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रूस का हिस्सा बन जाएगा यूक्रेन, ट्रंप ने फेंका Bombshell

रूस- यूक्रेन के युद्ध रुकवाने की दम भरने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ये कहकर तहलका मचा दिया है कि किसी दिन रूस का ही हो जाएगा यूक्रेन. साथ ही ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की टेंशन बढ़ाते हुए ये भी कहा है कि अमेरिका ने युद्ध के दौरान यूक्रेन की जितनी मदद की है, उसे वापस लेने में कोई संकोच नहीं करेगा.

डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, कि यह एक सच्चाई है कि यूक्रेन का एक बड़ा हिस्सा रूस में दोबारा मिलना चाहता है और ये पहले ही हो चुका है.

रूस का हो सकता है यूक्रेन: डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी मदद के बदले यूक्रेन से रेयर अर्थ एलिमेंट (बहुमूल्य खनिज) लेने का ऑफर देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है. ट्रंप ने कहा है कि, “यूक्रेन के पास मूल्यवान खजाना है. मैं चाहता हूं कि हमारा पैसा सुरक्षित रहे क्योंकि हम करोड़ों डॉलर खर्च कर रहे हैं. यूक्रेन हमारे साथ चाहे तो एक समझौता कर सकता है या फिर अगर नहीं चाहता तो कोई बात नहीं. वो किसी दिन रूस में मिल जाएगा या फिर नहीं भी मिलेगा लेकिन हमारा पैसा वहां जा रहा है, मैं अपना पैसा वापस चाहता हूं. मैंने यूक्रेन से कहा है कि मैं बराबरी चाहता हूं… वो हमें 500 अरब डॉलर का रेयर अर्थ दे दें. यूक्रेन ऐसा करने को राजी भी हो गया है तो हमें ऐसा नहीं लगेगा कि हमें बेवकूफ बनाया गया है.”

ट्रंप के बयान से पुतिन खुश, क्रेमलिन ने क्या कहा?

डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बयान जारी किया है. दिमित्री ने अपने बयान में कहा, ‘यह एक सच्चाई है कि यूक्रेन का एक बड़ा हिस्सा रूस में दोबारा मिल जाना चाहता है या ये हिस्से पहले ही रूस में शामिल हो चुके हैं. यह एक ऐसा तथ्य है जो जमीनी स्तर पर साकार हुआ है. रूस में अब चार नए क्षेत्र (दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसोन और जपोरेजिया) मिल गए हैं. यूक्रेन में लोग कई खतरों के बावजूद रूस में शामिल होने के लिए जनमत संग्रह में वोटिंग के लिए तैयार है. 

यूक्रेन के कौन-कौन से क्षेत्र पर कब्जा चाहता है रूस?

जब रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण किया था, तो ऐसा लगा था रूसी सेना जल्द ही कीव समेत कई बड़े हिस्सों पर अपना कब्जा कर लेगी. लेकिन तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत नाटो देशों ने रूस के खिलाफ यूक्रेन का खुलकर समर्थन किया, जिसके कारण युद्ध को इस महीने की 24 तारीख (फरवरी) को तीन साल पूरे हो जाएंगे. रूस को जो जंग आसान लगी थी, असल में वो आसान नहीं रही. मास्को के पास यूक्रेन के लगभग पांचवें हिस्से का क्षेत्र जरूरी आ गया है. 

साल 2023 में रूस ने अपने कब्जे को वैधता देने के प्रयास में चार कब्जे वाले क्षेत्रों, डोनेत्स्क, लुहान्स्क, ज़ापोरिज्जिया और खेरसॉन में जनमत संग्रह आयोजित किया था. ट्रंप के ताजा बयान के बाद दिमित्री पेसकोव ने उसी जनमत संग्रह के हवाले से कहा, “लोगों ने रूस में शामिल होने के लिए जनमत संग्रह में कई खतरों के बावजूद, लाइन में खड़े होकर मतदान किया.”

युद्ध खत्म करने के बदले पुतिन की क्या हैं शर्तें?

पुतिन की कोशिश है कि युद्ध को अब जल्द से जल्द खत्म किया जाए. लेकिन पुतिन ने शुरुआत से ही युद्ध को खत्म करने के लिए कई शर्तें रखी हैं, जिसमें मांग की गई है कि यूक्रेन नाटो में शामिल न हो, डोनबास और नोवोरोजिया क्षेत्र से यूक्रेनी सेना की वापसी हो, पश्चिमी देश रूस के ऊपर लगाए आर्थिक प्रतिबंध खत्म करें इत्यादि. 

ट्रंप की ताजा टिप्पणी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए वरदान की तरह है, क्योंकि पुतिन हमेशा से कहते रहे हैं कि “रूस और यूक्रेन के एक ही लोग हैं, एक साथ ही पूरे हैं, क्योंकि यूक्रेन एक संप्रभु देश नहीं है.”

म्यूनिख में ट्रंप प्रशासन से मिलेंगे यूरोपीय नेता

कुछ यूरोपीय नेताओं द्वारा इस सप्ताह म्यूनिख में ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ सदस्यों से मिलने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया है कि रूस यूक्रेन में अपने युद्ध से “लाभ नहीं उठा सकता” और उसे विजयी नहीं होना चाहिए. डूडा ने कहा कि “एक आदर्श परिदृश्य में यूक्रेन को वह सारी भूमि वापस मिल जानी चाहिए, जिस पर आज रूस का कब्जा है. युद्ध रुकना चाहिए लेकिन रूस की शर्तों पर नहीं.”  

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