अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत की तारीफ करने और सुर बदलने और तेवर ढीले होने के तुरंत बाद अमेरिकी कंपनी जीई ने एचएएल को तीसरे एविएशन इंजन (एफ-404) की डिलीवरी कर दी है. माना जा रहा है कि चौथा इंजन भी इस महीने के आखिर तक भारत आ सकता है.
डील के मुताबिक, इस वर्ष (2025-2) तक जीई से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को कुल 99 में से 12 इंजन मिलने हैं. इन इंजन का इस्तेमाल एलसीए-तेजस फाइटर जेट के उन्नत वर्जन एलसीए मार्क-1ए के लिए इस्तेमाल होना है. अमेरिका से इंजन की डिलीवरी करीब दो साल के देरी से हो रही है.
अमेरिका ने की एलसीए तेजस के इंजन कि डिलीवरी, तनाव के चलते नहीं हुआ था सप्लाई
पिछले महीने (अगस्त) में अमेरिका से एक भी इंजन की सप्लाई नहीं हुई थी. वजह थी भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में जबर्दस्त तनाव. ऑपरेशन सिंदूर का क्रेडिट न दिए जाने से नाराजगी और रूस से तेल खरीदने को लेकर ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लाद दिया था, लेकिन भारत ने झुकने से मना कर दिया था. माना जा रहा है कि इसी खटास के कारण पिछले महीने मिलने वाला इंजन एचएएल को नहीं मिल पाया था.
लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन (31 अगस्त-1 सितंबर) दौरे के बाद बुधवार को लगातार तीसरी बार ट्रंप ने भारत की तारीफ की थी. ट्रंप के ताजा बयान के बाद पीएम मोदी ने भी कहा है कि भारत और अमेरिका बहुत अच्छे मित्र और स्वाभाविक साझेदार हैं.
ऑपरेशन सिंदूर में ट्रंप की मध्यस्थता को नकारने के चलते भारत और अमेरिका के संबंधों में खटास आ गई थी. ट्रंप ने भारत को डेड-इकोनोमी तक करार देते हुए 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था. लेकिन भारत की नीतियों के आगे ट्रंप को झुकना पड़ा और मोदी से मिलने तक की इच्छा जता दी.
इंजन सप्लाई में देरी के बावजूद एचएएल कर रहा मार्क-1ए एडवांस वर्जन जेट की डिलीवरी
अमेरिका से एविएशन इंजन की सप्लाई में हो रही देरी के बावजूद, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारतीय वायुसेना को एलसीए तेजस फाइटर जेट के दो एडवांस वर्जन मार्क-1ए की डिलीवरी करने जा रहा है.
एचएएल ने एलसीए मार्क-1ए के दस वर्जन तैयार कर लिए हैं. लेकिन अमेरिका की जीई कंपनी से एफ-404 इंजन की सप्लाई में लगातार देरी हो रही है. ऐसे में एलसीए मार्क-1ए प्रोजेक्ट बेहद देरी से चल रहा है. इसे लेकर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह अपनी नाराजगी सार्वजनिक तौर से जाहिर कर चुके हैं.
जानकारी के मुताबिक, इसी महीने (सितंबर में) एलसीए मार्क-1ए का फायरिंग परीक्षण है. इस दौरान, स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) से स्वदेशी अस्त्रा (बियॉन्ड विजुअल रेंज) मिसाइल और शॉर्ट रेंज एयर टू एयर मिसाइल फायर किया जाना है. इस परीक्षण के बाद वायुसेना को दो एलसीए विमान सौंप दिए जाएंगे.
एलसीए मार्क-1ए के निर्माण के लिए भले ही अमेरिका से एविएशन इंजन की सप्लाई बेहद सुस्त गति से चल रही है लेकिन सरकार ने पिछले महीने वायुसेना के लिए अतिरिक्त 97 स्वदेशी लड़ाकू विमानों की खरीद को हरी झंडी दे दी है.
वर्ष 2021 में रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से वायुसेना के लिए 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क-ए का करार किया था. इस करार की कुल कीमत करीब 48 हजार करोड़ थी. इन एलसीए लड़ाकू विमानों के लिए भारत ने अमेरिका की जीई कंपनी से 99 एफ-404 एविएशन इंजन का सौदा किया था.
पिछले 2 साल से अमेरिका से हो रही इंजन सप्लाई में देरी
पिछले दो साल से अमेरिका से इन एविएशन इंजन की सप्लाई एचएएल को ठीक प्रकार से नहीं हो पाई है. अभी तक महज दो (02) इंजन की सप्लाई ही अमेरिका से हुई है. अमेरिका का दावा है कि ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित होने के चलते ऐसा हो रहा है. लेकिन माना जा रहा है कि पहले खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश की साजिश रचने और अब टैरिफ वॉर (और ऑपरेशन सिंदूर) के चलते, सप्लाई बेहद धीमी गति से हो रही है.
एचएएल का दावा है कि इंजन सप्लाई दुरुस्त होने से वायुसेना को इस साल (मार्च 2026) तक 10 लड़ाकू विमानों की सप्लाई हो सकती है.
जुलाई महीने में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा ने खुद एएचएल की बेंगलुरू स्थित फैसिलिटी का दौरा कर एलसीए प्रोजेक्ट की समीक्षा की थी.