाहते हैं कि किसी तरह बाइडेन को राष्ट्रपति बनाया रखा जाए ताकि वो उनके हाथों की ‘कठपुतली’ बन रहें.
इसी बीच सोशल मीडिया पर इस बात की भ्रामक जानकारियां भी सामने आने लगी कि ट्रंप ने ये हमला स्टेज किया था.
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