Breaking News Conflict Indian-Subcontinent Kashmir

POK में पत्रकारों पर लगाम, पाकिस्तानी सेना के खिलाफ दुष्प्रचार का आरोप

जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के उलजूलल आरोप लगाने वाला पाकिस्तान खुद पीओके में पत्रकारों का मुंह बंद करने में जुटा है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की नीलम घाटी में पुलिस ने सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी सेना की आलोचना करने के आरोप में दो पत्रकारों और एक सोशल मीडिया एक्टिविस्ट सहित कुल तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.

पाकिस्तान ने जिन पत्रकारों को गिरफ्तार किया है उनके नाम हयात अवान और मीडिया कार्यकर्ता वसीम ख्वाजा है. पाकिस्तान पुलिस ने कहा है दोनों की गिरफ्तारी गर्ल्स कॉलेज प्रिंसिपल की शिकायत के बाद की गई है.

पीओके के पत्रकारों पर क्या है आरोप

प्रिंसिपल की शिकायत में लिखा गया है कि पत्रकारों ने कॉलेज की छात्राओं को युवा जुड़ाव और कौशल विकास कार्यक्रम के तहत शूटिंग टेस्ट के लिए सेना के शिविर में भेजे जाने के बाद सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार अभियान चलाया था. प्रिंसिपल जुबैदा बशीर ने दावा किया कि हयात अवान, वसीम ख्वाजा और अजहर मुगल ने सोशल मीडिया पर कार्यक्रम को गलत तरीके से पेश किया. शिकायत में दोनों पत्रकारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है.

पत्रकारों के पक्ष में खड़े हुए स्थानीय लोग

पीओके में पत्रकारों की गिरफ्तारी के खिलाफ पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ दी गई है. पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश सैयद मंज़ूर-उल-हसन गिलानी ने कहा कि, “सम्मान और प्रतिष्ठा आचरण से अर्जित की जाती है, आवाज़ों को चुप कराकर नहीं.”

पीओके के नीलम प्रेस क्लब के अध्यक्ष जावेद असदुल्लाह ने भी पत्रकारों की गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए कहा, “पुरुष अभिभावकों के बिना सैन्य शिविर में छात्रों के प्रशिक्षण के बारे में स्थिति साफ करने के बजाय, प्रिंसिपल ने एक एफआईआर दर्ज कराई, जिसकी वजह से दो पत्रकारों की गिरफ्तारी हुई.” 

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.